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आख़िरी खत - गृहलक्ष्मी कहानियां

आज की डील फाइनल होने के पश्चात चौधरी जी का नाम शहर के नंबर एक व्यवसायी की सूची में दर्ज होने वाला था,लेकिन ये कॉल...! उनके कार्य में विघ्न डाल रहा था। चौधरी जी ने परेशान हो कर फोन बंद कर दिया।
07:00 PM Apr 08, 2024 IST | sandeep ghosh
आख़िरी खत   गृहलक्ष्मी कहानियां
akhiri khat hindi story
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Hindi Story: चौधरी जी अपने मोबाइल पर बार-बार आ रहे कॉल को बिना देखे ही काट रहे थे,क्योंकि आज वे बहुत ही महत्वपूर्ण बैठक पर थे। यह बैठक उनके व्यवसाय को उस शीर्ष पर ले जाने वाला था जहां पहुंचना   उनका सपना था। आज की डील फाइनल होने के पश्चात चौधरी जी का नाम शहर के नंबर एक व्यवसायी की सूची में दर्ज होने वाला था,लेकिन ये कॉल…! उनके कार्य में विघ्न डाल रहा था। चौधरी जी ने परेशान हो कर फोन बंद कर दिया।

    ‎चौधरी ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक अविनाश चौधरी शहर के जाने माने हस्ती हैं।आज वे जिस शिखर पर हैं इस मुकाम तक पहुँचने में लोगों की पूरी ज़िन्दगी गुज़र  जाती है,लेकिन इन्होनें बहुत ही कम समय में यह सफलता अर्जित कर ली थी।हर कोई उनकी कार्यकुशलता और कार्यनिष्ठा की सराहना करता था।

‎डील फाइनल होने ही वाला था कि चौधरी जी के निजी सचिव ने उनके कान में ऐसा कुछ कहा कि वे डील फाइनल किए बगैर ही दौड़ पड़े।घर पहुँच कर उन्होनें देखा उनका बेटा शौर्य अपने कमरे में खून से लथपथ ज़मीन पर पड़ा हुआ है और घर के सभी नौकर-चाकर उसे घेरे खड़े है। चौधरी जी का हृदय द्रवित हो उठा ।उन्होनें उसे अपने सीने से लगा लिया और शहर के सबसे बड़े अस्पताल लेकर पहुंचे। बाहर से भी डाक्टर की टीम बुलाई गई।चौधरी जी सभी से हाथ जोड़ अपने बेटे को बचाने की गुहार लगाने लगे,लेकिन उसे बचाया ना जा सका।चौधरी जी पागलों की तरह चीखते चिल्लाते रहे मेरी सारी संपत्ति ले लो मगर मेरे बेटे को बचा लो परन्तु अब यह संभव ना था। बेटे को अंतिम बिदाई देने के बाद बोझिल मन से जब वे अपने बेटे के कमरे में ग‌ए तो उन्होनें देखा उनकी धर्मपत्नी की तस्वीर के पास एक कागज रखा है। जिस पर लिखा था-

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प्यारी माँ,  तुम्हारे जाने के बाद मैंं बहुत अकेला हो गया हूँ।मेरी बातें सुनने के लिए यहाँ कोई नहीं है। तुम्हारी बहुत याद आती है इसलिए मैंने अपनी एक अलग ही दुनियाँ बसा ली है जहाँ कभी किसी की कमी महसूस नहीं होती।बस एक कश ही काफी होता है सब कुछ भूल जाने के लिए।माँ कल जब मैं घर देर से पहुँचा तो कई दिनों बाद पापा से मुलाकात हुई।मुझे देख पापा गुस्सा हुए, उन्होंने मुझे डांटा भी और बाल कटवाने को कहा । मुझे बहुत अच्छा लगा । मेरा सपना था मैं पापा के साथ कुछ देर समय बिताऊं लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। पापा हमेशा व्यस्त रहते हैं।
   आज सुबह मैं पापा से सब कुछ कह देना चाहता था,लेकिन मेरे जागने से पहले पापा जा चुके थे और मैं एक बार फिर अकेला था।मैंने पापा को कई बार कॉल किया लेकिन वे मेरा फोन रिसीव नहीं कर रहे।मैं तुम्हारे पास आने से पहले पापा को अपने करीब महसूस करना चाहत हूँ। उनकी आवाज़ सुनना चाहता हूँ।माँ मैं तुम्हारे पास आ रहा हूँ।

तुम्हारा अपना बेटा

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शौर्य

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