सस्पेंस थ्रिलर के तौर पर आपको बांधे रखेगी 'औहाम': Auhaam Film Review
Auhaam Film Review: जिंदगी में परेशानी कभी कहकर नहीं आती फिर चाहे वह छोटी हो या बड़ी, एक ख़ुशहाल परिवार के लिए इससे बड़ी मुसीबत और क्या हो सकती है कि उसके घर का एक सदस्य अचानक से एक दिन लापता हो जाए और किसी को फिर उसका कोई अता-पता ना चले? इसी दिल दहला देने वाली कहानी को बड़े ही मार्मिक अंदाज़ में और रहस्य व रोमांच के साथ डायरेक्टर अंकित हंस ने फिल्म औहाम में प्रस्तुत किया है। यह फिल्म 26 मई को सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। सस्पेंस थ्रिलर मूवी होने की वजह से यह दर्शकों को पसंद आई। यह एक ऐसी रोंगटे खड़ी कर देने वाली दास्तां है, जिसे किसी दर्शकों के लिए भुलाना इतना आसान नहीं होगा। फिल्म की कहानी इतनी मजबूत है कि शुरु से लेकर आखिर तक यह दर्शक को बांधे रखने में कामयाब है।
Auhaam Film Review:क्या है कहानी
यह कहानी एक नॉर्मल फैमिली की कहानी है। इसमें शिवा (हृदय सिंह) और रिया (दिव्या मलिक) अपनी एक बेटी (जनेशा सूरी) के साथ एक बेहद ख़ुशहाल जिंदगी बिता रहे हैं कि एक दिन अचानक से रिया अपने घर से गायब हो जाती है। जाहिर है कि वो जिस तरह से गायब होती है उस वजह से उसका बुरी तरह से टूट सा जाता है। वो अपने स्तर पर हर वो मुमकिन कोशिश करता है जिससे कि वो अपनी बीवी को ढूंड निकाले। लकिन आखिर में जब वह अपने स्तर नहीं कर पाता और उसकी तमाम कोशिशें नाकाम साबित होती हैं और ऐसे में वह यूपी पुलिस का सहारा लेता है। मगर इस केस की इंवेस्टीगेशन कर रहे पुलिस इंस्पेक्टर (यशवंत) को जल्द इस बात का आभास हो जाता है कि ये उनके करियर में अब तक का सबसे जटिल और उलझा हुआ केस है, जिसे सुलझाना किसी ऊंची पहाड़ी चढ़ने से कम मुश्किल नहीं है। रिया की गुमशुदगी की जांच के दौरान पुलिस के सामने रहस्य की ऐसी-ऐसी परतें खुलती हैं कि हर कोई भौंचक्का रह जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अचानक से लापता होने के पीछे बहुत से रहस्य और कहानियां सांस ले रही हैं।
सस्पेंस है भरपूर
अगर आप सस्पेंस-थ्रिलर फ़िल्म को देखना पसंद करते हैं तो यह फिल्म आपको बोर होने का एक भी मौका नहीं देगी। निर्देशक अंकित हंस ने इसे कुछ ऐसे अंदाज में पेश किया है कि कहानी के ट्विस्ट और टर्न ऑडियंस की रोचकता को बनाए रखते हैं। इस पूरी फिल्म को देखने के दौरान यह अहसास रहता है कि अब अगले सीन में क्या देखने को मिलेगा। फिल्म में एक से बढ़कर एक खुलासे दर्शकों को हैरान करते हैं।
क्यों देखें फिल्म
फ़िल्म के स्क्रिप्ट की बात करें डायरेक्शन की या डायलॉग की फिल्म का हर पहलू बेहतरीन है। फ़िल्म को कुछ इस अंदाज़ में फिल्माया गया है कि ऑडियंस के तौर पर आप फ़िल्म में कहीं खो जाते हो और फ़िल्म से एक अलग तरह का जुड़ाव महसूस करने लगते हो इसमें रहस्य और रोमांच का ऐसा समावेश है कि आपको फिल्म देखते समय समय का पता ही नहीं चलता। यह फिल्म आपको बांधे रखने में कामयाब है। रिचा गुप्ता फ़िल्म्स की औहाम में में प्रमुख भूमिकाओं में हृदय सिंह, दिव्या मलिक और वरुण सूरी हैं। इसमें चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर जनेशा सूरी (श्रिया) पुष्पिंदर सिंह (चेतन), राम नारायण चावला (बक्शी) और अमित बालाजी (मंगत) का अभिनय भी शानदार है। इस फिल्म में संगीत दिया है विजय वर्मा ने।