बच्चों की पसंदीदा मौसी बनना है आसान, बस रखें इन बातों का ध्यान: Aunt and Niece Relationship
Aunt and Niece Relationship: मौसी के साथ बच्चों का बहुत ही प्यारा रिश्ता होता हैI मौसी वो होती है, जो कभी माँ की भूमिका निभाती है, तो कभी माँ जैसी बन जाती हैI मौसी के साथ बच्चों को दोस्तों की कमी कभी महसूस नहीं होती बल्कि मौसी के साथ बच्चे दोगुनी मस्ती करते हैंI जब माँ और मौसी साथ में भी होती हैं, तो बच्चे माँ की बात नहीं बल्कि मौसी की बात ही सुनते हैंI ऐसे में मौसी की जिम्मेदारी बच्चों के प्रति और भी ज्यादा बढ़ जाती हैI मौसी के लिए जरूरी हो जाता है कि वह प्यार व मस्ती के साथ बच्चों को सही चीजें सिखाएं और बच्चों की पसंदीदा बन कर रहेंI
आइये जानते हैं कि आप बच्चों की पसंदीदा मौसी कैसे बन सकती हैंI
बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार रखें

अच्छी मौसी बनने के लिए जरूरी है कि बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार रखेंI आपको ये अच्छे से समझना होगा कि आपके सोचने के तरीके और बच्चों के सोचने के तरीके में अंतर हैI वे अपनी उम्र के अनुसार ही चीजों को देखते व समझते हैंI इसलिए कभी भी चीजों को अपनी सोच व समझ के अनुसार उन्हें ना समझाएंI बल्कि पहले ये समझने की कोशिश करें कि आप इस उम्र में इस तरह की स्थिति में क्या करतीं, और उसी के आधार पर बच्चों के साथ बर्ताव करेंI अपना व्यवहार थोड़ा दोस्ताना ही रखें ताकि बच्चे आपसे कोई बात शेयर करने में डरे नहीं और ना ही उन्हें हिचक महसूस हो कि पता नहीं मौसी को बताऊंगा तो मौसी क्या सोचेंगीI दोस्ताना व्यवहार रखेंगी तो बच्चे खुलकर आपसे अपने दिल की बात कर पाएंगेI
बच्चों की बातें सुनने की कोशिश करें

बच्चों के मन में कई तरह की बातें चल रही होती हैं, जिन्हें वे अपने मातापिता को बताना चाहते हैंI लेकिन अक्सर पेरेंट्स बच्चों की इन बातों को नज़रअंदाज कर देते हैंI वे हर समय बच्चों को बस पढ़ाई पर फोकस करने के लिए ही कहते रहते हैंI यहाँ आपकी जिम्मेदारी बनती है कि आप बच्चों की बातें सुनें और उनके उलझनों को दूर करने की कोशिश करेंI
उपहार से करें बच्चों को खुश

बच्चों को उपहार बहुत पसंद होता है, खासकर अगर उन्हें उनकी पसंद का उपहार मिलेI बच्चों के लिए उनकी जरूरत की चीजें अपने बजट के अनुसार खरीद का गिफ्ट करेंI गिफ्ट पाकर बच्चे बहुत खुश होते हैंI जब बच्चों के लिए उपहार खरीदें तो हमेशा कोशिश करें कि उन्हें ऐसी चीजें दें, जो उनके लिए उपयोगी होने के साथ-साथ उनकी क्रिएटिविटी को भी निखारेI
बच्चों के संग बच्चा बनना है जरूरी

बच्चों के करीब जाने के लिए जरूरी है कि आप भी उनके साथ बच्चा बन जाएI वे जैसे खेलते हैं, जैसे खाते हैं, जो बातें करते हैं, आप भी वैसा ही करेंI यकीन मानिए बच्चों के साथ बच्चा बन कर आप भी तनाव रहित महसूस करेंगी और बच्चे भी आपके साथ खुलकर मस्ती कर पाएँगेI
बच्चों के सीक्रेट किसी को ना बताएं

बच्चे मौसी के साथ दिल खोल कर अपने सारे सीक्रेट शेयर कर देते हैंI कभी कभी ऐसा हो जाता है कि जब हम परिवार के साथ होते हैं, एकदूसरे से बातें करते हैं, मस्ती मजाक के मूड में होते हैं तो अनजाने में बच्चों के सीक्रेट सभी को बता कर हंसते हैंI हमारे ऐसा करने से बच्चे हम पर विश्वास करना छोड़ देते हैं, और अपनी बातें भी शेयर नहीं करतेI इसलिए आप उनके सीक्रेट्स को अपने पास ही रखें, परिवार में सबको ना बताएंI
हर बात मम्मी को बताने की धमकी ना दें

कई बार आपके प्यार भरे व्यवहार को देखकर बच्चे आपसे पर्सनल बातें शेयर कर देते हैं, जो उनकी माँ को भी नहीं पता होता हैI लेकिन हम कभी कभी मजाक मजाक में ही बच्चों को बोल देते हैं कि “बताऊँ मम्मी को, की उस दिन तुमने क्या किया था” ऐसा ना करेंI क्योंकि अगर आप ऐसा करती हैं तो बच्चों के अन्दर आपके लिए गुस्सा बढ़ जाता हैI उन्हें लगने लगता है कि मौसी भी मम्मी की ही साइड हैंI मौसी भी हमसे प्यार नहीं करतींI
बच्चों को ना कहना भी सीखें

बच्चे ये बात अच्छी तरह से जानते हैं कि मौसी उन्हें कभी किसी बात के लिए मना नहीं करतीI मौसी से कुछ भी मांगों वो दे देती हैं और इसी बात का वो कभी कभी इमोशनल फायदा भी उठाने लगते हैंI अगर मम्मी किसी बात के लिए मना कर देती है तो तुरंत मौसी को फोन मिला कर बताने लगते हैंI यहाँ तक कि मम्मी की शिकायत भी करने में पीछे नहीं रहते हैंI इसलिए अपने व्यवहार से बच्चों को कभी भी ये ना लगने दें कि आप उनकी हर बात मानती हैं या उनकी हर डिमांड को पूरा करेंगीI जब आपको लगे कि बच्चों की ये डिमांड गलत है तो मना करने में बिलकुल भी ना सोचेंI
बात बिना सुनें समझे रिएक्ट ना करें

कई बार ऐसा होता है कि हम बच्चों की बात बिना सुने ही बोलना शुरू कर देते हैं, उन्हें डांटने लगते हैंI ऐसी गलती बिलकुल भी ना करेंI पहले शांत होकर बच्चों की बातें सुने, समझे और फिर इसके बाद रिएक्ट करेंI
बच्चों को हमेशा प्रोत्साहित करें

मौसी होने के नाते ये आपका कर्तव्य है कि आप बच्चों को हमेशा अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करेंI अपनी बात से उनका आत्मविश्वास बढ़ाएंI जब भी वे कुछ अच्छा करें तो उन्हें शाबासी जरूर देंI
बच्चों में कभी तुलना ना करें

अक्सर हम जाने अनजाने में बच्चों के बीच तुलना कर देते हैंI बिना गलती के भी बड़े बच्चे को डांट देते हैं ये कह कर कि तुम तो बड़े हो, तुम्हें तो ध्यान रखना चाहिए थाI छोटे बच्चे को अपने हाथ से खाना खिलाते हैं और अगर बड़ा बच्चा भी डिमांड कर दे तो ये कह देते हैं कि अब तुम बड़े हो गए हो, तुम्हें खुद से खाना चाहिएI ऐसी गलती ना करें ऐसा करने से बच्चे को लगने लगता है कि आप उसे अब प्यार नहीं करती, और वह आपसे दूर दूर रहने लगता हैI दोनों बच्चों को हमेशा एक सा प्यार करेंI