गर्भ धारण के समय नहीं खाना चाहिए इस तरह का भोजन: Avoid Food for Conceiving
Avoid Food for Conceiving: जब आप और आपके पति एक परिवार शुरू करने के लिए तैयार होते हैं, तो आप दोनों कई बातों का ध्यान रखने लगते हैं। आप जानते हैं कि स्वस्थ आहार से ही आपके शरीर को प्रेगनेंसी के लिए तैयार करने और आपके गर्भवती होने की संभावनाओं को बढ़ाने में मदद मिलती है। हालांकि, कुछ भोजन ऐसे भी होते हैं, जो प्रजनन क्षमता में बाधा डाल सकते हैं और आपको इस दौरान इन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। आज इस लेख में हम उन खाद्य पदार्थों के बारे में जानेंगे, जिनका सेवन गर्भ धारण करने की कोशिश करते समय करने से बचना चाहिए, ताकि आपको गर्भवती होने में दिक्कत का सामना न करना पड़े।
खास तरह की मछली
![Avoid Food for Conceiving](https://grehlakshmi.com/wp-content/uploads/2023/06/Untitled-design-2023-06-15T121924.704-1024x576.jpg)
मछली ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों का एक शानदार स्रोत है। बावजूद इसके मछली की कुछ प्रजातियों, विशेष रूप से हाई मर्क्यरी वाली मछलियों का सेवन प्रजनन क्षमता पर हानिकारक प्रभाव डाल सकती हैं। हाई मर्क्यरी प्रजनन प्रणाली में हस्तक्षेप कर सकता है और बढ़ते भ्रूण के विकास को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए शार्क, स्वोर्डफ़िश, किंग मैकेरल और टाइल फिश जैसी मछलियों का सेवन करने से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इनमें मर्क्यरी बहुत ज्यादा होता है। इसके बजाय, सैल्मन, ट्राउट और सार्डिन जैसे कम मर्क्यरी वाली मछली का सेवन किया जा सकता है, ये खतरे के बिना आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं।
प्रोसेस्ड मीट
सॉसेज, हॉट डॉग और डेली मीट सहित प्रोसेस्ड मीट में प्रिजर्वेटिव, एडिटिव्स और सोडियम का उच्च स्तर पाया जाता है, जो प्रजनन क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि प्रोसेस्ड मीट हार्मोनल संतुलन को बाधित करने की उनकी क्षमता के कारण ओवुलेटरी इनफर्टिलिटी के जोखिम को बढ़ा सकता है। अपनी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए स्वस्थ विकल्प के रूप में ऑर्गेनिक पोल्ट्री, फलियां और नट्स जैसे लीन प्रोटीन चुनें।
ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट
![trans fat and saturated fat](https://grehlakshmi.com/wp-content/uploads/2023/06/Untitled-design-2023-06-15T122345.673-1024x576.jpg)
आमतौर पर तले हुए खाद्य पदार्थों, पेस्ट्री और प्रोसेस्ड स्नैक्स में ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट पाए जाते हैं, इन्हें प्रजनन संबंधी मुद्दों जुड़ा हुआ माना जाता है। ये अनहेल्दी फैट्स इंसुलिन रेसिस्टेंस को बढ़ाते हैं, हार्मोन उत्पादन को बाधित करते हैं और शरीर में सूजन बढ़ाते हैं। हार्मोनल संतुलन को बढ़ावा देने और प्रजनन स्वास्थ्य का समर्थन करने के लिए एवोकैडो, जैतून का तेल, नट और बीज जैसे हेल्दी फैट्स स्रोतों का विकल्प चुनें।
अधिक कैफीन का सेवन
कैफीन कॉफी, चाय, एनर्जी ड्रिंक और कुछ सोडा में पाया जाने वाला स्टिमूलेन्ट है। कम मात्रा में कैफीन का सेवन आम तौर पर सुरक्षित माना जाता है, लेकिन अधिक सेवन को प्रजनन समस्याओं और गर्भपात के बढ़ते खतरे से जोड़ा गया है। विशेषज्ञ प्रति दिन 200 मिलीग्राम से अधिक कैफीन का सेवन सीमित करने की सलाह देते हैं, जो एक कप कॉफी के बराबर होता है। अपने प्रजनन लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए कैफीनयुक्त पेय पदार्थों की जगह हर्बल चाय, पानी, या डिकैफिनेटेड विकल्पों का सेवन सही रहता है।
अल्कोहल का सेवन
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गर्भ धारण करने की कोशिश करते समय शराब का सेवन कम से कम करना चाहिए या पूरी तरह से बचना चाहिए। अध्ययनों से पता चला है कि शराब पुरुष और महिला दोनों की प्रजनन क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। यह हार्मोनल संतुलन को बाधित कर सकता है, स्पर्म प्रोडक्शन यानी शुक्राणु उत्पादन को कम कर सकता है और गर्भपात के खतरे को बढ़ा सकता है। यदि आप और आपके पति इस दौरान गर्भवती होने की योजना बना रहे हैं, तो सलाह दी जाती है कि इस समय आप दोनों अपनी दिनचर्या से शराब को खत्म कर दें।
उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ
उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) वाले खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर लेवल में तेजी से वृद्धि करते हैं, जिससे इंसुलिन रेसिस्टेंस और हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। यह ओव्यूलेशन और प्रजनन क्षमता में हस्तक्षेप कर सकता है। उच्च जीआई खाद्य पदार्थों के उदाहरणों में सफेद ब्रेड, सफेद चावल, मीठे स्नैक्स और प्रोसेस्ड ब्रेकफास्ट सीरियल्स शामिल हैं। साबुत अनाज, फल, सब्जियां और फलियां चुनें, जिनका जीआई कम होता है और जो निरंतर एनर्जी प्रदान करते हैं।
प्रेगनेंट होने के लिए क्या खाएं
अब सवाल यह उठता है कि प्रेगनेंट होने के लिए क्या खाना चाहिए। आइए जानते हैं।
संतुलित आहार
![balanced diet](https://grehlakshmi.com/wp-content/uploads/2023/06/Untitled-design-2023-06-15T122658.601-1024x576.jpg)
स्वस्थ वजन हासिल करना और संतुलित आहार लेना प्रजनन क्षमता का आधार है। इसलिए आपके भोजन में फल, सब्जी, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट सहित कई तरह के खाद्य पदार्थ शामिल होने चाहिए। एक संतुलित आहार आवश्यक विटामिन, मिनरल, एंटीऑक्सिडेंट और फाइटोकेमिकल्स प्रदान करता है, जो प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।
जरूरी पोषक तत्व
कुछ पोषक तत्व हार्मोन को रेगुलेट करने, ओव्यूलेशन का समर्थन करने और स्पर्म हेल्थ में सुधार करने में अहम भूमिका निभाते हैं। पत्तेदार साग, खट्टे फल, बीन्स और फोर्टिफाइड अनाज में फोलिक एसिड पाया जाता है। यह जन्म दोषों के जोखिम को कम करता है और प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है। आयरन वाले खाद्य पदार्थ जैसे लीन मीट, बीन्स, पालक और फोर्टिफाइड अनाज हेल्दी ब्लड लेवल को बनाए रखने में मदद करते हैं, जिससे प्रजनन अंगों को उचित ऑक्सीजन की आपूर्ति मिलती है। फैटी फिश, अखरोट, चिया सीड्स और फ्लैक्स सीड्स में पाए जाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड हार्मोन उत्पादन को बढ़ावा देते हैं और हेल्दी ओवेरियन फंक्शन को सपोर्ट करते हैं।
जामुन, गाजर और शिमला मिर्च जैसे रंगीन फलों और सब्जियों में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से लड़ते हैं और प्रजनन क्षमता में सुधार करने में मदद करते हैं। जिंक युक्त खाद्य पदार्थ जैसे सीप, लीन मीट, नट्स और बीज हार्मोन संतुलन और स्पर्म हेल्थ के लिए आवश्यक हैं। सूरज की रोशनी के साथ फॉर्टिफाइड डेयरी उत्पादों और अंडे की जर्दी से पर्याप्त विटामिन डी मिलता है, जो प्रजनन स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
प्रोटीन और हेल्दी फैट
![Protein and Healthy Fat](https://grehlakshmi.com/wp-content/uploads/2023/06/Untitled-design-2023-06-15T122818.035-1024x576.jpg)
अपने आहार में लीन मीट, पोल्ट्री, मछली, डेयरी उत्पाद, फलियां और अंडे जैसे प्रोटीन स्रोतों को शामिल करना प्रजनन स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। प्रोटीन अंडे और स्पर्म प्रोडक्शन के लिए जरूरी बिल्डिंग ब्लॉक्स प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, एवोकैडो, जैतून का तेल, नट और बीज जैसे हेल्दी फैट को शामिल करने से हार्मोनल संतुलन को सपोर्ट मिलता है और फैट में घुलनशील विटामिन के अवशोषण में सहायता करता है।
हाइड्रेशन और फाइबर
हाइड्रेटेड रहने को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है लेकिन यह प्रजनन स्वास्थ्य में अहम भूमिका निभाता है। हार्मोन उत्पादन का समर्थन करने, सर्वाइक्ल म्यूकस क्वालिटी बनाए रखने और स्वस्थ गर्भाशय के वातावरण को बढ़ावा देने के लिए रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है। इसके साथ ही, साबुत अनाज, फल, सब्जियां और फलियां जैसे फाइबर युक्त भोजन का सेवन ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने और स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देने में सहायता करता है।
निष्कर्ष
गर्भ धारण करने की कोशिश करते समय, स्वस्थ और संतुलित डाइट का सेवन करना जरूरी है। प्रजनन क्षमता में बाधा डालने वाले कुछ खाद्य पदार्थों से बचने से आपके गर्भवती होने की संभावना बहुत बढ़ सकती है। अपने आहार से हाई मर्क्यरी वाली मछली, प्रोसेस्ड मीट, ट्रांस फैट, अधिक कैफीन, अल्कोहल और हाई जीआई खाद्य पदार्थों को खत्म करके आप अपने शरीर को प्रेगनेंसी के लिए तैयार कर सकते हैं। इसके साथ ही, एक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर या एक पंजीकृत आहार विशेषज्ञ प्रोफेशनल या डाइटीशियन से सलाह लेना जरूरी है, जो प्रजनन क्षमता और प्रजनन स्वास्थ्य में माहिर हो। इसके साथ ही, नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन और पर्याप्त नींद भी शरीर को प्रेगनेंसी के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
FAQ | क्या आप जानते हैं
क्या पीने से गर्भ गिर जाता है?
![प्रेग्नेंट](https://i0.wp.com/grehlakshmi.com/wp-content/uploads/2023/05/period-1-.jpg?resize=150%2C150&ssl=1)
अल्कोहल और कैफीन वाले पे के ज्यादा सेवन से गर्भ गिरने की आशंका बहुत बढ़ जाती है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान यह सलाह दी जाती है कि अल्कोहल और कैफीन युक्त पे पदार्थों का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
क्या चीज खाने से बच्चा गिर जाता है?
प्रोसेस्ड मीट, कच्चा पपीता, अनानास, चाइनीज इन्स्टेन्ट फूड आदि का सेवन प्रेगनेंसी के दौरान करने से मना किया जाता है।
माहवारी के कितने दिन बाद गर्भ नहीं ठहरता है?
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माहवारी के पहले दिन से अगले दस दिन तक प्रेगनेंट होने की संभावना कम रहती है। लेकिन माहवारी के 12 वें दिन से 18 वें दिन तक गर्भ धारण करने की संभावना ज्यादा रहती है।
गर्भ कब नहीं ठहरता है?
मेनोपॉज आ जाने के बाद गर्भ ठहरने की क्षमता बिल्कुल खत्म हो जाती है। माहवारी खत्म हो जाने के बाद एक महिला के मां बनने की संभावना नहीं रहती है।
गर्भ क्यों नहीं ठहरता है?
यदि किसी महिला का फैलोपियन ट्यूब बंद है या उसमें संक्रमण है, तो गर्भ ठहरने में बहुत दिक्कत आती है। इसी तरह यदि पुरुष के स्पर्म प्रोडक्शन में कमी है, तो भी उसकी पार्टनर के गर्भ ठहरने की संभावना बहुत कम रहती है।