बच्चों का अकाउंट खुलवाने से पहले ध्यान रखें ये 4 बातें: Bank Account For Kids
Bank Account For Kids: आजकल बहुत से माता-पिता अपने बच्चों का बैंक में अकाउंट खुलवाना चाहते हैं। लेकिन बच्चों का अकाउंट और बड़ों का अकाउंट खुलवाने में फर्क होता है। बच्चों का अकाउंट खुलवाते वक्त हमें एक पूरे प्रोसेस से गुजरना होता है तभी आप उस अकाउंट के फायदे उठा सकेंगे तो आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताएंगे जिन्हें ध्यान में रखकर आप अपने बच्चों का बैंक अकाउंट खुलवाएं (Bank Account for Kids) , इससे ना केवल आपको फायदा होगा बल्कि किसी भी तरह के नुकसान से बचाव भी होगा।
ये डॉक्यूमेंट रख लें तैयार

यदि आप 18 साल से कम आयु के बच्चे का अकाउंट खुलवाना (Bank Account for Kids) चाहते। हैं तो उसे माइनर अकाउंट कहा जाता है। माइनर अकाउंट नॉरमल अकाउंट से अलग होता है। माइनर अकाउंट का मतलब है कि अकाउंट जिस व्यक्ति का है वह अभी 18 साल से कम उम्र का है। यह अकाउंट बच्चा स्वयं नहीं खुलवा सकता बल्कि सिर्फ उसके माता- -पिता खुलवा सकते हैं। साथ ही साथ अगर आप अपने बच्चे के अकाउंट की निगरानी करना चाहते हैं तो आप एक जॉइंट अकाउंट भी खुलवा सकते हैं। जॉइंट अकाउंट में माता या पिता का अकाउंट अपने बच्चे के अकाउंट (Bank Account for Kids) से लिंक रहता है और सारी गतिविधियां माता पिता को सूचित की जाती है। इस अकाउंट को खुलवाने के लिए आपको अपने बच्चे का आयु प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और केवाईसी की जरूरत पड़ती है। सबसे पहले आपको इन सारे डाक्यूमेंट्स को बैंक में वेरीफाई करवाना पड़ता है उसके बाद ही आप दूसरे चरण में पहुंचते सकते हैं। एक बार डाक्यूमेंट्स वेरीफाई होने के बाद बैंक आपको अकाउंट ओपनिंग फॉर्म देती है। इस फॉर्म में बच्चे की सारी जानकारी सही से भरनी होती है। जैसे कि उसका नाम, जन्मतिथि, घर का पता, उम्र, फोन नंबर इत्यादि । अपने बच्चे का बैंक अकाउंट खुलवाने से पहले यह जरूर पता कर ले कि. उसमें मिनिमम कितनी धनराशि होना जरूरी है। बहुत से बैंक अकाउंट में या धनराशि 2500 से 5000 के बीच मानी जाती है। आप चाहे तो अपने बच्चे का जीरो बैलेंस अकाउंट (Bank Account for Kids) भी खुलवा सकते हैं, जिससे आपके किसी भी तरह के पैसे जमा करें बिना ही अकाउंट खुल जाएगा।
कब बच्चा कर सकेगा अकाउंट का इस्तेमाल

यदि बच्चा 10 साल से 18 साल की उम्र के बीच का है तो उसे नाबालिग़ माना जाता है। ऐसी स्थिति में वह अपने नाम से अपना अकाउंट (Bank Account for Kids) इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन जब बच्चा 18 साल से ज्यादा उम्र का हो जाता है तब उसका अकाउंट सेविंग अकाउंट माना जाता है. यदि आपके बच्चे का माइनर अकाउंट है तो ऐसी स्थिति में ट्रांजैक्शन की एक सीमा भी तय कर दी जाती है। इस सीमा के बाहर आप पैसा निकाल नहीं सकते हैं। हालांकि इसमें माता-पिता को ट्रांजैक्शन करने का अधिक अधिकार दिया जाता है वह जब चाहे अपने बच्चे के अकाउंट में पैसे जमा भी सकते हैं और निकाल भी सकते हैं। माइनर अकाउंट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपने बच्चे की ट्रांजैक्शन पर निगरानी रख सकती हैं। इससे आपका बच्चा किसी भी तरह की फिजूलखर्ची नहीं कर पाएगा और बैंक आपको हर ट्रांजैक्शन की जानकारी समय-समय पर देता रहेगा। जब आपका बच्चा बालिग़ हो जाता है तब उसे अपनी केवाईसी डीटेल्स के साथ दोबारा से बैंक में आवेदन करना पड़ता है।
बच्चों का बैंक अकाउंट खुलवाने (Bank Account for Kids) का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आने वाले समय में वह आर्थिक रूप से मजबूत हो जाएगा। साथ ही साथ आप इसके माध्यम से अपने बच्चे को बचत और निवेश करने का सही तरीका भी सिखा सकते हैं। यदि बचपन से ही आप उसे बैंक के नियम सीखा दे तो आगे चलकर उसे पैसों के लेनदेन में कोई तकलीफ नहीं होगी।
बच्चों के लिए अलग तरह के खाते
पहले के समय में बच्चों का खाता खुलवाना (Bank Account for Kids) मना था। लेकिन अब खुद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों को यह आदेश दिया है कि वह 10 साल से ऊपर के टीनएजर्स और युवाओं का बचत खाता खोलें (Bank Account for Kids) और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत होने में मदद करें। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के इस आदेश को नजर में रखकर बहुत से बैंकों ने अलग-अलग तरह के खाते निजात किए हैं जिनका फायदा देश का हर टीनएजर उठा सकता है जैसे कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने हाल ही में नई उड़ान और नया कदम नाम के दो टीनएजर्स अकाउंट (Bank Account for Kids) लॉन्च किए हैं। वही यूनियन बैंक ने यूथ बैंकिंग अकाउंट तो आईसीआईसीआई बैंक ने यंग स्टार बैंक अकाउंट नाम के खाते शुरू किए हैं। बहुत से लोग इन खातों के बारे में जानते नहीं हैं। लेकिन अपने बच्चों का खाता इन बैंकों में आप उनके भविष्य को एक नया मोड़ दे सकते हैं।
नेट बैंकिंग करने की इजाजत नहीं

आजकल नेट बैंकिंग का जमाना है। हर बैंक अपने उपभोक्ताओं को नेट बैंकिंग की सुविधा दे रहा है। लेकिन यह सुविधा बच्चों को नहीं दी गई है। यदि माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चों का अकाउंट भी ऑनलाइन नेट बैंकिंग (Bank Account for Kids) से जुड़ सके तो उसके लिए उन्हें खुद बैंक जाकर पासवर्ड और आईडी बनानी होगी। माता पिता की निगरानी में ही नेट बैंकिंग का इस्तेमाल किया जा सकता है।
बच्चे को डेबिट कार्ड की सुविधा देने से पहले अच्छे से चेक कर लें कि उसमें एसएमएस की सुविधा उपलब्ध है या नहीं। हर माता-पिता को खुद अपने बच्चे को एटीएम पर ले जाकर उसे अच्छे से ट्रांजैक्शन का प्रोसेस सिखाना चाहिए। जिससे कि बच्चा किसी फ्रॉड में ना फंसे और ना ही उससे कोई नुकसान हो। यह सावधानी बरतना बेहद जरूरी है वरना आपका बच्चा किसी फ्रॉड का भी शिकार बन सकता है।
हमें उम्मीद है कि आप अपने बच्चों के लिए अकाउंट खोलते वक्त इन बातों का ध्यान जरुर रखेंगी और बच्चों के लिए अकाउंट खुलवाकर उनमें सेविंग करने की एक अच्छी आदत बचपन से सिखाएंगी।