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जमीन पर बैठने के इन लाभों को जान कर आप भूल जाएंगे कुर्सी पर बैठना: Benefits of Sitting on The Floor

07:00 AM May 27, 2023 IST | Anu Sharma
Benefits of Sitting on The Floor
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Benefits of Sitting on The Floor: हम में से अधिकतर लोगों का ज्यादातर समय कुर्सी या सोफे अदि में बैठ कर निकलता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि जमीन पर बैठने के कुर्सी आदि पर बैठने से अधिक फायदे हैं? जमीन पर बैठना पूरी दुनिया में कई कल्चर्स का एक हिस्सा है। हमारे देश में लोग जमीन पर क्रॉस-लेग्ड बैठते हैं, योगा में इसे सुखासन कहा जाता है जबकि जापान में जमीन पर बैठने के फॉर्मल तरीके को सीजे कहा जाता है। जमीन पर बैठकर खाना खाने को भी बेहद फायदेमंद माना गया है। यह कुर्सी में बैठ कर भोजन ग्रहण करने से ज्यादा लाभदायक है। हालांकि, अधिक देर तक जमीन में बैठने से भी कुछ समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन, आप योगा,मैडिटेशन करना या भोजन करना जैसी चीजें अगर जमीन पर बैठ कर करते हैं तो इसके कई फायदे अधिक हैं। आइए जानें जमीन पर बैठने के लाभ के बारे में।

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सही बैलेंस और कोऑर्डिनेशन 

ऐसा पाया गया है कि जमीन पर बैठने से हमारा बैलेंस, स्टेबिलिटी और पूरे शरीर का कोऑर्डिनेशन इम्प्रूव होता है। कुर्सी की जगह अगर आप जमीन पर बैठने को प्राथमिकता देते हैं, तो इससे आपका बैलेंस दिन-प्रतिदिन सुधरेगा। खासतौर पर उम्र के बढ़ने पर होने वाली समस्याएं जैसे बैलेंस का बिगड़ना आदि का खतरा भी कम होगा।

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Proper balance and coordination

मोबिलिटी में सुधार

यह भी माना जाता है कि जमीन पर बैठने से हमारे शरीर के कई हिस्सों जैसे कंधे, कोहनी, कलाई, कुल्हें, घुटने और पैरों के जॉइंट और अन्य अंगों के आस-पास की मांसपेशियां इस्तेमाल होती हैं। इससे हमारी मोबिलिटी सुधरती है। मोबिलिटी का अर्थ है आसानी से मूव कर पाना। यही नहीं, इससे आपको अपनी उम्र के अनुसार चोट और दर्द से मुक्त रहने में भी मदद मिल सकती है।

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टांगों और कोर का मजबूत होना 

फ्लोर पर बैठने से आपको अपने कोर और टांगों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। क्योंकि, जमीन से उठते हुए कोर अधिक काम करते हैं। कई बार जमीन पर बैठने और उठने से अधिकतर कोरों का इस्तेमाल होता है। बैठ कर जमीन से उठना स्क्वाट की समान होता है। जब आप नियमित रूप से जमीन पर बैठते-उठते हैं, तो आपके शरीर के नीचे के भाग का अच्छा व्यायाम होता है।

Leg and core strengthening

पोस्चर सुधरे 

जमीन पर बैठने से पोस्चर में सुधार होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जब हम खड़ी हुई पोजीशन से बैठी पोजीशन में मूव करते हैं, तो संतुलन बनाए रखने के लिए जोड़ों का अलाइनमेंट का सही होना जरूरी है। बॉडी का सही अलाइंगमेंट तब होता है जब सिर, कंधे, रीढ़, कूल्हे, घुटने और एड़ियों आदि का एक दूसरे के साथ सही तरीके से काम करते हैं।

मसल एक्टिविटी बढ़े

जो लोग अधिक देर तक कुर्सी पर बैठते हैं, उनमें पोस्चर प्रॉब्लम्स अधिक हो सकती हैं जैसे स्लिप्ड डिस्क और लोअर बैक पेन। लेकिन, जमीन पर बैठने से मसल्स एक्टिविटीज बढ़ती हैं, जिससे ऐसी समस्याओं का जोखिम कम रहता है। 

पाचन सुधरे

सुखासन यानी जमीन पर बैठने को पेट के लिए अच्छा माना गया है।  ऐसा भी माना गया है कि बार-बार शरीर को हिलाने की क्रिया से पेट की मांसपेशियों उत्तेजित होती हैं, जिससे पेट में पाचन एंजाइमों का स्त्राव बढ़ता है। इससे भोजन सही तरीके से बचने में मदद मिलती है और पेट संबंधी परेशानियां दूर होती हैं। 

Improved digestion

दिमाग के लिए बेहतर

ऐसा भी पाया गया है कि सिटींग पोज जैसे सुखासन और पद्मासना मैडिटेशन के लिए बेहतरीन पोसिशन्स हैं। इन्हें करने से स्ट्रेस से आराम मिलता है। यह भी माना जाता है कि इससे शरीर में ऑक्सीजन का फ्लो भी बढ़ता है।

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