For the best experience, open
https://m.grehlakshmi.com
on your mobile browser.

बस भाभी ही काफ़ी हैं-गृहलक्ष्मी की कहानियां

01:00 PM Sep 02, 2023 IST | Sapna Jha
बस भाभी ही काफ़ी हैं गृहलक्ष्मी की कहानियां
Advertisement

Hindi Story: जब एक चौदह साल की नववधू ने अपनी ससुराल में प्रवेश किया ,तो उसे मिलीं उसकी विवाहित बड़ी ननद मन्जु दीदी। उससे उम्र में थोड़ी सी बड़ी और दो बच्चों की माँ थी,पर हमेशा भाभी को ममता की छाँव देती रहीं।चूल्हे पर रोटी ख़ुद सेंकती और भाभी से बेलने को कह देतीं।
भाभी की आगे पढ़ने की इच्छा देखी,तो अपनी अधूरी शिक्षा का वास्ता देकर अपने पिता से कहकर उनका एडमिशन करवाया।
खाना परोसतीं तो भाभी का हिस्सा अपने भाई को भी न देतीं। भाभी और ननद का रिश्ता माँ बेटी सा था।बिना कहे जरूरत भाँप लेतीं,अकेले काम भी न करने देतीं थीं वो उसे….
उनका मायके आना उत्सव होता ,तब उनके पिटारे से नई चीज़े और नई फिल्म की कहानी निकलती दोपहर में।
सब कुछ अच्छा था अब भाभी आठवीं पास से स्नातक हो चुकी थी,एक दिन मन्जु दीदी को सूचना मिली कि उसका भाई नहीं रहा इस दुनिया में।
भाभी को नौकरी के लिए समझाना उन्ही के बस का था और वो इसमें सफल भी हुईं।भाभी अब बैंक की कैशियर थीं। पर उनके रिश्ते पर कोई असर नहीं पड़ा,वो धीमी आँच पर पकती खीर सा और सोंधा हुआ।भाभी ने अपनी मेहनत से बनाये घर में उनके मायके को जिंदा रखा।
और जिज्जी ने उनकी ससुराल,अब भाभी रिटायर हैं,और जिज्जी बेहद वृद्ध पर उनका प्यार अब भी उतना ही है।
भाभी ननद को मदर्स डे की बधाई देतीं हैं और वीडियो कॉल पर हालचाल लेतीं है।
मायके के खूबसूरत एहसास के लिए,माँ-पिता और भाई हों न हों…..बस भाभी काफ़ी है

Advertisement
Tags :
Advertisement