भगवान को भोग लगाते समय रखें इन बातों का ध्यान, इन गलतियों से देवता होते हैं नाराज: Puja Niyam
Puja Niyam: हिंदू धर्म में भगवान की पूजा धार्मिक अनुष्ठानों का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह धार्मिक साधना का एक तरीका है जिसमें व्यक्ति अपना समर्पण भाव भगवान को भक्ति के माध्यम से व्यक्त करता है। घर और मंदिरों में सुबह शाम भगवान की आरती की जाती है, यह भगवान की स्तुति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। भगवान की पूजा में अगरबत्ती, धूप, कपूर व दीपक आदि शामिल करते हैं। देवी देवताओं की पूजा अर्चना के समय भोग लगाने की परंपरा भी रही है।
किसी भी मांगलिक कार्यक्रम या उपासना के समय भगवान को उनके प्रिय वस्तुओं का भोग लगाया जाता है। इससे हमारे ईष्टदेव प्रसन्न होकर कृपा बरसाते हैं। पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि भगवान को भोग लगाते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि, भोग लगाते समय कुछ गलतियों की वजह से भगवान नाराज हो सकते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि देवी देवताओं को भोग लगाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
भोग लगाते समय इन बातों का रखें ध्यान
ज्योतिष शास्त्रों में बताया गया है भगवान को सुबह शाम भोग लगाने से घर में सुख—समृद्धि बनी रहती है। उस घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं रहती और घर परिवार धन धान्य से भरा रहता है। इन घरों में सदैव मां लक्ष्मी का रहता है। ऐसे में भोग लगाते समय कुछ बातों का ध्यान रखें।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, भगवान को भोग लगाने वाले व्यंजन सात्विक और शुद्ध घी में बने होने चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को भोग लगाने के बाद उसे तुरंत नहीं हटाना चाहिए। इससे भोग भगवान को लगा हुआ नहीं माना जाता है। भोग को कुछ समय के लिए भगवान के चरणों में ही रखें और आप भी वहां से हट जाएं। इसके बाद भगवान को लगाए हुए भोग को स्वयं भी ग्रहण करें और प्रसाद के रूप में परिवार को भी बांटें।
भगवान के भोग में से कुछ हिस्सा गाय के लिए भी निकालें और उसे गाय को खिला दें। इससे देवी देवता शीघ्र प्रसन्न होते हैं और घर में सुख—समृद्धि आती है। भगवान की पूजा पाठ व भोग लगाने का काम हमेशा स्नान करने के बाद ही करें।
इस बात का भी ध्यान रखें कि देवी देवताओं को उनका प्रिय भोग ही लगाएं। जैसे भगवान शिव व गणेश जी को तुलसी अर्पित नहीं की जाती है। इसलिए महादेव व गणेश जी को तुलसी का भोग नहीं लगाना चाहिए। इसी तरह बासी व पुरानी चीजों का भी भगवान को भोग ना लगाएं, इससे देवता नाराज होते हैं।
भगवान को भोग कभी भी जमीन पर नहीं चढ़ाना चाहिए। प्रसाद हमेशा पीतल या चांदी से बने पात्र में रखकर ही अर्पित करें। प्रसाद के साथ जल का लोटा भी जरूर रखें। भगवान को भोग लगाते समय त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये का जाप जरूर करें। इससे जीवन में सुख—शांति बनी रहेगी।
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