ब्लड शुगर बढ़ने और घटने पर शरीर पर क्या पड़ता है असर? जानिए कैसे करें नियंंत्रित: Blood Sugar Level
Blood Sugar Level: ब्लड ग्लूकोज या ब्लड शुगर, आपके ब्लड में पाई जाने वाली मुख्य शर्करा है। यह आपके शरीर की ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत है। ब्लड शुग आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन से आपके शरीर को प्राप्त होता है। हमारा शरीर भोजन के अधिकांश हिस्से को ग्लूकोज में तोड़ देता है और इसे रक्तप्रवाह में छोड़ देता है। जब हमारे शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है, तो यह हमारे पैंक्रियाज में इंसुलिन को रिलीज करता है। इंसुलिन एक हार्मोन है, जो ग्लूकोज को एनर्जी के लिए उपयोग करने के लिए आपकी कोशिकाओं में जाने में मदद करता है। आइए विस्तार से जानते हैं शुगर लेवल के बारे में विस्तार से-
डायबिटीज क्या है? - What is Diabetes in Hindi
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसकी वजह से हमारे ब्लड में ग्लूकोज का स्तर काफी ज्यादा बढ़ जाता है। जब किसी व्यक्ति को डायबिटीज होता है, तो शरीर में पर्याप्त रूप से इंसुलिन नहीं बन पाता है। साथ ही हमारा शरीर इंसुलिन का उपयोग उतनी अच्छी तरह से नहीं कर पाता है, जितना करना चाहिए। डायबिटीज की वजह से ब्लड में काफी ज्यादा ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है, जो हमारी कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाता है। समय के साथ ब्लड में काफी ज्यादा ग्लूकोज का स्तर होने की वजह से डायबिटीज की परेशानी हो सकती है। इसलिए यदि आपको डायबिटीज या फिर ब्लड शुगर की समस्या है, तो समय-समय पर अपना ब्लड शुगर लेवल जरूर चेक करें। आइए जानते हैं एक स्वस्थ व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल क्या होना चाहिए?
भोजन से पहले शुगर लेवल : 80 से 130 मिलीग्राम/डीएल
भोजन खाने के दो घंटे बाद का ब्लड शुगर लेवल : 180 मिलीग्राम/डीएल से कम होना चाहिए।
हालांकि, इस बात का भी ध्यान रखें कि ब्लड में शुगर का स्तर आपकी उम्र, आपकी स्वास्थ्य स्थिति और अन्य कारकों पर भी निर्भर करती है। ऐसे में आपका ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए, इस बारे में जानने के लिए अपने हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
ब्लड शुगर लेवल कब और कैसे जांचना चाहिए?
यदि आपको डायबिटीज की परेशानी है, तो आपको अपना ब्लड शुगर लेवल हर रोज जांचने की जरूरत होती है। इस बात का ध्यान रखें कि आपका ब्लड शुगर लेवल आपके लक्ष्य सीमा में है। कुछ लोगों को दिन में कई बार अपने ब्लड शुगर लेवल जांचने की जरूरत होती है। ताकि वे अपने स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों की जांच कर सकें।
घर पर आपके ब्लड ब्लड शुगर लेवल की जांच करने के लिए ब्लड ग्लूकोज मीटर का इस्तेमाल करना सबसे आसान तरीका है। ब्लड ग्लूकोज मीटर आमतौर पर आपकी उंगलियों के लिए गए ब्लड के एक छोटे सैंपल से ग्लूकोज की मात्रा को मापता है।
इसके अलावा ग्लूकोज मॉनिटरिंग (सीजीएम) आपके ब्लड में ग्लूकोज का स्तर की जांच करने का एक और आसान सा तरीका है। अधिकांश सीजीएम सिस्टम एक छोटे सेंसर का उपयोग करते हैं, जो आपकी स्किन के निचले हिस्से में डाला जाता है। सेंसर हर कुछ मिनटों में आपके ग्लूकोज के स्तर को मापता है। यह पूरे दिन और रात में आपके ग्लूकोज़ स्तर में परिवर्तन को दिखा सकता है। सीजीएम सिस्टम उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, जो इंसुलिन लेते हैं और लो ब्लड शुगर की समस्या से जूझते हैं।
इसके अलावा ब्लड शुगर लेवल जांचने के लिए A1C नामक ब्लड टेस्ट भी किया जाता है। यह पिछले तीन महीनों में आपके औसत ब्लड ग्लूकोज स्तर की जांच करता है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों को आमतौर पर साल में कम से कम दो बार A1C परीक्षण कराना पड़ता है। लेकिन यदि आप अपने डायबिटीज ट्रीटमेंट के लक्ष्यों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं तो आपको अधिक बार टेस्ट कराने की जरूरत हो सकती है।
ब्लड शुगर लेवल अधिक होने पर क्या होता है? - What happens if my blood glucose level becomes too high in Hindi
हाई ब्लड ग्लूकोज को हाइपरग्लेसेमिया कहा जाता है। ब्लड शुगर लेवल अधिक होने पर शरीर में निम्न लक्षण देखे जा सकते हैं, जैसे-
- बार-बार या अधिक प्याज लगना
- थकान या कमज़ोरी महसूस होना
- सिर में काफी तेज दर्द होना
- बार-बार पेशाब जाना या पेशाब करने की इच्छा तेज होना
- आंखों की दृष्टि धुंधली होना
यदि आपको अक्सर हाई ब्लड शुगर के लक्षण दिखते हैं, तो अपको अपने हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह लेने की जरूरत होती है। इसके साथ ही डायबिटीज की स्थिति में खानपान, फिजिकल एक्टिविटी, डायबिटीज की दवाओं पर भी अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है।
हाई ब्लड शुगर अन्य स्थितियों के कारण भी हो सकता है जो आपके रक्त में इंसुलिन या ग्लूकोज के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं। इन स्थितियों में आपके अग्न्याशय या अधिवृक्क ग्रंथियों की समस्याएं शामिल हैं।
ब्लड शुगर लेवल कम होने पर क्या होता है? - What happens if blood glucose level becomes low in Hindi
ब्लड शुगर का स्तर कम होने की स्थिति को हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है। यह तब होता है जब आपका रक्त ग्लूकोज स्तर आपके लिए स्वस्थ स्तर से नीचे चला जाता है। डायबिटीज से पीड़ित कई लोगों के लिए, इसका अर्थ यह है कि ब्लड शुगर का स्तर 70 मिलीग्राम/डीएल से कम चले जाना। इस स्थिति में शरीर पर विभिन्न लक्षण नजर आ सकते हैं, जो निम्न हैं-
- हाथों में कंपन होना
- पसीना आना
- घबराहट या बेचैनी महसूस होना
- चिड़चिड़ापन या भ्रम जैसा महसूस होना
- चक्कर आना
- भूख लगना, इत्यादि।
टाइप 1 डायबिटीज वाले लोगों और टाइप 2 डायबिटीज से ग्रसित मरीजों का ब्लड शुगर लेवल कम होना काफी सामान्य है। मुख्य रूप से जो व्यक्ति ब्लड शुगर कम करने की दवा खाते हैं, उनमें यह स्थिति देखी जा सकती है। अगर आपको महसूस हो रहा है कि आपका ब्लड शुगर लेवल कम हो रहा है, तो ऐसी स्थिति में अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच तुरंत कराएं। ध्यान रखें कि लो ब्लड शुगर लेवल काफी ज्यादा खतरनाक हो सकता है।
हालाँकि यह दुर्लभ है, फिर भी आपको मधुमेह न होने पर भी निम्न रक्त शर्करा की समस्या हो सकती है। कारणों में यकृत रोग, गुर्दे की बीमारी और हार्मोन की कमी (कुछ हार्मोन की कमी) जैसी स्थितियां शामिल हो सकती हैं। कुछ दवाएं, जैसे कुछ हृदय संबंधी दवाएं और एंटीबायोटिक्स भी इसका कारण बन सकती हैं। आपके निम्न रक्त शर्करा का कारण और इसका इलाज कैसे करें, यह जानने के लिए अपने प्रदाता से मिलें।
घर पर हाई ब्लड शुगर को कैसे कंट्रोल करें? - how to Control Blood Sugar level in Hindi
नियमित व्यायाम करें
नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाने में काफी हद तक मदद मिल सकती है। इसका अर्थ यह है कि आपकी कोशिकाएं आपके रक्त में शर्करा का बेहतर उपयोग कर सकती हैं, जिससे ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। इसके लिए आप नियमित रूप से रनिंग, वॉकिंग, साइकलिंग, डांसिंग जैसे एक्सरसाइज का सहारा ले सकते हैं।
कार्ब्स को करें मैनेज
जब आप कार्ब्स युक्त आहार का अधिक सेवन करते हैं, तो इससे शरीर में शुगर लेवल का स्तर काफी ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे में अपने खानपान की चीजों में कार्ब्स को कंट्रोल करें। इससे ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में काफी हद तक मदद मिल सकती है। लो कार्ब्स युक्त आहार को चुनने के लिए आप किसी एक्सपर्ट की मदद ले सकते हैं।
डाइट में शामिल करें फाइबर
फाइबर आपके शरीर में कार्बोहाइड्रेट के पाचन और चीनी के अवशोषण को धीमा कर देता है। इसका मतलब है कि यह ब्लड शुगर के लेवल में और अधिक क्रमिक वृद्धि को बढ़ावा देता है। सभी प्रकार के फाइबर शरीर के लिए अच्छे होते हैं, लेकिन घुलनशील फाइबर ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में फायदेमंद साबित हो सकते हैं। हाई फाइबर युक्त आहार का सेवन करने से शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। यह टाइप 1 डायबिटीज को कंट्रोल करता है। उच्च फाइबर खाद्य पदार्थों के रूप में आप फल, सब्जियां, फलियां और साबुत अनाज का सेवन कर सकते हैं।
पिएं खूब पानी
खूब पानी पीने से आपकी किडनी अतिरिक्त शुगर को बाहर निकालने में मददगार साबित हो सकती है। एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग अधिक मात्रा में पानी पीते हैं, उनके शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। इसलिए कोशिश करें कि अगर आप ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो अधिक से अधिक पेय पदार्थों का सेवन करें।
तनाव से रहें दूर
ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए आप तनाव से दूर रहें। कोशिश करें कि इसके लिए एक्सरसाइज, योग और मेडिटेशन का सहारा लें। इससे ब्लड शुगर स्तर को कंट्रोल करने में काफी हद तक मदद मिल सकती है।
पर्याप्त मात्रा में लें नींद
नींद की खराब आदतें भूख को बढ़ा सकती हैं, जिससे वजन बढ़ने की संभावना हो सकती है। इससे ब्लड शुगर काफी ज्यादा प्रभावित होता है। नींद की कमी से कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है, जो रक्त शर्करा के प्रबंधन के लिए आवश्यक है।
अस्वीकरण
इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैंI गृहलक्ष्मी इनकी पुष्टि नहीं करताI इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करेंI
FAQ | क्या आप जानते हैं
स्वस्थ व्यक्ति का ब्लड शुगर कितना होना चाहिए?
स्वस्थ व्यक्ति का फास्टिंग ब्लड शुगर 100 mg/dL से कम होना चाहिए। वहीं, खाने के बाद सामान्य ब्लड शुगर 120 से 140 mg/dL के बीच होना चाहिए।
ब्लड शुगर बढ़ने के लक्षण क्या है?
ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने पर काफी ज्यादा भूख लगती है। साथ ही प्यास, बार-बार पेशाब लगना, कमजोरी जैसे लक्षण महसूस होते हैं। कुछ लोगों का वजन काफी ज्यादा कम हो सकता है।
ब्लड शुगर बढ़ने के क्या कारण हैं?
ब्लड शुगर लेवल बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें बढ़ता तनाव, नींद की कमी खराब, खराब लाइफस्टाइल, कम पानी पीना इत्यादि हो सकते हैं।