पीरियड के दौरान ही नहीं बाद में भी होती है ब्लोटिंग की समस्या, जानें क्या हैं कारण: Bloating after Period
Bloating after Period: पीरियड स्टार्ट होने से पहले महिलाओं को शरीर में कई तरह के बदलाव महसूस होने लगते हैं। पीरियड के लगभग एक हफ्ते पहले व्हाइट डिसचार्ज की समस्या, मुहांसे, वेट गेन और मूड स्वींग्स जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है। वहीं कुछ महिलाओं को ब्लोटिंग की समस्या भी परेशान कर सकती है। ब्लोटिंग होने से आपका वजन तो बढ़ता ही है साथ ही एब्डॉमिन में हल्के दर्द का अहसास भी होता है। कई मामलों में पीरियड खत्म होने के बाद भी पेट फूला हुआ यानी ब्लोटिड नजर आता है। आखिर पीरियड के बाद ब्लोटिंग की समस्या क्यों होती है और इससे कैसे छुटकारा पाया जा सकता है चलिए जानते हैं इसके बारे में।
पीरियड के बाद क्यों होती है ब्लोटिंग

जब पीरियड के किसी भी लक्षण की बात आती है तो इसके लिए हार्मोन को जिम्मेदार माना जाता है। हार्मोन का लेवल बदलने से शरीर में कई तरह के बदलाव महसूस होने लगते हैं। हार्मोन में तेजी से गिरावट होने के कारण वॉटर रिटेंशन और ब्लोटिंग हो जाती है। लेकिन कई लोगों को पीरियड्स के बाद भी ब्लोटिंग की समस्या परेशान कर सकती है। ये समस्या किसी बड़ी बीमारी का संकेत भी हो सकती है जिसे नजरअंदाज करना नुकसानदायक हो सकता है।
ओवेरियन सिस्ट
पीरियड्स के बाद यदि अधिक दिनों तक पेट फूला यानी ब्लोटिड नजर आए तो ये ओवेरियन सिस्ट के कारण हो सकता है। ओवेरियन सिस्ट की वजह से पेट में हल्का दर्द, भारीपन, कमजोरी और पीठ में दर्द का अनुभव हो सकता है। हालांकि ज्यादातर सिस्ट हानिरहित होते हैं जो समय के साथ ठीक हो जाते हैं। लेकिन दर्द और सूजन रहने पर इसे नजरअंदाज न करें।
वॉटर रिटेंशन
वॉटर रिटेंशन तब होता है जब आप लंबे समय तक पानी को शरीर में रोक कर रखते हैं। इस स्थिति में पेट और उसके आसपास सूजन नजर आ सकती है। कई महिलाओं को पीरियड्स के बाद भी इस समस्या का सामना लंबे समय तक करना पड़ता है। इसलिए शरीर में पानी को अधिक समय तक रोकने का प्रयास न करें।
डाइट में बदलाव
हमारी डाइट का असर हमारी बॉडी की गतिविधियों पर साफ देखा जा सकता है। आपने ध्यान दिया होगा कि जिस दिन हम बादी चीजों जैसे छोले, राजमा, बीन्स और कार्ब्स का सेवन अधिक करते हैं उस दिन अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक ब्लोटिंग होती है। पीरियड्स के दौरान या बाद में हैवी डाइट की वजह से पेट में सूजन की समस्या हो सकती है।
वर्टिकल गार्डन या ग्रीन वॉल के बारे में सोच रहे हैं, तो ये 6 आइडियाज़ काम के हो सकते हैं
सेक्स हार्मोन
पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल चेंजेज आते हैं। हर महीने शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का लेवल काफी कम हो जाता है। हार्मोन में इस तेजी से गिरावट होने पर वॉटर रिटेंशन की समस्या हो सकती है। जो ब्लोटिंग का कारण बनती है।
पीरियड के बाद कैसे कम करें ब्लोटिंग

- फिजिकल एक्टिविटी- नियमित रूप से फिजिकल एक्टिविटी करने से सूजन जैसे पीएमएस के लक्षणों से राहत मिल सकती है।
- डाइट- इस दौरान ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए जिससे सूजन पैदा हो सकती है। ब्लोटिंग से बचने के लिए कैफीन, नमक और चीनी का सेवन अधिक न करें।
- तनाव कम करें- जो महिलाएं तनाव महसूस करती हैं उनमें पीएमएस के लक्षणों का अनुभव अधिक होता है। तनाव को कम करने के लिए योग, मेडिटेशन और मसाज का सहारा लिया जा सकता है।
- अल्कोहल न लें- पीरियड्स के दौरान या बाद में अल्कोहल और तंबाकू का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे पेट में सूजन बढ़ सकती है।