चंचल मन-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Chanchal Man Hindi Kahani: आयु के साथ बसंत सा चंचल मन की सदायें सदा ही तड़फाये।
लीना इंडियन एयरलाइंस में एयर होस्टेस है।वह देश विदेश की सैर करना चाहती थी,अतः उसने अपने ख्वाबों को पूरा करने के लिए इसी का प्रशिक्षण लिया और इंडियन एयरलाइंस में एयर होस्टेस बन गई । लीना की एयरलाइंस में एयर होस्टेस। उसके सपनों का जॉब है ।उसके सपनों के संसार में रीमेश जुड़ गए,वो इंडियन एयरलाइंस में पायलट है।जब भी कभी दोनों की फ्लाइट साथ होती ,मिलते । एक दूसरे को देखना, फिर दोस्ती फिर प्यार । दोनों की जोड़ी खूब जचती थी. रीमेश मज़ाकियाँ स्वाभाव का था कोई न कोई मज़ाक करता रहता कभी मज़ाक लीना को सताता कभी उल्लू बनता। पर फिर भी दोनों एक दूसरे के साथ साथ बहुत खुशी महसूस करते।लीना के माता-पिता विवाह का सुझाब देते रहते पर लीना इस बात को अभी समय देना चाहती थी. एक दिन बातो -बातों में माँ की विवाह की बात भी वता दी। रीमेश लीना के लिए महंगे महंगे उपहार लाता।उसकी अच्छी से अच्छी चीजें खरीदना, खर्च करना, और उसकी यह आदत दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही थी। लीना समझती " ,एक दूसरे का साथ, एक दूसरे का प्यार, एक दूसरे का विश्वास, सहयोग, अपनापन, जीवन को चलाने के लिए यही काफी है। समय गुजर रहा था।शिशिर ऋतु जा चुकी थी ,और ऋतुराज वसंत का आगमन हो चुका था.वह एक मध्यमवर्गीयपरिवार की सहज और सरल लड़की है। उसने आकाश में उड़ने के सपने जरूर देखें, लेकिन वह जमीन को भी नहीं भूली है।रीमेश के प्रेम में चरमसीमा पर उड़ते देख उसका जमीर कांप उठा, और क्या करें? क्या नहीं? लेकिन दिल और दिमाग की लड़ाई में दिमाग जीतता हुआ नजर आ रहा था। सच्चाई, वफादारी, देश प्रेम और नैतिकता ने उसे दुहाई दी, और वासंती शाम को देखते हुए वह शिकायत कक्ष की ओर चल पड़ी। सुंदर सुहानी शाम उसके सपनों को नहीं बचा सकी,
दोनों ने कैंडल जगा सात फेरे से खुद के चंचल मन को शांत किया।
स्वरचित -रेखा मोहन पंजाब
लघुकथा -राधा की भाभी
राधा एक अमीर व्यापारी की एकमात्र बेटी है। वह मिर्गी से पीड़ित है। मधु एक युवा डॉक्टर है, जो गांव में अभ्यास करता है। वह अपने बड़े भाई -भाभी के साथ रहता है। एक स्थानीय अयोग्य चिकित्सक जिसका कारोबार माधु के अभ्यास से बिगड़ गया वह, बीमारी को छुपाकर मधु और राधा के बीच रिश्ता करता है। मधु उसकी समस्या जाने बिना उससे शादी करता है।
शादी के तुरंत बाद, मधु और उसके परिवार के सदस्यों को की बीमारी के बारे में पता चलता और वे उसे स्वीकार करते हैं क्योंकि शादी पहले ही हो चुकी है। यह देखने के बाद कि राधा का दौरा विवाह के संपर्क से कम हो रहा था , भाभी ने उसे रखने को दे दिया। राधा भाभी के बड़े बेटे गोपी से बहुत खुश महसूस करती है और देखभाल अपने बेटे के रूप में करती है।
साल बीत चुके हैं और गोपी अब सात साल की उम्र में, राधा को अपनी मां के रूप में सोचता है। । भाभी के छोटे बेटे निकू ने अपने चंचल रवैये के साथ गोपी को भी बिगाड़ दिया। बाद में, राधा और भाभी के बीच गलतफहमी शुरू कर दी, जो राधा की निर्दोषता और उदासीनता के कारण बड़े स्तर पर जाती हैं। इसके अलावा,नौकरानी पारो भी गोपी को डराती है कि अगर वह अपनी मां को छोड़ता है, तो वह मर जाएगी। भयभीत गोपी राधा से दूर रहता है, इससे राधा की पीड़ा बड़ती है। धीरे-धीरे, वह बीमार पड़ती है और उसकी हालत गंभीर हो जाती है। जबकि गोपी के व्यवहार से हर कोई परेशान होता है, निकू सावधानीपूर्वक उसके व्यवहार के कारण को निकाल लेता है। वह सभी को बताता है। "ये सब नौकरानी पारो का करा-धरा है। " हर कोई नौकरानी पारो को डांटता है और गोपी को आश्वस्त करता है कि अगर वह उससे बात करता है तो उसकी मां मर नहीं जाएगी। गोपी राधा के पास आता है और उसकी बीमारी दूर हो जाती है। राधा और भाभी के बीच भी कड़वाहट दूर हो जाती है और वे पहले जैसे ही खुशी से रहना शुरू करते हैं।
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