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20+ चित्तौड़गढ़ में घूमने के लिए बेहतरीन स्थान और प्रमुख दर्शनीय स्थल 

10:30 AM Jan 27, 2024 IST | Abhilasha Saksena
20  चित्तौड़गढ़ में घूमने के लिए बेहतरीन स्थान और प्रमुख दर्शनीय स्थल 
ChittorgarhMe Ghumne ki Best Jagah
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ChittorgarhMe Ghumne ki Best Jagah: चित्तौड़गढ़ राजस्थान राज्य में बेड़च नदी के किनारे स्थित खूबसूरत नगर है। यह नगर मेवाड़ की प्राचीन राजधानी रहा है। इसे महाराणा प्रताप का गढ़ कहा जाता है क्योंकि अपनी वीरता के लिए प्रसिद्ध  महाराणा प्रताप यहां के राजा थे। यहाँ 3 जौहर हुए हैं, इस कारण इसे जौहर का गढ़ भी कहा जाता है। यह शहर ना सिर्फ़ राजाओं बल्कि रानियों के बलिदान के लिए भी जाना जाता है। चित्तौड़गढ़ की ख़ूबसूरती देखने देश-विदेश से पर्यटक पूरे साल भर आते रहते हैं। चलिए आज हम आपको यहाँ के 20 प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों की जानकारी दे रहे हैं।

जगहेंदूरी/किलोमीटर
चित्तौड़गढ़ किला  (Chhitorgarh Fort)5.3
विजय स्तंभ (Vijay Stambh)5.4
कीर्ति स्तंभ (Kirti Stambh)5.2
सांवरियाजी मंदिर (Samvariyaji Temple)33
कालिका माता मंदिर (Kalika Mata Temple)6
सतीश देओरी मंदिर (Satish Deori Temple)5
रतन सिंह पैलेस (Ratan Sinh Palace)4.5
जैन मंदिर (Jain Temple)2
गोमुख कुंड (Gomukh Kund)5.5
मीरा मंदिर (Meera Temple)5
महासती ((Mahasati)35
फतेह प्रकाश पैलेस (Fateh Prakash Palace)38
राणा कुम्भा का महल (Rana Kumbha Palace)5.4
भैंसरोड़गढ़ अभ्यारण (Bhainsrogarh Sanctury)30
पद्मिनी पैलेस (Padmini Palace)6.4
सीतामाता वन्यजीव अभ्यारण (Sitamata Wildlife Sanctury)45
बस्सी वन्यजीव अभ्यारण (Bassi Wildlife Sanctury)30
तुलजा मंदिर (Tulja Temple)4
कुम्भा श्याम मंदिर (Kumbha Shyam Temple)5
मेनाल झरना (Menal Falls)85
20+ चित्तौड़गढ़ में घूमने के लिए बेहतरीन स्थान और प्रमुख दर्शनीय स्थल 

चित्तौड़गढ़ किला  (Chittorgarh Fort)

ChittorgarhMe Ghumne ki Best Jagah
Chhitorgarh Fort

यह देश-भर की प्रमुख ऐतिहासिक धरोहरों की बात करें तो चित्तौड़गढ़ के इस क़िले का ज़िक्र ज़रूर होता है। यह यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है। 700 एकड़ में फैले इस क़िले को देखने यहाँ अच्छी ख़ासी भीड़ रहती है। यह एकमात्र ऐसा किला है, जिसके 7 दरवाजे हैं, जिनके नाम हिंदू देवताओं के नाम पर रखे गए हैं. । इस किले में मजबूत प्रवेश द्वार, बुर्ज, महल, मंदिर और जलाशय हैं, जो राजपूत वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूने हैं। इसके अलावा किले में एक शानदार  स्विमिंग पूल भी मौजूद है. इसे भारत का सबसे लंबा किला भी कहा जाता है। इसके मैदान के अंदर 84 जल निकाय हैं, जिनमें से 22 आज भी मौजूद हैं।

प्रवेश शुल्क  

वयस्कों के लिए चित्तौड़गढ़ किले का प्रवेश शुल्क रु. 50 रुपये और बच्चों  के लिए 25 रुपये है। गैर-भारतीय नागरिकों के लिए, चित्तौड़गढ़ किले में प्रवेश शुल्क 200 रुपये है। 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चे किले में निःशुल्क प्रवेश कर सकते हैं। चित्तौड़गढ़ किले में लाइट एंड साउंड शो के टिकट ऑनलाइन बुक कर सकते हैं।

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विजय स्तंभ (Vijay Stambh)

Vijay Stambh
Vijay Stambh

विजयस्तंभ का निर्माण महाराणा कुंभा ने मोहम्मद खिलजी से अपनी जीत के उपलक्ष्य में करवाया था। यह स्तंभ इतना विशाल है कि इसे चित्तौड़गढ़ के किसी भी कोने से देखा जा सकता है। इस स्तंभ को विजय मीनार के नाम से भी जाना जाता है। इस 9 मंजिलें स्तंभ में हिंदू देवताओं की प्रतिमाएं हैं। सबसे ऊपर जैन देवी पद्मावती की एक छवि है। स्तंभ के आंतरिक भाग में उस समय के हथियारों संगीत और वाद्य यंत्र की नक्काशी दिखाई देती है।

प्रवेश शुल्क  

यहाँ प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं है। इसे देखने के लिए आप 08:00 बजे से सायं 06:00 बजे तक कभी भी जा सकते हैं।

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कीर्ति स्तंभ (Kirti Stambh)

Kirti Stambh
Kirti Stambh

कीर्ति स्तंभ यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र है।22 मीटर ऊंचे इस स्तंभ का निर्माण रावल कुमार सिंह के शासनकाल में हुआ था।चित्तौड़गढ़ के किले के अंदर स्थित कीर्ति स्तंभ 12 वीं शताब्दी में निर्मित स्तंभ है।यह स्तंभ जैन तीर्थंकर आदिनाथ के स्मारक के रूप में खड़ा हुआ है जिसका निर्माण जैन व्यापारी जीजा भावर वाला ने जैन धर्म का प्रचार प्रसार करने के लिए करवाया था। कीर्ति स्तम्भ को टावर ऑफ फेम के नाम से भी जाना जाता है। यह प्रथम तीर्थंकर ऋषभ को समर्पित है।

प्रवेश शुल्क  

यहाँ प्रवेश के लिए कोई फ़ीस नहीं देनी है। इसको देखने आप सुबह 10:00 से शाम के 5:00 बजे तक कभी भी जा सकते हैं।

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सांवरियाजी मंदिर (Saanvariyaji Temple)

Samvariyaji Temple
Samvariyaji Temple

मंडफिया में स्थित भगवान् कृष्ण को समर्पित सांवरियाजी मंदिर चित्तौड़गढ़ में घूमने के लिए प्रसिद्ध स्थानों में से एक है। मंडफिया चित्तौड़गढ़ से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित। यहाँ शांति में आप दिन के कुछ घंटे बिता सकते हैं। चित्तौड़गढ़-उदयपुर हाइवे पर पड़ने की वजह से पर्यटकों और श्रद्धालुओं के बीच बेहद लोकप्रिय है।

प्रवेश शुल्क  

यहाँ प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं लगता है। सांवलिया जी का मंदिर प्रतिदिन सुबह 5.00 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक और दोपहर 2.30 बजे से रात 11 बजे तक खुला रहता है। इस दौरान आप कभी सांवलिया सेठ के दर्शन के लिए जा सकते है।

कालिका माता मंदिर (Kaalika Mata Temple)

Kaalika Mata Mandir
Kaalika Mata Mandir

मां कालकी को समर्पित कालिका माता मंदिर चित्तौड़गढ़ के प्रमुख मंदिरों में से एक है। आज यह मंदिर एक खंडहर बन चुका है लेकिन यहाँ की वास्तुकला आज भी पर्यटकों को हैरान करती है। इस मंदिर के छत, खंबे और फाटक पर जटिल नक्काशी की गई है। मंदिर में मां काली की प्रतिमा काफी विशाल है।अगर आप चित्तौड़गढ़ जा रहे हैं तो इस मंदिर के दर्शन करने के लिए जरूर जाएँ।

प्रवेश शुल्क  

कालिका माता मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं है। माता के दर्शन के लिए यह मंदिर सुबह 5.00 बजे से रात 8.00 बजे तक खुला रहता हैें।

शतीस देओरी मंदिर (Shatis Deori Temple)

Shatis Deori Mandir
Shatis Deori Mandir

चित्तौड़गढ़ किले के यात्रा के दौरान आप शतीस देओरी मंदिर का दर्शन करना ना भूलें। इस मंदिर को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल भी घोषित किया गया है।यह मंदिर फतेह प्रकाश पैलेस के पास में स्थित है, जो यहाँ का पवित्र स्थान माना जाता है। यह मंदिर जैन मंदिर परिसर में सबसे बड़ा मंदिर भी है।अगर आप 11वीं शताब्दी की सुंदर वास्तुकला को देखने का लुफ्त उठाना चाहते हैं तो चित्तौड़गढ़ की यात्रा के दौरान इस मंदिर का दर्शन करने के लिए जरूर आए।

प्रवेश शुल्क  

इस मंदिर में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं लगता। इस मंदिर में आप सुबह 9:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक दर्शन कर सकते हैं।

रतन सिंह पैलेस (Ratan Singh Palace)

Ratan Sinh Palace
Ratan Sinh Palace

अगर आप चित्तौड़गढ़ घूमने जाते हैं तो रतन सिंह पैलेस ज़रूर देखें।चित्तौड़गढ़ किले में स्थित रतन सिंह पैलेस बहुत ही आकर्षित और महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारक है। रत्नेश्वर झील की उपस्थिति इस पैलेस की ख़ूबसूरती को और भी बड़ा देती है।

प्रवेश शुल्क  

यहाँ प्रवेश के लिए भारतीय नागरिक को 15 रुपये और विदेशी नागरिक को 200 रुपये है। सुबह 9:45 बजे से शाम 6:00 बजे तक यहाँ घूमने जा सकते हैं।

जैन मंदिर (Jain Temple)

Jain Temple
Jain Temple

चित्तौड़गढ़ के किले के अंदर छह जैन मंदिर हैं। उनमें से सबसे बड़ा भगवान आदिनाथ का मंदिर है। इन मंदिरों के अंदर और बाहर की ओर की गई शिल्पकला अद्भुत है। मुख्य मंदिर के पीछे की ओर दो और मंदिर हैं।

प्रवेश शुल्क  

इस मंदिर में प्रवेश निःशुल्क है। यहाँ आप सुबह: 5:30 से 11:30 तक और शाम 5:30 से 8:30 बजे तक कभी भी जा सकते हैं।

गौमुख कुंड (Gomukh Kund)

Gomukh Kund
Gomukh Kund

चित्तौड़गढ़ किले के भीतर स्थित गौमुख कुंड यहाँ का प्रमुख तीर्थ स्थान है। गोमुख का अर्थ गाय का मुख होता है। यहां पर गाय के मुख के आकार से पानी आता है, इसलिए इस जगह का नाम गौमुख कुंड हो गया।कहा जाता है कि कोई भी तीर्थ यात्री हिंदू आध्यात्मिक स्थानों की यात्रा करने के बाद अपनी यात्रा को पूरी करने के लिए इस पवित्र गौमुख कुंड के दर्शन करने के लिए आता है। चित्तौड़गढ़ किले की यात्रा के दौरान इस धार्मिक स्थान का दर्शन ज़रूर करें।

प्रवेश शुल्क  

यहाँ कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। क़िले की यात्रा के दौरान आप इसको कभी भी देख सकते हैं।

मीरा मंदिर (Meera Temple)

Meera Temple
Meera Temple

चित्तौड़गढ़ किले के परिसर में स्थित मीरा मंदिर एक ऐतिहासिक और धार्मिक आकर्षण का केंद्र है। यह मंदिर मेरा बाई को समर्पित है, जिसका निर्माण राजपूत राजा महाराणा कुंभा के द्वारा किया गया था। इस मंदिर में इतनी शांति है कि कई पर्यटक यहाँ आकर ध्यान लगाते हैं।

प्रवेश शुल्क  

इस मंदिर में जाने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। मीरा मंदिर में सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक जा सकते हैं।

महासती (Mahasati)

Mahasati
Mahasati

चित्तौड़गढ़ से 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह स्थान बेहद पवित्र माना जाता है। ऐसा माना जाता है यहाँ पर उदयपुर के शासकों का अंतिम संस्कार किया जाता था।यहां एक जलाशय भी है और कहा जाता है कि इस जलाशय से गंगा नदी का पानी निकलता है। यह स्थान पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है।

प्रवेश शुल्क  

यहाँ प्रवेश निःशुल्क है। इसको देखने का कोई तय समय नहीं है।

फतेह प्रकाश पैलेस (Fateh Prakash Palace)

Fateh Prakash Palace
Fateh Prakash Palace

चित्तौड़गढ़ किले के अंदर स्थित इस महल का निर्माण महाराणा प्रताप ने करवाया था।बहुत ही भव्य और सुंदर संरचना वाले इस महल की वास्तुकला पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। महल के अंदर एक गणेश मूर्ति के अलावा फव्वारा जैसी कई सुंदर संरचना हैं, जिन्हें देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। महल में एक संग्रहालय है जिससे महल, किले और चित्तौड़गढ़ शहर के इतिहास की व्यापक जानकारी हासिल की जा सकती है।

प्रवेश शुल्क  

यहाँ प्रवेश के लिए 3 रुपए देने होते हैं। अगर आप सोमवार को जाते हैं तो यहाँ एंट्री फ्री है। शुक्रवार को छोड़कर इस पैलेस में सुबह 10:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक कभी भी जा सकते हैं ।

राणा कुंभा का महल (Rana Kumbha ka Mahal)

Rana Kumbha Palace
Rana Kumbha Palace

चित्तौड़गढ़ का यह महल अपने समय में बहुत भव्य, विशाल और सुंदर हुआ करता था। महल के अंदर एक कालकोठरी भी स्थित है। ऐसा माना जाता है कि रानी पद्मिनी और कई महिलाओं ने यहां जौहर किया था। यह महल राणा कुंभा रानी पद्मिनी रावल कुमार सिंह और मीराबाई जैसे लोगों का निवास स्थान रहा है।

प्रवेश शुल्क  

यहाँ प्रवेश के लिए भारतीय नागरिकों को 20 रुपए और विदेशियों को 50 रुपए देने होते हैं। इसमें प्रवेश का समय प्रातः 8.00 बजे से सायं 6.00 बजे तक रहता है।

भैंसरोडगढ़ अभयारण्य (Bhainsrogarh Wildlife Sanctury)

Bhainsrogarh Wildlife Sanctury
Bhainsrogarh Wildlife Sanctury

अपनी चित्तौड़गढ़ यात्रा के दौरान भैंसरोडगढ अभयारण्य का भ्रमण करना ना भूले। अरावली पहाड़ियों में स्थित यह अभयारण्य चित्तौड़गढ़ के सबसे प्रसिद्ध अभयारण्य में से एक है। है। 1983 में इसे वाइल्ड लाइफ सेंचुरी घोषित किया गया था। यहाँ कई तरह के जीव जंतु और पक्षियों की प्रजातियां देखने को मिलती हैं।

प्रवेश शुल्क  

यहाँ प्रवेश निःशुल्क है और इस अभ्यारण में आप सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक कभी भी जा सकते हैं।

पद्मिनी पैलेस(Padmini Palace)

Padmini Palace
Padmini Palace

यह महल अपनी ख़ूबसूरती के लिए जाना जाता है। इस महल में रानी पद्मिनी मेवाड़ के शासक राजा रावल रतन सिंह से विवाह के बाद रहती थीं। इस महल का इतिहास रानी पद्मिनी द्वारा किए गए बलिदान से जुड़ा हुआ है।

प्रवेश शुल्क  

यहाँ 10 रुपये प्रति वयस्क और 5 रुपये प्रति बच्चा प्रवेश शुल्क है।

सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य(Sitamata Wildlife Sanctury)

Seetamata Wildlife Sanctury
Seetamata Wildlife Sanctury

लगभग 423 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण जाना जाता है। गुलमोहर, सिंदूर और रुद्राक्ष सहित पौधों के घने जंगल से घिरा यह अभ्यारण 1979 में वन्यजीव अभयारण्य के रूप में घोषित किया गया था।

प्रवेश शुल्क  

सीता माता वन्यजीव अभयारण्य में प्रवेश शुल्क वयस्कों के लिए 20 रुपये और बच्चों के लिए 10 रुपये है। सभी विदेशियों के लिए प्रवेश शुल्क 80 रुपये है। यह अभ्यारण सुबह 10 बजे से शाम के 6 बजे तक खुला रहता है।

बस्सी वन्यजीव अभयारण्य (Bassi Wildlife Sanctury)

Bassi Wildlife Sanctury
Bassi Wildlife Sanctury

बस्सी वन्यजीव अभयारण्य का दौरा किए बिना चित्तौड़गढ़ दर्शनीय स्थलों की यात्रा पूरी नहीं की जा सकती। इस नेचर रिजर्व में घूमते समय आप लंगूर, नेवला और यहां तक ​​कि पैंथर को भी आसानी से देख सकते हैं। यहाँ तरह-तरह के पेड़ हैं जो इस स्थान की भव्यता को बढ़ाते हैं।  15,000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला यह स्थान प्रकृति प्रेमियों के लिए  चित्तौड़गढ़ में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है ।

प्रवेश शुल्क  

यहाँ वयस्कों के लिये प्रवेश शुल्क 10 रुपए और बच्चों के 2 रुपए है। यह अभ्यारण सुबह 6:30 से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है।

तुलजा भवानी मंदिर (Tulja Bhavani Temple)

Tulja Bhavaani Temple
Tulja Bhavaani Temple

देवी दुर्गा को समर्पित तुलजा भवानी मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में पृथ्वीराज की दासी के पुत्र बनवीर ने करवाया था।ऐसा माना जाता है कि बाद में चित्तौड़गढ़ किले पर मराठों का आधिपत्य होने के कारण मराठों ने इस मंदिर में अपनी आराध्य देवी तुलजा भवानी की मूर्ति स्थापित की होगी, जिसके बाद से इस मंदिर को तुलजा भवानी के मंदिर के नाम से जाना जाने लगा।

प्रवेश शुल्क  

यहाँ प्रवेश निःशुल्क है।

कुम्भा श्याम मंदिर (Kumbha Shyam Temple)

Kumbha Shyam Temple
Kumbha Shyam Temple

इस मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में हुआ था। यह मंदिर वराह को समर्पित था। पंद्रहवीं शताब्दी में महाराणा कुंभा ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया और इस मंदिर में कुंभश्याम की मूर्ति स्थापित की गई। इंडो-आर्यन शैली में निर्मित यह स्थापत्य शिल्प का अद्भुत उदाहरण है।

प्रवेश शुल्क  

क़िले के अंदर स्थित होने कि वजह से यहाँ कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। यहाँ सुबह 9.45 बजे से शाम 6 बजे तक यह मंदिर दर्शन के लिए खुला रहता है।

मेनाल झरना (Menal Fall)

Menal Waterfall
Menal Waterfall

भीलवाड़ा से 80 किलोमीटर दूर, भीलवाड़ा-कोटा रोड पर यह खूबसूरत झरना है, जहां पानी 150 मीटर की गहराई तक बहुत तेज़ गति से वी-आकार की घाटी में गिरता है। मानसून में इस झरने की ख़ूबसूरती देखने लायक़ रहती है।

प्रवेश शुल्क  

यहाँ कोई प्रवेश शुल्क नहीं है।

चित्तौड़गढ़ घूमने का सही समय – Best time to visit Chittorgarh  

चित्तौड़गढ़ में घूमने का सबसे अच्छा समय सर्दी का मौसम होता है. नवंबर से मार्च के बीच का समय यहां घूमने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इस समय मौसम अनुकूल होता है।

चित्तौड़गढ़ कैसे पहुँचे? 

हवाई जहाज से– यदि आप हवाई मार्ग से चित्तौड़गढ़ जाना चाहते हैं, तो यहां का सबसे निकटतम हवाई अड्डा है उदयपुर का डबोक हवाई अड्डा। आप यहां से चित्तौड़गढ़ के लिए किसी टैक्सी बस अथवा कैब के द्वारा जा सकते हैं।

ट्रेन से –यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन चित्तौड़गढ़ रेलवे जंक्शन है। यह रेलवे जंक्शन देश के कई बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, यह रेलवे जंक्शन दक्षिणी राजस्थान का सबसे प्रमुख रेलवे जंक्शन है।

सड़क मार्ग से– चित्तौड़गढ़ शहर राजस्थान के कुछ प्रमुख शहरों जैसे कि उदयपुर, जयपुर, जोधपुर और भारत के कई बड़े शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। आप यहां सड़क मार्ग द्वारा अपनी लोकेशन के हिसाब से बस अथवा अपने वाहन द्वारा यहां पहुंच सकते हैं।

चित्तौड़गढ़ में ठहरने के लिए टॉप होटल 

होटल द ग्रैंड चित्तौड़  

बसंत नगर, गांधी नगर के पास, नियर गंगौर गार्डन

पद्मावती लेक रिसोर्ट  

सामलपुरा सर्किल, अभापुरा घाट, हंसला, चित्तौड़गढ़

बस्सी फोर्ट पैलेस

बस्सी, किओ राजमंगल, एन एच 28, चित्तौड़गढ़-कोटा हाईवे

FAQ | चित्तौड़गढ़ में पर्यटन स्थलों के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 

चित्तौड़गढ़ घूमने में कितने दिन लगते हैं? 

आप चित्तौड़गढ़ 2 से 3 दिन में आराम से घूम सकते हैंI   करने से पहले ही डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए।

चित्तौड़गढ़ घूमने के लिए कितना पैसा चाहिए? 

चित्तौड़गढ़ में आप अपने बजट के हिसाब से घूम सकते हैं। अगर टॉप होटलों में रहते हैं तो 15 से 20 हज़ार में और साधारण होटलों में रहकर आप 10 से 12 हज़ार में घूम सकते हैं।

चित्तौड़गढ़ घूमने के लिए सबसे अच्छा समय कौन सा है? है? 

चित्तौड़गढ़ घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक है, इस समय मौसम अनुकूल होता है।

मुझे चित्तौड़गढ़ में कहाँ रहना चाहिए?  

चित्तौड़गढ़ में आपको ठह।रने के लिए एक से एक महंगे होटल और रिसोर्ट मिल जाएँगेI इसके अलावा यहाँ बहुत से साधारण होटल भी हैंI

रात के समय चित्तौड़गढ़ में घूमने के लिए कौन सी जगह हैं? 

चित्तौड़गढ़ में आप रात में पद्मावती झील और कुछ मंदिर देख सकते हैं।

हम रात में चित्तौड़गढ़ में क्या कर सकते हैं? 

चित्तौड़गढ़ के कुछ मंदिरों में आप रात में दर्शन के लिए जा सकते ह

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