इन तरीकों का इस्तेमाल कर अपनी कॉगनिटिव फिटनेस को करें दुरुस्त: Cognitive Fitness Ideas
Cognitive Fitness Ideas: आजकल लोग सेहत के लिए मेंटली फिट होने को तरजीह देते हैं। लेकिन ब्रेन तभी सही से काम कर सकता है जब आपकी कॉगनिटिव फिटनेस सही हो। यह ब्रेन के एलर्ट होने का एक रिजल्ट है। जिसके जरिए आप चाहे किसी भी उम्र में क्यों न हों नए चीजों को सीख पाते हैं, याद रख पाते हैं, प्लानिंग करते हैं और आपकी रीजनिंग स्किल्स भी अच्छी रहती हैं। इसके अलावा आप मेंटली यंग रहते हैं। आपकी अनॉमर्ल एजिंग नहीं होती। इसके अलावा आपको नींद भी बहुत अच्छी आती है। तो क्या आप भी उन लोगों में से हैं जिनकी बायालॉजिकल एज चाहे कुछ भी हो लेकिन मेंटली वो यंग और फ्रैश फील करना चाहते हैं तो यह आर्टीकल आपके लिए हैं। यहां हम उन छह तरीकों के बारे में चर्चा करेंगे जिनसे हमारी मेंटल हेल्थ दुरुस्त रह सकती है।
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Cognitive Fitness Ideas:एक नई भाषा सीखें
कुछ भी नया सीखना आपके ब्रेन के लिए बहुत अच्छा होता है साथ ही आपके दिमाग में फुर्ती आती है। जब आप एक नई भषा सीखते हैं तो हमारे दिमाग के न्यूरॉन्स के बीच में नए रिलेशन बनते हैं। न्यूरॉन्स के एक्टिव होने की वजह से आपका दिमाग बूस्ट होता है आपकी इम्यूनिटी भी अच्छी होती है। आजकल तो बहुत से ऐप फ्री में आपको नई लैंग्वेज सिखाने को तैयार हैं। ऐसे में आप रोजाना एक नयी भाषा का शब्द सीख साल में 365 नए शब्द सीख सकते हैं।
म्यूजिक सुनें
म्यूजिक सुनने से सिर्फ हमारा मनोरंजन नहीं होता। जब आप म्यूजिक सुनते हैं तो आप इमोशनली और मेंटली उससे कनेक्ट होते हैं। वहीं अकेले में जब आप लाइट ऑफ कर अपने पसंद के संगीत का आनंद ले रहते होते हैं तो एक अलग ही जोन में चले जाते हैं। म्यूजिक इमोशन मेमोरी और मूवमेंट को सिंक्रॉइज करता है। अगर आपको म्यूजिक में गहरी दिलचस्पी है तो आप म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट बजाना सीखें। यह आपकी कॉगनिटिव हेल्थ के लिए बहुत अच्छा है।
बादाम हैं जरुरी
हम सभी बादाम के फायदों के बारे में जानते हैं। यहां तक कि मिडल क्लास फैमिली में भी बच्चों को एक साल की उम्र के बाद से भीगे हुए बादाम और मुनक्का खिलाए जाते हैं। इसकी वजह है कि यह इसका हमारी कॉगनिटिव हेल्थ से सीधा संबंध है। अगर आप अपने दिमाग से जवां बने रहना चाहते हैं तो रोजाना बादाम को अपनी आदत में शामिल कर लें। इसके अलावा एक मौसमी फल भी आपकी डाइट में होना चाहिए। शुगर युक्त और प्रोसेस्ड फूड से आप जितना दूर रहेंगे आपकी मेंटल एज उतनी ही अच्छी रहेगी। अपनी डाइट में विटामिन मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर चीजों को शामिल करें।
नींद का डोज
बहुत लोगों को लगता है कि उनके पास समय नहीं है तो वह अपने सोने के घंटों में कटौती करते हैं। लेकिन आपको पता है कि आपके दिमाग की खुराक आपकी नींद है। अगर आप सही से नहीं सो पा रहे तो लॉन्ग टर्म में आपकी कॉगनिटिव हेल्थ पर इसका बहुत बुरा नतीजा सामने आएगा। ऐसे में किसी भी उपलब्धि को हासिल करने के लिए अपनी नींद के घंटो में कटौती ना करें। इसके अलावा अपने दोस्तों रिश्तेदारों से मुलाकात करें। क्योंकि सोशली एक्टिव रहने से आपके अंदर की पॉजिटिवटी बनी रहती है।
स्ट्रेस को मैनेज करें
आपने एक कहावत तो सुनी ही होगी कि ‘चिंता चिता समान है’। आज कल लोग हर छोटी से छोटी बात पर चिंतित हो जाते हैं। चिंता कभी भी किसी समस्या का हल नहीं होता, बल्कि चिंता करने से हमारी कॉगनिटिव और फिजिकल हेल्थ पर इसका असर जरूर होता है। अगर आप स्ट्रेस से दूर रहना चाहते हैं तो एक्सरसाइज या योग के जरिए स्ट्रेस से दूर रहने की कोशिश करें। अपने आप को समय का पाबंद रखें। अगर फिर भी आपको लगता है कि आप स्ट्रेस को मैनेज नहीं कर पा रहे तो इस संदर्भ में एक्सपर्ट से बात करें।
माइंड को करें चैलेंज
अपनी जिंदगी में कुछ नया करने की कोशिश करें। माइंड गेम खेलें और बच्चों के साथ बच्चे बनें। खुद को एक ही बात और एक ही रुटीन से न बांधें। उन बातों को भूलने की कोशिश करें जिन बातों से आपको तकलीफ होती है। इसके अलावा जो पांच पॉइंट्स ऊपर बताए हैं इन सभी पर आप अमल करें। ऐसा नहीं होगा कि आपने अच्छा खा लिया लेकिन आप चिंता करते रहे तो आपकी कॉगनिटिव सेहत अच्छी बनी रहेगी। यह सभी पॉइंट्स एक दूसरे से इंटररिलेटेड हैं। एक्सरसाइज, डाइट, नींद, स्ट्रेस मैनेजमेंट और सोशल इंटरेक्शन जैसे पॉइंट्स एक साथ काम करते हैं।