गुवाहाटी के अद्भुत कामाख्या मंदिर घूमने की पूरी जानकारी: Kamakhya Temple Guwahati
Kamakhya Temple Guwahati: गुवाहाटी का कामाख्या मंदिर देश के सबसे प्रमुख धार्मिक स्थलों में आता है। यह शक्ति उपासना का एक बहुत ही शक्तिशाली स्थान है। इस जगह पर स्थित शक्तिपीठ को देश का सबसे दुर्लभ शक्तिपीठ माना जाता है। जिसकी वजह से देश भर से लोग माता के दर्शन के लिए इस जगह पर आते और अपनी आस्था को प्रकट करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर के दर्शन मात्र से इंसान के सारे पाप धूल जाते हैं। माँ कामाख्या का मंदिर भी अधिकांश देवी मंदिरों की तरह एक पहाड़ी पर स्थित है जिसे नीलाचल पहाड़ी के नाम से जाना जाता है। मंदिर तक जाने के लिए आपको सीढ़ियों से चलकर ऊपर की ओर जाना होता है। इस जगह पर आपको पालकी आदि की भी सुविधा आसानी से मिल जाती है।
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पौराणिक कथा
एक शक्तिपीठ होने के नाते इस जगह से कई सारी पौराणिक कथाएँ जुड़ी हुई हैं। ऐसी मान्यता है कि जब सती के पिता ने भगवान शिव को अपने यज्ञ में नहीं बुलाकर उन्हें अपमानित किया तो उन्होंने उसी अग्निकुंड में कूदकर अपनी जान दे दिया था। जिनके मृत्यु देह को भगवान शिव लेकर घूमते रहे थे। इस मोह से बाहर निकालने के लिए भगवान विष्णु ने सती को अंग को 52 हिस्सों में काट दिया था। जिस जिस जगह पर माता के अंग गिरे वह शक्तिपीठ कहलाए। कामाख्या में माँ सती का गुप्तांग गिरा था।
कहाँ ठहरे
इस जगह पर आपको आपके बजट और पसंद के हिसाब से तरह तरह के होटल मिल जाएँगे। कामाख्या शहर में पहुंचने के बाद सबसे पहले किसी होटल में चेक इन कर लें ताकि आपको यात्रा के बाद थोड़ा आराम करने और फ़्रेस होने का मौक़ा मिल जाए। आप अपने साथ लाए सामान को अच्छी तरह से व्यवस्थित कर लें।
खानपान
कामाख्या में खनेपीने के लिए आपको तरह तरह के होटल और रेस्टोरेंट मिल जायेंगे। इन जगहों पर आपको तरह तरह के पकवान भी मिल जाते हैं। आप अपने पसंद के मुताबिक़ जो भी खाना चाहें वह खा सकते हैं। इस जगह का अथनिय फ़ूड आपको ज़्यादा पसंद आएगा।
मंदिर कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग : इस जगह पर आने के लिए सबसे पहले आपको गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा आना होगा। इसे कुछ लोग गुवाहाटी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में भी जानते हैं। कामाख्या मंदिर हवाई अड्डे से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित है जिसके लिए आपको टैक्सी मिल जाएगी।
रेल मार्ग: रेल मार्ग से जाना चाहते हैं तो कामाख्या शहर का अपना रेलवे स्टेशन है। इस स्टेशन को लोग कामाख्या रेलवे स्टेशन के नाम से जानते हैं। लेकिन कामाख्या की बजाय गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर उतरना ज़्यादा सुविधाजनक माना जाता है। यह स्टेशन सभी प्रमुख भारतीय शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। गुवाहाटी रेलवे स्टेशन से मंदिर के बीच की दूरी महज़ आठ किमी है।
सड़क मार्ग: इसी तरह से यदि आप कामाख्या मंदिर दर्शन के लिए सड़क मार्ग से पहुँचना चाहते हैं तो गुवाहाटी आसपास के सभी शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आपको सार्वजनिक परिवहन की कई तरह की अच्छी और आरामदायक बसें मिल जायेंगी। आप चाहें तो अपने निजी वाहन से भी माता के दर्शन के लिए जा सकते हैं।