उठने-बैठने का तरीका बनाता है आत्मविश्वासी: Confidence Skill
Confidence Skill: पॉश्चर यानी बैठने, खड़े होने और बातचीत करने की मुद्रा, यदि यह सही रहती है तो आप हमेशा आत्मविश्वास से भरे रहते हैं। आज के समय में ज्यादातर लोगों का पॉश्चर खराब है। स्कूलों में बच्चे तक पीठ दर्द के बारे में शिकायत करते हैं और उनके कंधे झुके हुए होते हैं, तो फिर वयस्कों की तो बात ही छोड़िए। समस्या यह है कि हम अपना पूरा दिन आवश्यकता से अधिक समय के लिए बैठकर बिताते हैं। लैपटॉप, फोन और अन्य डिजिटल डिवाइस के बढ़ते इस्तेमाल के कारण समस्या बद से बदतर होती जा रही है। इससे धीरे-धीरे हमारी रीढ़ की हड्डी के प्राकृतिक एलाइनमेंट पर असर पड़ रहा है। खराब पॉश्चर के कारण न केवल पीठ और गर्दन प्रभावित होती है बल्कि यह हमारी बॉडी लैंग्वेज, सेल्फ इमेज यहां तक कि हमारे अपने बारे में सोचने के तरीके को भी खराब करती है।
इस लिहाज से अगर देखा जाए तो केवल अपने पॉश्चर और बॉडी लैंग्वेज पर काम करने से ही आत्मविश्वास के स्तर में बहुत हद तक बदलाव आ सकता है। भले ही आप घबराए हुए हों, आप अपने दिमाग को यह सोचकर धोखा दे सकते हैं कि आपके भीतर भरपूर आत्मविश्वास है। मुख्य बात यह है कि आपका दिमाग वास्तविकता और कल्पना के बीच अंतर नहीं जानता है और इसलिए आपके पास यह सुपरपावर है कि आत्मविश्वास ना होते हुए भी ऐसा सोच सकते हैं और दिख सकते हैं।
आत्मविश्वास क्यों जरूरी है

अब सवाल यह उठता है कि आत्मविश्वासी दिखना क्यों जरूरी है। वास्तव में, आत्मविश्वास ही सब कुछ है। यदि आपके भीतर आत्मविश्वास की कमी है, तो आप हमेशा बाहरी स्थितियों या फिर अन्य लोगों की राय पर प्रतिक्रिया करते रहेंगे, खुद को अपमानित महसूस करेंगे या फिर किसी और जैसा बनने या दिखने के लिए लगातार संघर्ष में रहेंगे। यह हमें बहुत अधिक दबाव में डाल सकता है। आपको शायद पता ना हो, लेकिन लोगों के खुद से इतने नाखुश होने का एक मुख्य कारण यही है। हर कोई वह बनना चाहता है जो वह नहीं है लेकिन जब आप आत्मविश्वासी बनते हैं और आत्म-मूल्य का निर्माण करके खुद पर विश्वास करते हैं, तो आपको स्वयं में एक बड़ा बदलाव महसूस होता है। जब आप खुद पर विश्वास करते हैं, तो आत्म-संदेह के लिए कोई जगह नहीं होती है और आप वह काम करते हैं जो आपका मन आपसे करने के लिए कहता है। यह आपकी अनुमान और भीतरी बुद्धिमत्ता से होता है। चाहे वह करियर हो, रिश्ते हों, तरक्की हो या अपना शांतिपूर्ण जीवन बनाना हो, आपके जीवन के हर पहलू में आत्मविश्वास जरूरी है।
पॉश्चर किस तरह मदद कर सकता है
आपका बॉडी पॉश्चर और आत्मविश्वास का आपस में गहरा संबंध है। पॉश्चर को सही करके आत्मविश्वास को भी कायम किया जा सकता है।
बेहतर सांस लेना
जब हम आगे की ओर झुकते हैं, तो हमारे फेफड़ों की ऑक्सीजन धारण करने की क्षमता कम हो जाती है। फेफड़ों की क्षमता कम होने का मतलब है ऑक्सीजन का सेवन कम होना। जो लोग गलत पॉश्चर में हैं वे अपनी पूरी क्षमता से सांस नहीं ले पा रहे हैं।
सेल्फ इमेज और बॉडी लैंग्वेज में सुधार
हर इंच हम आगे झुकते हैं, तो हम अपनी गर्दन, कंधों और पीठ पर अधिक वजन जोड़ते हैं। जरा सोचिए कि क्या अधिक मुखर दिखता है- झुकी हुई पीठ या कंधों को पीछे की ओर झुकाए हुए सीधी मुद्रा, सीधी रीढ़ और ठुड्डी अंदर की ओर झुकी हुई? केवल अपने पॉश्चर में परिवर्तन करके, आप अपने आत्मविश्वास के स्तर और आत्म-मूल्य की भावनाओं को बढ़ा सकते हैं। कई अध्ययनों में यह भी कहा गया है कि सुपरमैन की तरह कमर पर हाथ रखकर पावर पोज में खड़े होने से आत्मविश्वास का स्तर और टेस्टोस्टेरोन बढ़ता है और कोर्टिसोल कम होता है। योग में संपूर्ण वॉरियर पोज या वीरभद्रासन का क्रम- वॉरियर पोज 1, 2, 3, और रिवर्स वॉरियर पोज यानी विपरीत वीरभद्रासन भी आपके आत्मविश्वास के स्तर को बढ़ाने के लिए बेहतरीन मुद्राएं हैं।
5 ऐसे योगासन जो आपके पॉश्चर को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं
योग हमारी जीवनशैली को सुधारने का कार्य करता है जो आपके पॉश्चर को बेहतर बनाने में आपकी मदद कर सकता है। इसके लिए कुछ उपयोगी आसन हैं-
1. सुखासन (आसान मुद्रा)
2. वज्रासन (वज्र मुद्रा)
3. गोमुखासन (गाय मुख मुद्रा)
4. ताड़ासन (पर्वत मुद्रा)
5. पश्चिम नमस्कार (उल्टा नमस्ते)
जीवनशैली में करें ये परिवर्तन
- लंबे समय तक बैठे रहने से बचें।
- अपने गैजेट के उपयोग को लेकर सतर्क रहें।
- अपनी कोर को मजबूत करें, क्योंकि यह आपके ऊपरी शरीर और निचले शरीर को सीधा रखने में मदद करता है।
- अत्यधिक आरामदायक और गद्देदार कुॢसयों और सोफों से बचें, वे आपकी रीढ़ की हड्डी के एलाइनमेंट को खराब कर सकते हैं। ठ्ठ