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किचन गार्डन बनाइए ताजी सब्जियां पाइए: Kitchen Garden

05:30 PM May 16, 2024 IST | Reena Yadav
किचन गार्डन बनाइए ताजी सब्जियां पाइए  kitchen garden
Kitchen Garden
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Kitchen Garden: किचन गार्डन को आप किस तरह से खूबसूरत बना सकती हैं बता रही हैं अर्थली क्रिएशन्स की निर्माता और डिजाइनर हरप्रीत आलूवालिय।

किचन गार्डन घर के अन्‍य गार्डन से थोड़ा अलग होता है। यह ऐसा बगीचा होता है, जिसमें आप वह सब्‍जी उगाते हैं जिसे आप खुद किचन में प्रयोग कर सकते हैं। अच्छे परिणाम के लिए किचन गार्डन की कुछ बारीकियों को जानना बेहद जरूरी है ताकि आप अपने किचन गार्डन में फल और सब्जियां उगाइए और महकाएं अपनी सेहत की बगिया।

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  1. अपना किचन गार्डन प्लान करने से पहले आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि अभी तक आपके किचन में कौन-कौन सी सब्जियों और जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल होता आ रहा है।
  2. अगर आपके पास घर में जगह की कमी हो तो आप डिब्बों और क्लीम्बर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप छोटे-छोटे टेराकोट्टा पॉट्स में भी पौधे लगा सकते हैं, जिससे आपका गार्डन बहुत सुंदर दिखने लगता है। यह पॉट्स बहुत अधिक जगह भी नहीं लेते।
  3. आपको यह देखना होगा कि आपके गार्डन में अच्छी धूप आती हो और उसमें पानी का भी स्रोत हो।
    4.अगर आपके पास बहुत सीमित जगह हो तो आप स्टेप डाउन डिजाइन का इस्तेमाल कर सकते हैं ताकि आपके सभी पौधों को बराबर धूप मिल सके। अपने पौधों को अच्छे से बढ़ने देने के लिए आप वर्टीकल गार्डनिंग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  4. जिस मिट्टी पर आप सब्जियां उगाने के बारे में सोच रहे हैं, उसे अच्छे से तैयार कर लें। मिट्टी में अगर पत्थर हो तो उसे हटा लें। साथ ही मिट्टी में कम्पोस्ट भी मिलाएं।
    6.पौधे का चुनाव करते समय मिट्टी, जलवायु और उनके प्रतिदिन की जरूरतों का ध्यान
    जरूर रखें।
    7.टमाटर, पालक, मूली लेट्यूस, मेथी, लौकी, सेम, मिर्च, और गोभी कुछ ऐसी सब्जियां होती हैं, जिन्हे अपने किचन गार्डन में उगाना बहुत आसान होता है।
    8.अमरूद, पपीते, नींबू, और अनार जैसे फल बहुत आसानी से पॉट्स में उगाए जा सकते हैं। यह बहुत कम जगह घेरते हैं और इन्हे किसी भी साइज के पॉट्स में उगाया जा सकता है।

सब्जी उगाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी चीज है उर्वरक खाद तैयार करना, जिससे पौधों के लिए भरपूर ऊर्जा हो। जो सामान आपके पास मौजूद है, उसी से शुरुआत करें। आपको अलग से कुछ भी खरीदने की जरूरत नहीं है।

  1. अपने किचन से निकलने वाले ऑर्गैनिक कचरे को उपजाऊ मिट्टी में कन्वर्ट करें। वक्त-वक्त पर गमलों में लाल मिट्टी छिड़कते रहें। कंपोस्ट यानी कूड़े से बना खाद, लाल मिट्टी, रेत और गोबर का खाद बराबर मात्रा में मिलाएं।
    2.अगर जगह हो तो कच्ची जमीन में एक गहरा गड्ढा खोदें, वरना एक बड़ा मिट्टी का गमला लें। इसके तले में मिट्टी की मोटी परत डालें। इसके ऊपर किचन से निकलने वाले सब्जियों व फलों के मुलायम छिलके और पल्प डालें। अगर यह कचरा काफी गीला है तो इसके ऊपर सूखे पत्ते या न्यूज पेपर डालें। इसके ऊपर मिट्टी की मोटी परत डालकर ढक दें। इस प्रॉसेस को गड्ढा या गमला भरने तक दोहराते रहें। मिक्सचर के गलकर एक तिहाई कम होने तक इंतजार करें। इस प्रोसेस में तकरीबन तीन महीने का वक्त लगता है। इस खाद को निकालकर किसी दूसरे गमले में मिट्टी की परतों के बीच दबाकर सूखे पत्तों से ढककर रख दें और 15 से 20 दिन में यह खाद इस्तेमाल के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएगी। मिट्टी के साथ मिलाकर सब्जियां और फल उगाने के लिए इसका इस्तेमाल करें। खाली हुए गड्ढे या गमले में खाद बनाने की प्रक्रिया दोहराते रहें।

घर में बनाया गया किचन गार्डन आपकी सेहत के लिए तो फायदेमंद होता है जैसे-

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  1. महंगी सब्जियों की मार से आप किचन गार्डन के जरिये बच सकते हैं।
  2. किचन गार्डन की सब्जियों से एक फायदा यह भी होता है कि कीटनाशकों के प्रदूषण से मुक्त स्वास्थ्यवर्धक सब्जियां आपको घर पर ही मिलती हैं।
    द्य किचेन गार्डन में उगी सब्जियों को बनाने से आपका बजट मेंटेंन रहता है।
    द्य घर में किचन गार्डन होने पर आप अपना बागवानी करने का शौक भी आसानी से पूरा कर सकते हैं।
    द्य पौधे की देखभाल करने में आपको संतुष्टि मिलती है जिससे आपका स्‍वास्‍थ्‍य अच्‍छा हो जाता है। बागवानी करने से तनाव कम होता है। आपका दिमाग उसी में लगा रहता है जिससे आप इधर उधर की बातें सोच नहीं पाते हैं।
    द्य घर पर तुलसी, धनिया और पुदिना जैसी चीजें उगाएं। इन्‍हे खाएं, जिससे आपको कई रोगों में आराम मिलेगा। बुखार, अस्‍थमा, फेफड़ों के रोगों आदि में ये फायदा करती हैं।

आजकल लोगों को अपने किचन गार्डन को अलग-अलग तरह की मॉडर्न एक्सेसरीज से सजाने का बहुत शौक होता है। आप भी गार्डन को सुंदर तरीके से सजा व हाइलाइट कर सकती हैं-

  1. किचन गार्डन में अगर आप अलग-अलग फल व सब्जियों के आकार के पॉट्स लगाएंगे तो वह बहुत आकर्षित लगने लगेगा। रंग-बिरंगे पॉट्स आपके किचन को एक अच्छा और नया लुक देंगे।
  2. आप अपने किचन में किसी खिड़की, बालकनी या जहां आप खाना बनाते हो उसके पास यह रंग-बिरंगे पौधे रखें ताकि आपका खाना बनाने का अनुभव और भी मजेदार हो जायेगा।
  3. अपने किचन के इंटीरियर को सुंदर बनाने के लिए अक्सर लोग छोटे-छोटे जार्स, डब्बों, प्लास्टिक या एलुमिनियम के टब्स का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
  4. किचन में अलग-अलग फलों और सब्जियों के आकार के पॉट्स में पौधे लगा सकते हैं। अगर आपके घर में छोटे बच्चे हैं तो उन्हें यह देखकर घर पर उगी सब्जियां खाने का प्रोत्साहन भी मिलेगा।

पौधों की सिंचाई और उनकी कटाई-छंटाई का सबसे सही वक्त होता है सुबह 6 से 9 बजे के बीच। यही वह वक्त है जब मौसम का मिजाज बेहतरीन होता है। दोपहर या शाम को गार्डनिंग से बचें।
गुड़ाई: मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए और पौधों की जड़ों तक ऑक्सिजन पहुंचाने के लिए वक्त-वक्त पर मिट्टी की गुड़ाई करना जरूरी होता है। उपजाऊ मिट्टी में केंचुए यह काम प्राकृतिक रूप से करते रहते हैं, लेकिन अगर आपकी मिट्टी में केंचुए नहीं हैं अथवा कम हैं तो उनके हिस्से का काम आपको करना होगा।
कम से कम महीने में एक बार मिट्टी की गुड़ाई करें। इससे मिट्टी खोखली रहेगी और अपने आप उग आई घासों की भी सफाई हो जाएगी।
सिंचाई मौसम की मांग के हिसाब से पौधों की सिंचाई करें। बारिश के मौसम में खुले में रखे पौधे एक हफ्ते तक बिना सिचाई के भी हरे-भरे रह सकते हैं। मगर गर्मी के दिनों में दिन में कम से कम एक बार सिंचाई जरूर करें, क्योंकि पौधों के ग्रोथ के लिए मिट्टी में नमी बरकरार रहनी जरूरी है।
यह भी याद रखें कि सर्दी के मौसम में भी पौधों को पानी की जरूरत होती है, लेकिन कम। ऐसे में सर्दी के दिनों में भी हर दूसरे-तीसरे दिन थोड़ा-थोड़ा पानी डालें। मगर इन दिनों हमेशा सुबह के समय सिंचाई करें, शाम को नहीं, क्योंकि रात में ठंड ज्यादा होती है और कड़ाके की ठंड में ऐसा करने से पौधों में पाला लग सकता है।
गार्डनिंग का कैलेंडर
महीना सब्जी
जनवरी बैंगन
फरवरी करेला, लौकी, टिंडा,
खीरा, फ्रेंच, बींस, भिंडी,
तरबूज और साग
मार्च जनवरी वाली सब्जियां
अप्रैल शिमला मिर्च
मई प्याज, काली मिर्च, बैगन
जून लौकी, करेले की सभी
किस्में, खीरा, गोभी,
भिंडी, प्याज, सेम, टमाटर
और काली मिर्च
जुलाई लौकी, करेले की सभी
प्रजातियां, खीरा, भिंडी,
सेम, टमाटर
अगस्त गाजर, गोभी, मूली,
टमाटर
सितंबर पत्ता गोभी, गाजर, फूल
गोभी, मटर, मूली, टमाटर
अक्टूबर चुकंदर, बैगन, पत्ता,
गोभी, फूल गोभी, मटर,
साग, मूली, शलजम
नवंबर शलजम, टमाटर, मूली,
काली मिर्च, मटर, चुकंदर
दिसंबर टमाटर

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