गर्मी के वो 4 देसी ड्रिंक जो आपको यादों की पगडंडी पर ले जाते हैं: Desi Summer Drinks
Desi Summer Drinks: जिंदगी में हम सभी चाहे कितना भी आगे क्यों न बढ़ जाएं लेकिन बचपन, नानी का घर, गर्मियों की दोपहर में कजिन्स के साथ मस्ती और वो खानपान जैसे यादों के पिटारे में बंद है। आजकल चूंकि अब देसी ड्रिंक का चलन वापस से बढ़ गया है ऐसे में यादें मानो फिर से जिंदा हो गई हैं। फिर चाहे वो सत्तू हो कैरी और इमली का पन्ना हो या बेल का जूस। आज लोग भले ही फायदेमंद होने की वजह से इन्हें पीते हैं लेकिन 90 के दौर के बच्चे जब नानी के घर जाया करते थे और उस वक्त नानी इन देसी ड्रिंक में प्यार का मसाला डालकर देती थीं तो इनका स्वाद और भी दोगुना हो जाया करता था। आज हम आपके साथ ऐसे ही ड्रिंक शेयर कर रहे हैं जो आज भी आपकी आंखों के सामने आते हैं तो आपको यादों की पगडंडी पर ले जाते हैं।
जौ का सत्तू

जब शाम को दोबारा से बहुत तेज भूख लगती थी तो शाम को जौ का गुड़ वाला शर्बत नानी तैयार रखती थीं। यह शर्बत खूब सारा बनता था और बच्चों का जितना मन होता था उतना यह शर्बत पीते थे। आज तो सत्तू मीठा और नमकीन दोनों तरह से पीया जाता है लेकिन उस समय यह मीठा ही रहता था। हां पहले सत्तू घर में पिसा जाता था आज रेडीमेड पैकेट मिलते हैं। इसे बनाने की विधि भी देख लेते हैं।
सामग्री
सत्तू-3 चम्मच
गुड़ की शक्कर-2 चम्मच
ठंडा पानी-3/4 गिलास
विधि
सबसे पहले गिलास में ठंडा पानी लें। इसमें सत्तू का पाउडर, गुड़ की शक्कर को अच्छे से मिलाएं। अगर आपको बहुत गाढ़ा पसंद नहीं है तो आप शक्कर की मात्रा को अपने हिसाब से कम या ज्यादा कर सकते हैं। इसके अलावा नमकीन भी बना सकते हैं। इसमें शक्ककर की जगह आपको नमक डालना है। इसके साथ एक चुटकी जीरा और पुदीना डालें-तैयार है आपका देसी ड्रिंक।
बेल का जूस

हालांकि बेल का जूस अपनी खुशबू की वजह से बहुत पसंद नहीं आता था लेकिन यह कहकर पिलाया जाता था कि यह पेट के लिए बहुत ठंडा होता है। यह एक तरह की मीठी दवाई है। आज जब फायदे नुकसान को समझने की उम्र हो गई है तो पता चलता है कि बेल वाकई में कितना फायदेमंद होता है।
सामग्री
बेल-1
शक्कर-4 से 5 बड़े चम्मच
पानी- डेढ़ से 2 लीटर
विधि
सबसे पहले बेल को लेकर उसे अच्छे से धो लें और उसे बट्टे की सहायता से फोड़कर पानी में भिगो दें। दो घंटे भीगने के बाद बेल का गूदा निकलने में आसानी रहेगी। आप बड़े चम्मच की मदद से इसका गूदा निकाल लें। गूदा निकालने के बाद इसे मोटी छलनी में रखें। छलनी के नीचे एक भगोना रखें। आप इस भगोने का आधा पानी से भर लें। छलनी से गूदे को छानते जाएं। आप जितना गूदे को रगड़ते हुए छानेंगे शर्बत उतना मजेदार बनेगा। बीच-बीच में ऊपर से पानी डालते रहें। इसके बाद भगोने में गूदे और पानी को अच्छे से मिक्स कर लें। इसमें शक्कर को मिक्स करें। आपका शर्बत तैयार है। इसे फ्रिज में रखें। यह ठंडा ही अच्छा लगता है।
रोज मिल्क

90 के उस दौर में मिल्क शेक का तो कॉन्सेपट नहीं था। हां दूध के शर्बत बना करते थे। इसमें ठंडाई के अलावा स्पेशल और मॉडर्न जो कभी-कभी मिलता था उसमें मिल्क रोज का नाम शामिल है। अगर घर में रुहअफ्जा रखा होता था तो बच्चे ही इसे बना लिया करते थे।
सामग्री
दूध-1/2 किलो
रुहअफ्जा-3 बड़े चम्मच
काजू-7-8 बारीक कटे हुए
विधि
इसमें आपको मलाई वाला ठंडा दूध लेकर उसमें रुहअफ्जा को डालना है। इसमें बारीक कटे काजू बहुत अच्छे लगते हैं। यह मिल्क रोज चिल्ड ही अच्छा लगता है। इसके टेस्ट के साथ इसका कलर भी बहुत खूबसूरत है। अगर आपको मीठा पसंद है तो इसमें आप अलग से और शक्कर भी डाल सकते हैं। वरना हल्के मीठे का बना ठंडा सा मिल्क रोज गर्मियों के लिए अच्छा है।
इमली का पन्ना

गर्मियों में लू से बचने के लिए इसे बहुत पिलाया जाता था। इसका खट्टा-मीठा टेस्ट बहुत अच्छा होता था। कभी भी सिर्फ एक गिलास पीने से मन नहीं भरता था। हम बच्चे दो से तीन गिलास आराम से पी जाया करते थे।
सामग्री
इमली-100 ग्राम
गुड़-200 ग्राम
नमक- आधा चम्मच
भुना जीरा- आधा चम्मच
काला नमक- एक चुटकी
पुदीने की पत्ती-7-8
लाल मिर्च- एक चुटकी
विधि
सबसे आपको इमली और गुड़ को भिगोना है। इन्हें भिगाने के बाद आप इमली के बीजों को हाथ से मसल कर निकाल लें। इमली के रेशे भी इसके साथ ही निकल जाएंगे। इसके बाद आप इमली के गूदे और गुड़ को मिक्सी में पानी के साथ ग्राइंड कर लें। इसमें आप अपनी जरुरत के हिसाब से पानी मिला सकते हैं। इस पानी को मलमल के कपड़े से छान लें। फिर इसमें नमक, भुना जीरा, काला नमक, पुदीने की पत्ती और लाल मिर्च को मिक्स कर लें। इसे ठंडा-ठंडा सर्व करें। इससे आपकी गर्मी तो दूर होगी ही आपके टेस्ट बड्स भी खुलेंगे।