For the best experience, open
https://m.grehlakshmi.com
on your mobile browser.

क्या आप जानते हैं किस समय करनी चाहिए भगवान हनुमान की पूजा? जानें यहां सबकुछ: Lord Hanuman Puja

06:00 AM May 15, 2024 IST | Ayushi Jain
क्या आप जानते हैं किस समय करनी चाहिए भगवान हनुमान की पूजा  जानें यहां सबकुछ  lord hanuman puja
Lord Hanuman Puja
Advertisement

Lord Hanuman Puja: हनुमान जी अपने भक्तों के परम रक्षक हैं। वे सभी प्रकार के कष्टों और परेशानियों को दूर करते हैं। मान्यता है कि भगवान हनुमान शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता हैं। उनकी पूजा में जटिल विधियों की आवश्यकता नहीं होती। मंगलवार उनके पूजन का विशेष दिन माना जाता है। भक्त उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए मंगलवार को पूजा करते हैं और अमृतवाणी तथा श्री हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। हनुमान जी प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। पवन पुत्र को प्रसन्न करने के लिए भक्त विभिन्न तरीके अपनाते हैं। कुछ हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, तो कुछ सुंदरकांड का पाठ करते हैं। मंत्रों का जाप भी हनुमान जी को प्रसन्न करने का एक उत्तम तरीका है।

Also read : क्यों हनुमान जी के भक्तों पर शनि देव का प्रकोप नहीं होता

हनुमान जी की पूजा का सही समय क्या है

मंगलवार, भगवान हनुमान जी को समर्पित दिन माना जाता है। इस दिन उनकी पूजा करना विशेष फलदायी होता है। सुबह सूर्योदय के बाद का समय शाम सूर्यास्त के बाद का समय (विशेष रूप से राहुकाल के अलावा) राहुकाल के दौरान पूजा करना अशुभ माना जाता है। आप अपनी सुविधानुसार सुबह या शाम के समय में से किसी भी समय पूजा कर सकते हैं। राहुकाल का समय प्रत्येक दिन अलग-अलग होता है। आप किसी पंचांग या ज्योतिषी से राहुकाल का समय जान सकते हैं। आप अपनी इच्छानुसार हनुमान जी की पूजा कर सकते हैं।

Advertisement

धर्म शास्त्रों के अनुसार, मंगलवार का व्रत रखने से कुंडली में मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और शुभ फल प्राप्त होते हैं। यह व्रत शनि की महादशा और साढ़े साती के प्रभावों को कम करने में भी लाभकारी है। इसके अलावा, मंगलवार का व्रत सम्मान, बल, साहस और पुरुषार्थ को बढ़ाता है। विधि-विधान के साथ शुभ समय पर हनुमान जी की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं और संकटों से मुक्ति मिलती है।

मंगलवार को ऐसे करें हनुमान जी की पूजा

सुबह उठकर स्नान करें और लाल वस्त्र पहनें।
घर या मंदिर में ईशान कोण को साफ करके लाल चौकी स्थापित करें।
चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर हनुमान जी की मूर्ति रखें।
भगवान राम और माता सीता की भी प्रतिमा साथ रखें।
दीपक और धूप जलाएं और सुंदरकांड का पाठ करें।
हनुमान जी के मंत्रों का जाप करें।
हनुमान जी को लाल फूल, लाल सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं।

Advertisement

Advertisement
Tags :
Advertisement