गर्मियों में दूध नहीं, पिएं छाछ: Milk and Buttermilk
Milk and Buttermilk: हम सभी अपनी डाइट में डेयरी प्रोडक्ट्स को शामिल करते हैं। हालांकि, इनमें एक चीज है, जिसे हर किसी को अपनी डाइट का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए, वह है छाछ। छाछ या लस्सी पीना सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। छाछ एक टेस्टी और कूलिंग ड्रिंक है, जो दही और कुछ मसालों जैसे- जीरा, करी पत्ता, अदरक और नमक आदि से तैयार किया जाता है। इससे सिर्फ प्रोटीन ही नहीं मिलता, बल्कि इस टेस्टी ड्रिंक के अन्य भी कई फायदे हैं। लस्सी या छाछ को फरमेंटेड दूध यानी दही की मदद से बनाया जाता है। चूंकि इसमें दूध फरमेंटेड होता है, इसलिए इसमें प्रोबायोटिक्स होते हैं। यह कैसिइन या मिल्क प्रोटीन को तोड़ता है, जो पचाने में सबसे कठिन प्रोटीनों में से एक है। यह दूध में विटामिन बी और विटामिन सी दोनों की मात्रा को भी बढ़ाता है।
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दूध की तुलना में छाछ में फैट और कैलोरी कम है। एक गिलास से आपको अपेक्षाकृत 40 कैलोरी कम मिलती है। साथ ही, यह बहुत फिलिंग भी है। यह वास्तव में मीलटाइम के बीच हंगर क्रेविंग को दूर रखने के लिए एकदम सही है। यह शरीर को हाइड्रेट और ठंडा रखता है। इलेक्ट्रोलाइट्स (विशेष रूप से पोटेशियम) से भरपूर यह तेज गर्मी के दौरान हीट और पानी की कमी को दूर करने के लिए एक अच्छा उपाय है। इसलिए, अगर आप गर्मी में बाहर जा रहे हैं तो अपने साथ छाछ की एक बोतल ले जाएं या फिर घर पहुंचते ही एक गिलास ठंडा छाछ ले लें।
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कैल्शियम हड्डियों के लिए बहुत जरूरी है और अगर आप पर्याप्त कैल्शियम को लेकर चिंतित हैं, तो ऐसे में छाछ आपकी मदद कर सकता है। दही से बना छाछ अतिरिक्त कैल्शियम प्राप्त करने का एक शानदार तरीका है। यह उन लोगों के लिए भी है, जो लैक्टोज इनटॉलरेंस हैं क्योंकि अधिकांश लैक्टोज इनटॉलरेंस लोग छाछ को सहन करने में सक्षम हैं। एक कप से दो गिलास छाछ बनाकर उसका सेवन किया जा सकता है। यह आपको पर्याप्त कैल्शियम प्रदान कर सकता है जो काफी मायने रखता है। इसलिए यदि आप लैक्टोज इनटॉलरेंस हैं, तो छाछ पीना यह सुनिश्चित करने का एक तरीका है कि आपको कैल्शियम मिले।
छाछ कई विटामिन भी प्रदान करता है- बी कॉम्प्लेक्स-ए और ई। यह विटामिन बी 12 भी प्रदान करता है, जिसकी अधिकांश वेजिटेरियन्स में कमी होती है। यह सबसे अच्छी चीज है जिसे आप अपना पेट भरने के लिए पी सकते हैं। यह पेट के लिए हल्का होता है और पाचन प्रक्रिया के लिए बेहद अच्छा होता है। साथ ही यह एसिडिटी को कम करने में मदद करता है, क्योंकि यह पेट को ठंडा करता है और एसिड रिफ्लक्स के कारण होने वाली पेट की परत में जलन को कम करता है। यह गलत खान-पान और मसालेदार खाने से होने वाली पेट की आग को बुझाने में भी मदद करता है। इसके अलावा इसमें मौजूद अदरक, काली मिर्च और जीरा इसे एक बेहतरीन पाचन एजेंट बनाते हैं। वास्तव में जब आप पुरानी कुकबुक पढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा कि छाछ को 'दादी का प्रोबायोटिक कहा जाता था।
यह एक बेहतरीन क्लींजर भी है, क्योंकि यह प्रभावी ढंग से फैट, ऑयल, घी या मक्खन (हमारे भोजन से) को धोता है जो आम तौर पर हमारे भोजन नली और पेट की आंतरिक दीवारों पर जमा होता है और आंत में जलन पैदा करता है। आमतौर पर भारी भोजन के बाद आप आलस्य और उनींदापन महसूस करेंगे। हालांकि, एक गिलास छाछ आपको तरोताजा कर देगा। यह मसालेदार भोजन के बाद पेट को आराम देने में भी मदद करता है। इसलिए दोपहर के भोजन के थोड़ी देर बाद इसे लेना एक अच्छा विचार है। इसके अलावा यह प्रोबायोटिक्स (अच्छे बैक्टीरिया) का भी एक अच्छा स्रोत है। प्रोबायोटिक्स हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं और हमें ऊर्जावान भी बनाए रखते हैं।
छाछ स्किन के लिए भी काफी अच्छा है। चूंकि यह टॉक्सिन को बाहर निकालकर आपको पोषित करता है, जिससे आपकी स्किन अधिक स्मूथ, ब्राइटर और दाग से मुक्त हो जाती है। क्या आप जानते हैं कि छाछ राइबोफ्लेविन भी प्रदान करता है जो आपके लीवर को ठीक से काम करने और शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करता है।