Drinks To Control Cholesterol: अपने कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करें ड्रिंक की मदद से
Drinks To Control Cholesterol: अपने कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करें ड्रिंक की मदद सेसुमेधा की उम्र सिर्फ 42 साल है लेकिन हाल के दिनों में उसके बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल स्तर ने उसे यह महसूस कराया कि उसकी उम्र काफी हो चुकी है और उसकी लाइफ में ज्यादा कुछ बचा नहीं है। सुमेधा को कुछ दिनों पहले ही पता चला कि उसका कोलेस्ट्रॉल स्तर बहुत बढ़ा हुआ हुआ और उसे ठीक करने के लिए उसे लगातार दवाइयों पर निर्भर रहना पड़ेगा। डॉक्टर ने सुमेधा को अपनी डाइट में बदलाव लाने को भी कहा। जबकि सुमेधा को खाने से बहुत प्यार है। यह सुनते ही सुमेधा की परेशानी कई गुना बढ़ गई है और उसे डिप्रेशन ने घेर लिया। सुमेधा उन लोगों में शामिल है, जो अपनी सेहत का खास ध्यान नहीं रखते हैं और डाइट के बारे में ज्यादा पता न होने से परेशानी में पड़ जाते हैं।
क्या है कोलेस्ट्रॉल
कोलेस्ट्रॉल फैट की तरह एक चीज है, जो आपकी बॉडी के ब्लड और सेल्स में मौजूद रहती है। सेल, टिशू और अंगों के निर्माण में इसका होना बहुत जरूरी है। यह हार्मोन, विटामिन डी और बाइल जूस को भी बनाता है।एसडीएल नामक गुड कोलेस्ट्रॉल और एलडीएल नामक बैड के लोग कोलेस्ट्रॉल और ग्लाइसराइड्स होते हैं। बड़े हुए एलडीएल लेवल से आर्टिरीज के अंदर फैट बिल्डअप होता है, यह हार्ट में ब्लड फ्लो को ब्लॉक करता है।
फाइबर इनटेक बढ़ाने, सैचुरेटेड फैट कम करने, प्लांट बेस्ड फूड्स लेने, रिफाइन फूड कम खाने और डाइट में ट्रांस फैट कम करने से कोलेस्ट्रॉल स्तर सही रहता है। कोलेस्ट्रॉल को हेल्दी स्तर पर रखने से आपकी जिंदगी स्वस्थ और लंबी रहती है।
क्या कहता है अध्ययन
हाल के अध्ययन बताते हैं कि शहरी पॉपुलेशन के 25-30% लोगों में और रूरल पापुलेशन के 15% लोगों में हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल है। इस तरह से यह जरूरी है कि हम न्यूट्रिएंट्स समृद्ध डाइट का सेवन करें।
कोलेस्ट्रॉल स्तर को कंट्रोल करने के लिए पिएं ये ड्रिंक्स
ऐसे कुछ ड्रिंक है जिनके सेवन से हमारा कोलेस्ट्रॉल स्तर मेंटेन रहता है।
ग्रीन टी
ग्रीन टी एंटीऑक्सीडेंट का बढ़िया स्रोत है। इसमें कैटचिन्स और एपीगैलोकैटचीन गैलेट्स होते हैं। ग्रीन टी पीने से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और कुल कोलेस्ट्रॉल स्तर कम होता है। ब्लैक टी में ग्रीन टी की तुलना में कम कैटचिन्स होते हैं।
टमाटर का जूस
टमाटर में बढ़िया मात्रा में लाइकोपीन होता है, जो एक एंटी ऑक्सीडेंट है। यह एंटी ऑक्सीडेंट सेल डैमेज की सुरक्षा करने में मदद करता है। टमाटर के बारे में एक बढ़िया बात यह है कि इसे प्रोसेस करने से इसके अंदर का लाइकोपीन कॉन्टेंट बढ़ जाता है। इसमें नियासीन और कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाले फाइबर भी होते हैं। एक अध्ययन के अनुसार 2 महीने तक रोजाना 280 मिलीलीटर टमाटर का जूस पीने से कोलेस्ट्रॉल स्तर में सुधार आता है।
सोय मिल्क
सोय मिल्क में सैचुरेटेड फैट का काम असर होता है। रेगुलर क्रीमर और हाई फैट मिल्क की जगह सोय मिल्क लेने से कोलेस्ट्रॉल मैनेजमेंट में मदद मिलती है। फूड एंड ड्रग एसोसिएशन की सलाह है कि कम सैचुरेटेड फैट और 25 ग्राम सोय प्रोटीन रोजाना अपनी डाइट में लेना चाहिए।
ओट ड्रिंक
कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने के लिए ओट मिल्क बहुत प्रभावशाली है। इसमें बीटा-ग्लूकन नामक चीज है, जो बाइल सॉल्ट के साथ मिलकर इंटेसटाइन में जेल जैसा लेयर बनाता है, जो बदले में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को कम करने में मदद करता है। एक कप ओट मिल्क में 1.3 ग्राम बीटा ग्लूकन होता है। इसलिए ओट ड्रिंक के पैक पर हमेशा बीटा-ग्लूकन के स्तर की जांच जरूर करें।
बेरी स्मूदी
हर तरह की बेरी में एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में होता है, जो कोलेस्ट्रॉल स्तर को सही रखने में सहायक है। स्ट्रॉबेरी, रसबेरी, ब्लूबेरी और ब्लैकबेरी में खूब सारे एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर होते हैं। लो फैट मिल्क में मुट्ठी भर बेरी डालकर रोजाना शेक पीने से कोलेस्ट्रॉल स्तर कम होता है।
कोकोआ ड्रिंक
कोकोआ में फ्लेवनॉल नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो बॉडी में बैड कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने में मदद करता है। डार्क चॉकलेट का मुख्य इनग्रेडिएंट कोकोआ है, जिसमें मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड का उच्च स्तर रहता है। यह कोलेस्ट्रॉल स्तर को सुधारने में सहायक है। अमूमन 50 मिलीग्राम कोकोआ को दिन में दो बार लेने से कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने में मदद मिलती है। प्रोसेस किए हुए चॉकलेट से परहेज करना चाहिए क्योंकि इनमें सैचुरेटेड फैट का उच्च स्तर रहता है।
अल्कोहल
सीमित मात्रा में अल्कोहल का सेवन ब्लड में एचडीएल स्तर को बढ़ा सकता है। अल्कोहल की बात की जाए तो इसमें रेड वाइन सही चॉइस है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। कई अध्ययन यह खुलासा करते हैं कि सीमित मात्रा में रेड वाइन के सेवन से न सिर्फ कोलेस्ट्रॉल स्तर कम होता है बल्कि कुछ खास तरह के हार्ट डिजीज से भी बचाव होता है। हेवी ड्रिंकिंग से परहेज करना चाहिए क्योंकि इससे बैड कोलेस्ट्रॉल स्तर बढ़ता है।
प्लांट बेस्ड स्मूदी
काले, कद्दू, मेलन और केले जैसे इनग्रेडिएंट वाले स्मूदी कोलेस्ट्रॉल स्तर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इंग्रेडिएंट्स को ओट मिल्क में मिलाकर स्मूदी बनाने से कुछ ही सैचुरेटेड फैट बचते हैं, जो अनियमित कोलेस्ट्रोल स्तर के लिए जिम्मेदार होते हैं।
स्टेनॉल और स्टेरॉल
स्टेनॉल और स्टेरॉल प्लांट केमिकल हैं, जिनका शेप और साइज कोलेस्ट्रोल जैसा होता है। ये कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को ब्लॉक करते हैं। फूड कंपनियां इन केमिकल्स को कई फूड्स और ड्रिंक्स में मिलाती है। एफडीए का कहना है कि रोजाना स्टेरॉल का 1.3 ग्राम और स्टेनॉल का 3.4 ग्राम सेवन कोलेस्ट्रॉल स्तर को सही रखने में मदद करता है।