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सेक्स कितनी देर तक चलना चाहिए: Duration of Sex

03:30 PM Jun 22, 2023 IST | Rani
सेक्स कितनी देर तक चलना चाहिए  duration of sex
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Duration of Sex: सेक्सुअलिटी इंसानी रिश्तों का एक अहम हिस्सा है और इसके विभिन्न पक्षों को समझने से एक स्वस्थ और संतुष्ट रिश्ते का अनुभव किया जा सकता है। जब भी सेक्शुअल इंटिमेसी की बात की जाती है तो एक आम सवाल जो सबके सामने आता है वह यह है कि पहला राउंड कितने समय तक चलना चाहिए या सेक्स कितने समय तक होना चाहिए। अमूमन इसको लेकर लेकर बहुत ही अवास्तविक या यूं कहें कि काल्पनिक तस्वीर बनाई गई है जबकि यह बहुत जरूरी है कि सेक्शुअल एंकाउंटर के असल समय को सही तरीके से समझा और परखा जाए। आज इस लेख में हम इस विषय के बारे में गहराई से बात करेंगे और जानेंगे कि वे कौन से कारक हैं, जो सेक्स के समय को प्रभावित करते हैं। साथ ही यह भी जानेंगे सेक्शुअल रिश्ते में संतुष्टि पाने के लिए बातचीत और एक दूसरे को संतुष्ट करना कितना जरूरी है।

सेक्स करने की अवधि को प्रभावित करने वाले कारक 

Duration of Sex
Sexual Intimacy

सेक्स करने की अवधि कई कारकों पर निर्भर करती है, जिनमें शारीरिक और मानोवैज्ञानिक दोनों कारक शामिल हैं। उम्र, ओवरऑल हेल्थ, हार्मोनल बदलाव और दवाइयों का इस्तेमाल जैसे कारक सेक्शुअल स्टैमिना और इंटरकोर्स की अवधि को प्रभावित करते हैं। तनाव का स्तर, इमोशनल कनेक्शन और मानसिक स्वास्थ्य जैसे साइकोलॉजिकल कारक सेक्शुअल एनकाउंटर की लंबाई को प्रभावित करते हैं। इसके साथ रिश्तों का गणित, अनुभव और व्यक्तिगत प्राथमिकता भी सेक्स के समय को निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

सेक्स करने के समय में बदलाव 

यह जानना और पहचानना बहुत जरूरी है कि सेक्स करने की अवधि हर व्यक्ति और दंपत्ति के बीच अलग-अलग रहती है और इसके लिए कोई एक समय निर्धारित नहीं है। शोध का कहना है कि वजाइनल इंटरकोर्स जिसमें पेनिट्रेशन से लेकर इजेकुलेशन तक शामिल है, तीन से सात मिनट के बीच चलता है। लेकिन इसे संतुष्ट सेक्शुअल अनुभव का बेंचमार्क नहीं मानना चाहिए क्योंकि यह अध्ययन संपूर्ण सेक्शुअल गतिविधि को शामिल नहीं करता है, ना ही फोरप्ले, अराउजल और आफ्टरप्ले की महत्ता पर प्रकाश डालता है।

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अध्ययन यह भी इशारा करते हैं कि जोड़े सेक्शुअल गतिविधि में विभिन्न समय या अंतराल के लिए इंगेज होते हैं और हर व्यक्ति या जोड़े में संतुष्टि का अनुभव करने में विविधता होती है। कुछ जोड़ों को कम समय में चरम सुख प्राप्त हो जाता है, तो कुछ को गहन एनकाउंटर पसंद आते हैं, तो कुछ को इंटिमेसी के लंबे समय अच्छे लगते हैं। इन सबके बीच में जरूरी है कि आप दोनों को सेक्शुअल संतुष्टि प्राप्त हो, तो इसके लिए यह जरूरी है कि किसी भी जोड़े के पास अपनी इच्छाओं और चाहतों के बारे में खुलकर बातचीत करने की आजादी भी हो। इमोशनल कनेक्शन और इंटिमेसी सेक्शुअल एनकाउंटर की अवधि की जगह ज्यादा जरूरी है और यह बात सब को समझने की जरूरत है।

बातचीत और सेक्शुअल संतुष्टि 

किसी भी रिश्ते को यदि स्वस्थ बनाना है और उसमें सेक्स संतुष्टि चाहिए तो खुली बातचीत बहुत जरूरी है। अपनी सेक्शुअल इच्छा और प्राथमिकताओं को आजादी से कहने का हक दोनों को मिलना चाहिए। साथ ही ऐसा माहौल बनाने की कोशिश करनी चाहिए जहां दोनों पार्टनर कंफर्टेबल और संतुष्ट महसूस कर सकें। खुलकर बात करने के साथ ही दोनों पार्टनर को एक-दूसरे की जरूरतों और इच्छाओं को एक्सप्लोर करना बहुत जरूरी है ताकि दोनों का सेक्शुअल अनुभव खूबसूरत हो सके। सेक्शुअल गतिविधियों, पोजीशन और तकनीक के साथ प्रयोग करके प्लेजर और इंटिमेसी को इन्हैन्स किया जा सकता है और इसमें सेक्स करने की अवधि बिल्कुल भी शामिल नहीं होनी चाहिए।

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उम्मीद और मिथकों पर बातचीत 

यह बहुत जरूरी है कि सेक्स करने की अवधि के बने मिथकों को तोड़ा जाए और उनके बारे में खुलकर बात की जाए, जिससे कि किसी भी रिश्ते में एंजाइटी या अपर्याप्त महसूस करने की भावना ना आ सके। कुछ जगहों पर लंबे समय तक चलने वाले सेक्स एंकाउंटर के बारे में बात की जाती है जो कि बिल्कुल भी वास्तविक नहीं है और लोगों में अवास्तविक उम्मीदें पैदा हो जाती हैं। सच तो यह भी है कि सेक्स करने की अवधि सबके लिए अलग-अलग हो सकती है और इसमें कुछ भी सामान्य या आदर्श अवधि नहीं है।

खुद या अपने रिश्ते की तुलना किसी काल्पनिक रिश्ते से करके अपनी सेक्शुअल संतुष्टि और ओवरऑल वेल बीइंग को कम करने का जोखिम उठाना बिल्कुल भी सही नहीं है। सबसे ज्यादा यह समझना जरूरी है कि सेक्शुअल अनुभव सबके लिए अलग और यूनिक होते हैं, जो प्लेजर लाने के साथ ही दोनों पार्टनर के बीच इंटिमेट कनेक्शन भी उत्पन्न करते हैं।

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किन कारणों पर निर्भर करता है सेक्स करने की अवधि 

सेक्शुअल इंटरकोर्स एक प्राकृतिक और इंटिमेट चीज है, जो हर व्यक्ति और जोड़े के बीच अलग-अलग समय के साथ पूरी होती है। इसके लिए कोई आदर्श या मानक समय सीमा नहीं है कि इंटर कोर्स कितनी देर तक चलना चाहिए। बावजूद इसके आइए जानते हैं कि वे कौन से तीन कारक हैं, जो सेक्शुअल इंटर कोर्स की अवधि को प्रभावित कर सकते हैं।

शारीरिक कारक 

Sexual intimacy

किसी भी व्यक्ति की उम्र और उसकी शारीरिक क्षमता सेक्शुअल इंटर कोर्स की अवधि को निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाती है। अमूमन जवान और शारीरिक तौर पर फिट लोगों का स्टैमिना ज्यादा होता है जिससे कि उनका इंटर कोर्स लंबे समय तक चल सकता है।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या प्रीमेच्योर इजेकुलेशन जैसे हेल्थ कंडीशन वाले लोगों के सेक्शुअल इंटरकोर्स की अवधि प्रभावित हो जाती है। इन कंडीशन को ठीक करने वाली दवाइयां भी सेक्शुअल परफारमेंस को प्रभावित कर सकती हैं।

जोड़े के अराउजल का स्तर और संवेदनशीलता इंटर कोर्स की अवधि को प्रभावित करने में सबसे ज्यादा बड़ी भूमिका निभाते हैं। यदि अराउजल स्तर बहुत ज्यादा होगा और संवेदनशीलता भी बढ़ी हुई होगी तो जाहिर सी बात है कि उनके बीच संभोग भी लंबे समय तक चलेगा।

मनोवैज्ञानिक कारक 

दोनों लोगों के बीच इमोशनल कनेक्शन और इंटिमेसी का स्तर भी सेक्शुअल इंटर कोर्स की अवधि को गहराई से प्रभावित कर सकता है। यदि जोड़े के बीच बढ़िया इमोशनल जुड़ाव होगा तो इससे दोनों को रिलैक्स करने का अवसर मिलेगा और साथ ही दोनों में खुलापन भी आएगा जिससे कि उनका सेक्शुअल एनकाउंटर लंबे समय तक चल सकता है।

किसी भी व्यक्ति का मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य और तनाव का स्तर भी सेक्शुअल परफॉर्मेंस को प्रभावित करता है। यदि किसी व्यक्ति को बहुत ज्यादा तनाव हो, तो अराउजल पानी में उसे दिक्कत आ सकती है जिससे कि इंटर कोर्स की अवधि अपने आप प्रभावित हो जाती है।

सेक्शुअल अनुभव और तकनीक 

सेक्शुअल अनुभव और तकनीक सेक्स करने की अवधि में अहम योगदान देते हैं। जो दोनों पार्टनर एक दूसरे के शरीर और एक दूसरे की बातों के बारे में जानते हैं, वे ऐसी गतिविधियों में ज्यादा इंगेज होने की कोशिश करते हैं जिससे एक दूसरे का अनुभव बढ़िया हो सके और उनके सेक्स करने की अवधि लंबी हो सके।

एक दूसरे की इच्छाओं, प्राथमिकताओं और सीमाओं को समझने के लिए यह जरूरी है कि दोनों पार्टनर के बीच खुली बातचीत हो। एक दूसरे की उम्मीदों के बारे में बात करना, एक दूसरे की फैंटेसी को एक्सप्लोर करना और एक दूसरे की चिंताओं के बारे में बात करने से सेक्शुअल अनुभव को परस्पर संतुष्ट करने का मौका मिलता है।

निष्कर्ष

सेक्स करने की अवधि हर व्यक्ति और जोड़े के लिए अलग-अलग होती है और इसका कोई आदर्श या मानक समय नहीं निर्धारित किया गया है। किसी काल्पनिक बेंचमार्क या सामाजिक उम्मीदों पर फोकस करने की जगह यह जरूरी है कि खुली बातचीत, इमोशनल कनेक्शन और परस्पर संतुष्टि को प्राथमिकता दी जाए। हां, यह बात जरूर है कि उम्र और कुछ कंडीशन जैसे शारीरिक कारक और इमोशनल कनेक्शन, तनाव का स्तर जैसे मनोवैज्ञानिक कारण भी इंटर कोर्स की अवधि को निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन खुली बातचीत और सेक्शुअल कंपैटिबिलिटी पर ध्यान देकर किसी भी सेक्शुअल रिश्ते में संतुष्टि पाई जा सकती है।

सेक्शुअल एनकाउंटर को सिर्फ पेनिट्रेशन और एजैकुलेशन से जोड़कर नहीं देखना चाहिए बल्कि क्वांटिटी की जगह क्वालिटी पर ध्यान दिया जाए और व्यक्तिगत प्राथमिकता को समझकर अधिक खूबसूरत और संतुष्टि भरे सेक्शुअल अनुभव प्राप्त किया जा सकता है। सेक्स करने की अवधि को लेकर बनी हुई काल्पनिक सोच को खारिज करके व्यक्ति और जोड़े सेक्शुअलिटी से जुड़े स्वस्थ व्यवहार का निर्माण कर सकते हैं, जिससे उन दोनों के बीच गहरा कनेक्शन और इंटिमेसी आ सकती है।

FAQ | क्या आप जानते हैं

पहला राउन्ड कितनी देर तक चलना चाहिए?

Sex

शोध का कहना है कि वजाइनल इंटरकोर्स जिसमें पेनिट्रेशन से लेकर इजेकुलेशन तक शामिल है, तीन से सात मिनट के बीच चलता है। लेकिन इसे संतुष्ट सेक्शुअल अनुभव का बेंचमार्क नहीं मानना चाहिए क्योंकि यह अध्ययन संपूर्ण सेक्शुअल गतिविधि को शामिल नहीं करता है, ना ही फोरप्ले, अराउजल और आफ्टरप्ले की महत्ता पर प्रकाश डालता है।

बच्चा पैदा करने के लिए पुरुष को क्या करना चाहिए?

बच्चा पैदा करने के लिए पुरुष को शतावरी, अश्वगंधा जैसी जड़ी बूटियों का सेवन करना चाहिए। ये स्पर्म क्वालिटी और क्वान्टिटी को बढ़ाने का काम करते हैं।

बच्चे पैदा करने के लिए सेक्स कितनी बार करना चाहिए?

शोध बताते हैं कि जिस जोड़े को बच्चा चाहिए, वे महीने में कम से कम 13 बार सेक्स करते हैं।

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