राम और सीता से हर एक पति और पत्नी को लेनी चाहिए सीख: Husband-Wife Relation
Husband-Wife Relation: कहां जाता है पति और पत्नी एक गाड़ी के दो पहियों के समान होते हैं जिस गाड़ी में उनके बच्चों का भविष्य और घर का मान सम्मान दोनों को संभाले हुए चलना होता हैl जीवन रूपी गाड़ी को चलाने के लिए पति और पत्नी का योगदान अहम भूमिका रखता है आपसी सामंजस्य,एक दूसरे की भावनाओं की कद्र और प्रेम हो तो जिंदगी आसान हो जाती है l
जीवन में आपसी तालमेल ना बैठने के वजह से अक्सर वैवाहिक रिश्तो में दरार आती है ऐसी स्थिति में जीवन लंबा और बोझिल लगने लगता है l इसके लिए मनुष्य को चाहिए कि वह रामायण काल की निम्नलिखित बातों का अनुसरण करें l
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सुख दुख दोनों में दें एक दूसरे का साथ
![Husband-Wife Relation](https://grehlakshmi.com/wp-content/uploads/2024/05/image-3.webp)
पति-पत्नी को हर अनुकूल एवं प्रतिकूल परिस्थितियों में एक दूसरे का साथ देना चाहिए l बुरी घड़ी कब पार हो जाती है पता भी नहीं चलता l भगवान राम और माता सीता के जीवन से हमें यह सीखने को मिलता है कि जब श्री राम को 14 वर्षों का वनवास मिला तो माता सीता अपने पत्नी धर्म का पालन करने के लिए और अपने पति के प्रति अपार प्रेम और सम्मान के कारण महल के सारे सुख छोड़कर वनवास गई l
एक दूसरे के प्रति समर्पण भाव
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एक दूसरे के प्रति अपार प्रेम और समर्पण ही सच्चे वैवाहिक जीवन का आधार है l रावण ने माता सीता का हरण किया, उन्होंने एक तिनके से अपनी रक्षा की और अंत तक रावण के आगे ना झुकने वाली माता सीता ने अपना पत्नी धर्म बखूबी निभाया l श्रीराम से दूर रहने के बावजूद उन्होंने अपने पत्नी धर्म पर आंच नहीं आने दी l अश्वमेध यज्ञ में माता सीता की अनुपस्थिति में श्रीराम ने उनकी सोने की प्रतिमा को अपने साथ बैठाया l उन्होंने भी अपने वचन को निभाया और माता सीता के जाने के बाद भी किसी दूसरी स्त्री से विवाह नहीं किया l एक दूसरे के प्रति यदि आपका प्रेम सच्चा हो तो दूरियां भी आपके रिश्ते पर कोई असर नहीं डाल सकती l
पत्नी की सुरक्षा और सम्मान पति की सबसे बड़ी जिम्मेदारी
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एक लड़की अपना घर, माता-पिता, भाई-बहन, दोस्त सब कुछ छोड़ कर अपने पति के लिए उसके घर में आती है और उसके घर में सब को अपनाती है ऐसे में पति की जिम्मेदारी बनती है कि वह अपनी पत्नी के सम्मान और सुरक्षा को प्राथमिकता दें l लंका में जाने के बाद जितनी विचलित माता सीता थी उतने ही व्याकुल श्री राम भी थे l अपनी पत्नी के सम्मान के लिए उन्होंने युद्ध करके सभी राक्षसों का विनाश किया l माता सीता की सुरक्षा और सम्मान उनके लिए सर्वोपरि था l
समझे एक दूसरे की भावनाओ को
पति पत्नी के बीच कैसे तालमेल होना चाहिए यह हम रामायण के इस प्रसंग से समझ सकते हैं l वनवास पर जाते समय श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता को केवट ने अपनी नाव से गंगा पार करवाई थी lश्रीराम उन्हें भेंट स्वरूप कुछ देना चाहते थे पर उस वक्त उनके पास देने के लिए कुछ नहीं था l माता सीता ने उनकी मन स्थिति को समझ कर अपनी अंगूठी उतार कर केवट को भेंट की l बिना कुछ कहे पति पत्नी को एक दूसरे की बातों और भावनाओं को समझ लेना चाहिए |
गलत काम करने पर न दें समर्थन
पति पत्नी को एक दूसरे को गलत काम करने से अवश्य रोकना चाहिए l गलत काम का बुरा नतीजा ही आता है यह बात भी हमें रामायण सिखाती है l रावण की पत्नी मंदोदरी ने रावण को समझाने के अनेकों प्रयास किए कि वह माता सीता को सम्मान के साथ प्रभु राम को लौटा दे नहीं तो उनकी पराजय निश्चित है l
प्रभु राम और माता सीता के चरित्र से मिली इन शिक्षाओं का अगर कोई अपने वैवाहिक जीवन में अनुसरण कर ले तो उसका जीवन भी प्रेम और सुख से बीतेगा I