लंबे समय तक सेहतमंद रहेंगे पिता, रखें इन बातों का ध्यान: Father's Day Special
Father's Day Special: पिता बच्चों के हीरो होते हैं जो उन्हें उंगली पकड़ कर चलना ही नहीं सिखाते, बल्कि अपनी परवाह किए बिना बच्चों की अच्छी परवरिश और अच्छा नागरिक बनने के लिए जिंदगी के हर मोड़ पर एक सशक्त स्तंभ की भूमिका भी निभाते हैं। खासकर बेटियों में पापा की जान बसी होती है। वो बेटी के नाज-नखरे उठाने के साथ उसके भविष्य के हर जरुरी फैसले पर साथ खड़े होते हैं। बड़े होने पर बच्चों का भी फर्ज बनता है कि वो अपने पापा को भरपूर प्यार, आदर और महत्त्व दें। और लंबे समय तक सेहतमंद रहने के लिए उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखें और उन्हें अपना ध्यान रखने के लिए उन्हें प्रेरित करें।
खानपान का रखें ध्यान
अपने पापा को हैल्दी लाइफ स्टाइल फोलो करने के लिए प्रेरित करें। सरकेडियन रिदम का ध्यान रखने के लिए कहें। समय पर सोने-जागने, खाना खाने का ध्यान रखें। किसी भी हालत में ब्रेकफास्ट स्किप न होने दें और रात का खाना हल्का और सोने से कम से कम 2 घंटे पहले करने का नियम बनाएं। 3 मेन मील (ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर) में भरपेट खाने के बजाय 5-6 मिनी मील लेने चाहिए। ब्रेकफास्ट जरूर करें और डिनर सोने से करीब तीन घंटे पहले करें। ब्रेकफास्ट, लंच के बीच मिड डे मील और लंच-डिनर के बीच इवनिंग स्नैक लें। एक बार में ज्यादा खाने पर शरीर की मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया धीमी हो जाती है जिसका असर आपके शरीर और ब्रेन पर पड़ता है। जबकि 2-3 घंटे के बाद हैल्दी स्नैक खाने से आप एलर्ट और एनर्जेटिक रहेंगे।
ध्यान रखें कि पापा नियमित रूप से संयम की नीति में पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार लें। हाई फैट या हाई कार्बोहाइड्रेट डाइट के बजाय विटामिन, मिनरल, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन रिच डाइट लें। मौसमी और ताजे फल-सब्जियों, सलाद, स्प्राउट्स, रोजाना आहार में शामिल करें। हेल्दी डाइट लेने से दिल की बीमारी, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, ऑस्टोपायोरोसिस जैसी कई बीमारियों से बचेंगे। हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत रहती है।
अपने पापा को भरपूर मात्रा में पानी या लिक्विड डाइट लेने के लिए कहें। इससे शरीर में जाने वाले प्रदूषक कण डायल्यूट (पतले होकर पेशाब के जरिए) होकर शरीर से बाहर निकल जाते हैं और कई बीमारियों से बचाव हो सकता है। डायबिटिक एसोशियन में हुए शोध के अनुसार पोषक आहार लेने वाले पुरूषों में बीमार होने या डेथ रेट काफी कम होता है।
व्यायाम है जरुरी
वजन नियंत्रित रखने के लिए अपने पिता को मोटिवेट करें। ज्यादा वजन होने पर कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है। समय-समय पर अपने पापा को अपने बीएमआई इंडेक्स कैलकुलेटर से पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए कि उनका वजन शरीर और उम्र के हिसाब से सही है या नहीं। व्यस्त दिनचर्या के बावजूद अपने लिए जरूर समय निकालें। जरूरी है कि वे अपनी क्षमता और पसंद के मुताबिक कम से कम 40 मिनट व्यायाम, एक्सरसाइज, योगा, वॉक, जॉगिंग, ऐरोबिक जैसी एक्विटीज करें। खुद को फिट रखने के लिए कुछ न कुछ करते रहें। इससे उनका मन भी लगा रहेगा और सेहत भी ठीक रहेगी।
रूटीन हेल्थ चेकअप
बढ़ती उम्र में पिता की डाइट कम होेने या शरीर में किसी भी तरह का बदलाव नजर आने पर तुरंत डॉक्टर को कंसल्ट करना चाहिए। उम्र के हिसाब से होने वाली बीमारियों को ध्यान में रखकर नियमित रूप से अपने पिता का हेल्थ चेकअप कराएं। ताकि उनकी सेहत पर नजर रखी जा सके और जरूरी हो तो यथासमय उपचार किया जा सके। और अगर वो किसी बीमारी से जूझ रहे हैं तो डॉक्टर को कंसल्ट कर समुचित दवाइयां, कैल्शियम-आयरन-विटामिन सप्लीमेंट लेने और बीमारी को कंट्रोल में रखने के लिए जरूरी एहतियात बरतने पर ध्यान देना चाहिए। ध्यान रखें कि पापा को कोई बीमारी हो, तो वो बिना भूले अपनी दवाइयां लें। वरना तबीयत ज्यादा खराब हो सकती है।
बदलते मौसम के साथ वैक्सीनेशन
सितंबर-अक्तूबर के दौरान बदलते मौसम में अपने पिता को इंफ्लुएंजा (इंफ्लूवैक), निमोनिया (न्यूमोवैक) वैक्सीन जरूर लगवाएं। टेटनस, डिप्थेरिया या व्हूपिंग कफ, एक्सेल्युलर पेट्यूसिस के लिए 64 साल की उम्र तक हर 10 साल में 19-64 साल की उम्र तक के व्यस्कों को टीडी हर 10 साल में टी-डेप (टीडीएपी) की बूस्टर वैक्सीन लगवानी चाहिए। हेपेटाइटिस ए, बी का वैक्सीन और ओरल मेडिसिन लेनी चाहिए। लीवर, अस्थमा, किडनी जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को हर 5 साल में निमोकोकल कॉजुगेट वैक्सीन (पीवीसी) और न्यूमोकेाकल पॉलिसेचाराइड वैक्सीन (पीपीएस वी) जरूर लगवानी चाहिए। स्वाइन फ्लू एच1एन1 वायरस से बचाव के लिए वयस्कों को साल में एक बार स्वाइन फ्लू का इंजेक्शन लगवाना चाहिए।
हर 6 महीने के अंतराल पर फुल बॉडी हेल्थ चेकअप कराना जरूरी है जिसमें फेफड़ों, हार्ट समस्या, स्ट्रोक, लिवर, थायरॉयड, रेनल, डायबिटीज और ब्लड प्रोफाइल की स्क्रीनिंग करानी बहुत जरूरी है। उम्र बढ़़ने के साथ बोन डेंसिटी से होने वाले ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम करने के लिए बोन डेंसिटी टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। अपने पिता की खासकर 50 साल के आसपास उम्र के होने पर नियमित रूप् से प्रोस्टेट केंसर की स्क्रीनिंग करानी चाहिए। बड़ी उम्र में शरीर में बैलेंसिंग सिस्टम कमजोर पड़ने से फॉल्स से बचने के लिए बाथरूम में हैडिंग, रेलिंग लगवानी चाहिए और फर्श प्लेन नही रखने चाहिए।
आंख, कान और दांत की भी हो नियमित जांच
आंख, कान और दांत की नियमित जांच करानी चाहिए। दांत और मसूड़े लंबे समय तक साथ दें, इसके लिए अपने पापा को इनकी नियमित देखभाल करने के लिए प्रेरित करें। नियमित ब्रश करना, मसूड़ों की सफाई करना आदत में शुमार होना चाहिए। उम्र के एक पड़ाव पर आंखों की रोशनी कम होने लगती है। नजदीक की चीजें, छोटे अक्षरों को देखना मुश्किल हो जाता है, इसके लिए आंखों की रेगुलर जांच कराएं ताकि सही पॉवर का लेंस वाला चश्मा इस्तेमाल कर सकें। श्रवण क्षमता को बरकरार रखने के लिए उन्हें तेज साउंड को अवायड करने के लिए कहना चाहिए, चाहें वो टीवी देखते समय हो या मोबाइल-लेपटॉप पर गाने सुनने या काम करते समय हो।
स्ट्रेस और एंग्जाइटी करें दूर
स्ट्रेस और एंग्जाइटी को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश करनी चाहिए। यह उन्हें भीतर से खोखला कर देती है। उनकी परेशानी को दूर करने की भरसक कोशिश करें। नकारात्मक विचारों को दूर करने के लिए उन्हें सकारात्मक एक्टिविटी में खुद को व्यस्त रखने के लिए कहें। बिजी लाइफस्टाइल के बावजूद उन्हें नियमित रूप से माइंडफुल मेडिटेशन, योगाभ्यास करने के लिए प्रेरित करें। वर्किंग होने के कारण पिता के साथ समय बिताने का कम मौका मिलता है। कोशिश करें कि डिनर एकसाथ करें जिसमें अपनी दिनचर्या और अहम मुद्दों पर भी बातें शेयर करें।
मनोरंजन का रखें ध्यान
सप्ताहांत में परिवार के साथ घूमने या पिकनिक, मूवी या नाटक वगैरह देखने की योजना बनाएं। इससे आपस में न केवल इंटीमेसी बढ़ेगी, बल्कि तनाव भी कम होगा और रिलेक्स होंगे। साथ ही उन्हें सामाजिक तौर एक्टिव रहने, दोस्तों के साथ मिलने-जुलने या फोन पर बात करने के लिए कहना चाहिए। संभव हो तो महीने में एक बार छोटी-सा गेट-टू-गैदर कराएं। इससे वो जरूर रिलेक्स होंगे।
नशे और ध्रूमपान से दूरी
कैंसर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों से बचने के लिए अपने पापा को नशा और ध्रूमपान से दूर रहने के लिए मनाएं। एकाएक छोड़ने के बजाय धीरे-धीरे कम करने के लिए कहें। जरूरी हो तो एंटी-ड्रग केंद्र में लेकर जाएं।
नींद है बेहद जरुरी
स्वस्थ रहने के लिए रात को 6-8 घंटे की नींद लेना जरूरी है। नींद पूरी न होना कई बीमारियों की जड़ मानी जाती है। आपके पिता को अच्छी नींद आए, इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखें। कमरे में पूरी तरहअंधेरा हो, रूम टैम्परेचर मेंटेन हो। उन्हें सोने से कम से कम 2 घंटे पहले इलेक्ट्रॉनिक डिवाइज से यथासंभव दूर रहने, मेडिटेशन करने, पसंद के हिसाब से पुस्तकें पढ़नें के लिए दें। डायजेशन प्रक्रिया सुचारू होने और पेट संबंधी बीमारियों से बचने के लिए उन्हें बाईं करवट लेटकर सोने के लिए कहें।
(डॉ मोहसिन वली, सीनियर फिजीशियन, गंगा राम अस्पताल, दिल्ली)