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 Devrani-Jethani: देवरानी-जेठानी के रिश्ते को दोस्ती से बनाया जा सकता है प्यार भरा

09:31 PM Jun 01, 2022 IST | sandeep ghosh
 devrani jethani  देवरानी जेठानी के रिश्ते को दोस्ती से बनाया जा सकता है प्यार भरा
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 Devrani-Jethani :दोस्ती हर रिश्ते को थोड़ा और मिट्ठा, थोड़ा और प्यार भरा बना देती है। देवरानी-जेठानी का बहुत सेंसिटिव रिश्ता भी इस दोस्ती के साथ फलफूल सकता है। मगर अफसोस ये है कि ज्यादातर महिलाएं इस तरह से नहीं सोचती हैं और फिर कई सारी सामाजिक और पारिवारिक दिक्कतों में फंस सी जाती हैं। देवरानी-जेठानी के रिश्ते को ज्यादातर बार झंझावतों में फंसा हुआ ही माना जाता है। वहीं दोस्ती का रिश्ता इन झंझावतों को जिंदगी में आने ही नहीं देता है बल्कि इसके साथ जिंदगी और आसान हो जाती है। आप भी देवरानी-जेठानी के रिश्ते की कठिनाइयों के बीच फंस गई हैं तो इसे दोस्ती के रंग के साथ नॉर्मल किया जा सकता है। कैसे होगा ये जान लीजिए, यकीन मानिए ये काम इतना कठिन भी नहीं है। बस भावनात्मक सीमाएं तोड़ने से काम चल जाएगा, टिप्स ये रहे-

पहले से सोचा-समझा रिश्ता-

देवरानी-जेठानी के रिश्ते के बारे में कुछ बातें पहले से सोची-समझी गई होती हैं। लगभग सभी महिलाएं इस रिश्ते में आने से पहले ही इसके पीछे की बुराइयों को अपने ऊपर हावी कर लेती हैं। उन्हें लगता है इस रिश्ते में खुश रहना तो मानो नामुमकिन ही है। या सामने वाला हमेशा आपका बुरा ही सोचेगा जैसे बातें भी मन में आती रहती हैं। जबकि रिश्ते के बारे में पहले से सोचा-समझा जाना इसके लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं है। इस तरह से अगर आप निगेटिव सोचेंगी तो निगेटिव ही व्यवहार भी करेंगी। रिश्ते को सुधारने के लिए निगेटिव व्यवहार बिलकुल गलत है। इसलिए कोई सोच लेकर इस रिश्ते में ना आएं।

वो आपके साथ बुरा क्यों करेंगी-

हम सभी बचपन से बताया जाता है कि जब तक आप बुरा नहीं करेंगे तब तक दूसरा भी आपके साथ बुरा नहीं करेगा। इस बात की अहमियत समझिए और सोचिए कि देवरानी-जेठानी वाले रिश्ते में सामने वाला बुरा करेगा ही क्यों? सामने वाला अगर बेवजह आपको परेशानी में डाल रहा है तो समझ लीजिए कि इस रिश्ते पर निवेश करना ही नहीं है। लेकिन ऐसा नहीं है तो खुद से हमेशा एक सवाल पूछिए कि वो आपके साथ बुरा क्यों करेंगी? अगर जवाब नहीं मिल रहा है तो हमेशा साकारात्मक रवैये के साथ आगे बढ़िए।

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रिश्ते में 100 प्रतिशत-

शादी के बाद लड़कियां अक्सर सास-ससुर और पति या दूसरे ससुराल वालों के साथ रिश्ते मेनटेन करने में जान लगा देती हैं। लेकिन देवरानी-जेठानी के मामले में ऐसा नहीं करती हैं। जबकि उनके साथ भी ऐसा ही किया जाना जरूरी है। देवरानी-जेठानी को भी उनकी अहमियत पता चलनी चाहिए। आप जैसे बाकी रिश्तों में 100 प्रतिशत का निवेश कर रही हैं ठीक वैसे ही देवरानी-जेठानी के साथ भी कीजिए। उन्हें भी महसूस कराइए कि वो आपके लिए अहम हैं। आप उन्हें भी खुश करना चाहती हैं।

उनके बारे में बात-

ऊपर लिखी सभी बातें आपको दोस्ती की ओर ले जाएंगी। लेकिन इसकी असल शुरुआत तब होगी जब आप उनसे उनके बारे में बात करेंगी। आप उनसे दोस्ती बढ़ाने की कोशिश करें और इस दौरान उनसे उनके बारे में ही बात करें। उनसे उनके मायके, भाई-बहन, दोस्त, पढ़ाई और शौक पर बात कीजिए। अगर वो वर्किंग वुमेन हैं उनसे उनके ऑफिस और कलिग्स के बारे में भी बात कीजिए। इस तरह उनको खुशी होगी कि कोई उन्हें जानना चाहता है और वो कितनी खास हैं। आज नहीं तो कल वो आपके दिल की बात समझेंगी और प्यार भी देंगी बदले में।

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अगर बच्चे हैं तो-

किसी भी मां के लिए उसके बच्चे की तारीफ किया जाना उसे बहुत खुशी देता है। देवरानी-जेठानी के साथ भी यही होता है। उनके बच्चों की अगर तारीफ की जाती है तो उन्हें अच्छे लगता है। इसलिए इस वक्त उनके बच्चों का ख्याल रखना भी आप दोनों के बीच दोस्ती के रिश्ते को ले आएगा। आप देवरानी-जेठानी के बच्चे को लाड़ कीजिए, उनका ख्याल रखिए, फिर देखिएगा कैसे वो आपके साथ दोस्ती को स्वीकार करना शुरू कर देंगी।

परिवार में अपनापान-

अक्सर घरों में बहुओं का पक्ष लेने वाला कोई नहीं होता है। लेकिन देवरानी-जेठानी अगर एक दूसरे का साथ दें तो उन्हें परिवार में कभी अकेलापन नहीं महसूस होगा। वो एक दूसरे से अपने दिल की बात भी कह पाएंगी। दिल की बात कहना ही देवरानी-जेठानी के बीच दोस्ती वाले रिश्ते की शुरुआत होगी। वो जब भी दुखी होंगी तो एक दूसरे को परेशानी का हल दे पाएंगी। फिर जब एक दूसरे के पास ही हल मिलेगा तो फिर दोस्ती तो होगी ही। ये भी वो दोस्ती होगी जिसमें दोस्ती सिर्फ एक दूसरे के साथ में ही तलाशेंगे। जब ज्यादा साथ रहेंगे तो फिर रिश्ता मजबूत होगा और भविष्य भी कठिनाइयों से भरा नहीं होगा।

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बीमारी में आराम-

बीमारी में जो आपका ख्याल रखे उसे कभी नहीं भूलना चाहिए। देवरानी-जेठानी भी नहीं भूलती हैं। इनके बीच दोस्ती बनाकर रखने का एक तरीका ये भी है कि ये दोनों ही दूसरे के बीमार पड़ने पर उसका जमकर ख्याल रखें। बीमारी के समय ख्याल रखना उन्हें हमेशा याद रहेगा और दोस्ती होने से कोई रोक नहीं पाएगा।

रिलेशनशिप संबंधी हमारे सुझाव आपको कैसे लगे?अपनी प्रतिक्रियाएं जरूर भेजें। आप रिलेशनशिप संबंधी टिप्स भी हमें ईमेल कर सकते हैंeditor@grehlakshmi.com

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