धोखा देना तो एक आर्ट है जी! - हास्य व्यंग
Funny Story in Hindi: धरती पर कुछ लोग बेहद अजीब होते हैं अपनी हर नाकामी का ठीकरा दूसरों के सर पर फोड़ना चाहते हैं । खुद की कमी बेवकूफी तो उन्हें कभी दिखाई नहीं देती। हां लेकिन दूसरों की काबिलियत पर उंगली उठाते रहते हैं । अपनी चालाकी तो विकास और दूसरों की चालाकी धोखा , मक्कारी नजर आती है इन लोगों को दुनिया देखने के चश्मे का नंबर बदलना चाहिए। होना यह चाहिए कि हम अपनी हार तिरस्कार और धोखा पर चिंतन मनन करें और अपने अंदर जिन कारणों की वजह से हमारी हार हुई उन कारणों के ऊपर विजय प्राप्त करें। अकेले नहीं हो सकता तो अपने पूरे कुनबे के साथ सलाह मशविरा करके करें।
लेकिन नहीं उन लोगों के लिए दूसरे को धोखेबाज कहना आसान है… मैं मानती हूं …इस दुनिया में धोखा नाम की कोई चीज नहीं होती है ना कोई वस्तु होती है। मैं धोखेबाजी को एक कला मानती हूं आर्ट मानती हूं । उस कला के बदौलत ही बहुत लोग आप पर राज करते हैं। अगर आपके अंदर क्षमता है तो आप उनसे अधिक वह कला अपने अंदर विकसित कीजिए और उन्हें परास्त कीजिए। ना कि उनकी कला को बुरा भला कहिए। कोई भी कला तो कला होती है और हर एक कला का सम्मान होना ही चाहिए। अगर आपके अंदर धोखा देने की कला नहीं है तो इसका मतलब यह थोड़ी ना है कि सामने वाले की धोखा देने की कला का आप अपमान करने लगे आप धोखेबाज कहना प्रारंभ कर दे।
यहां पर किसी ने किसी को रोका हुआ नहीं है सब अपनी क्षमता के अनुसार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं अतः आप भी कीजिए कोई कम करता है कोई ज्यादा करता है। कोई बहुत ज्यादा करता है। लेकिन करते तो सब है जिसकी जितनी क्षमता होती है। आपको यह खुशी खुशी मान लेना चाहिए आप मूर्ख हैं, बेवकूफ हैं, नादान है, दुनियादारी से अनजान है। अतः आप बेवकूफ बनाए गए और धोखा खा गए और आपको अपने ऊपर जबरदस्त मेहनत करने की जरूरत है। आपको अब तक जिन जिन लोगों ने धोखा दिया है उनको अपना गुरु मानकर सुबह-शाम दंडवत प्रणाम करना चाहिए और उनसे धोखा देने के ज्ञान की दीक्षा लेनी चाहिए तभी आप का कल्याण हो सकता है।
अब जनता का ही ले लीजिए जनता का हमेशा से रोना पीटना मचा रहता है फलाना ढिमकाना नेता ने पहले यह कहा था.. वह कहा था, अब जीतने के बाद जनता को धोखा दे रहे हैं.. मैं पूछती हूं आखिर उस फलाना ढीमकाना नेता ने क्या..?? आपको लिखित मे स्टांप पर लिख लिख कर हर एक को दिया था ..कि मैं यह काम करूंगा ही करूंगा । आपने उनके बोल बच्चन पर विश्वास किया उन्होंने अपनी बोलने की सिद्ध कला की महारत दिखाई थी । आप झांसे में नहीं आते आपको पकड़कर तो ले नहीं गए थे । आपको उनका प्रलोभन दिखाई देता है लेकिन अपना लोभ दिखाई नहीं देता। महानुभाव आपको कभी अपने गिरेबान में भी झांक कर देखना चाहिए।
और दुनिया में तो हर जगह धोखाधड़ी फैली हुई है। हर क्षेत्र में इसका भरपूर इस्तेमाल हो रहा है अगर यह इतना ही बुरा होता। तो इक्का-दुक्का लोग इस्तेमाल करते और जबकि सभी इसका इस्तेमाल थोड़ा बहुत कर रहे हैं तो जरूर इसके अंदर कोई गुण खूबी होगी। जिससे आप अभी तक वंचित और उसी के चलते हर तरफ आपको नाकामी का सामना करना पड़ रहा है अतः आपको सख्त जरूरत है कि आप इस कला को जल्द से जल्द आत्मसात करें और दुनिया में रहने के अपने आप को काबिल बनाएं। और धरती छोड़कर जाने से पहले आप भी धोखेबाजी में अपने नाम के झंडे इस धरती पर गाडे। वरना पीठ पीछे लोग आपको मूर्ख ,नाकारा, नाकाम इंसान की उपाधि देने से जरा भी नहीं चुकेंगे।