गोदान - मुंशी प्रेमचंद
(Godan) गोदान : एक परिचय
Godan Hindi Novel : ग्रामीण परिवेश और कृषक जीवन का जीता जागता चित्रण है ‘गोदान’.1936 में प्रकाशित ‘Godan’ प्रेमचंद का अंतिम सम्पूर्ण उपन्यास भी है और सर्वोत्तम कृति भी, ‘जिसमें प्रेमचंद ने गाँव और शहर की कथाओं का यथार्थ और संतुलित चित्रण किया है। शायद ही कोई भाषा हो, जिसमें godan का अनुवाद न हुआ हो। कथानायक होरी और उसकी पत्नी धनिया के माध्यम से उन्होंने किसान के जीवन, उनके शोषण, उनकी व्यथा,उनकी तड़प का बारीकी से वर्णन कर किसान के जीवन को अमर बना दिया।
होरी किसान वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है। उसकी वेदना और पीड़ा पाठकों के मन में गहरी संवेदना भर देती है। आजीवन संघर्ष करने के बावजूद होरी के गोदान की इच्छा मरते दम तक पूरी नहीं हो पाती है और इस अधूरी इच्छा के साथ ही वह इस दुनिया से विदा हो जाता है। केवल होरी ही नही यह उस दौड़ के हर किसान की आत्मकथा और पीड़ा है , जिसे दुनिया तक पहुँचाने में प्रेमचंद ने अपने कलम की पूरी ताकत लगा दी है।
Godan प्रेमचन्द की सर्वोत्तम कृति है, जिसमें उन्होंने ग्राम और शहर की दो कथाओं का यथारूप और संतुलित मिश्रण प्रस्तुत किया है ।दीन-हीन होरी चार पैसे जुड़ने पर महाजनी करने लगता है । गोबर भी लखनऊ जाकर महाजन बन बैठता है । इसी प्रकार दातादीन पण्डा, झींगुर, सहुआइन, जाखेराम भी महाजनी में किसानों को इशारों पर नचाते हैं ।
शहर में खन्ना साहब बैंक खोल लेते हैं । बिजली अखबार के सम्पादक ओंकारनाथ गरीबों के पक्षधर होते हुए भी बैंकर खन्ना से नहीं बिगाड़ कर पाते ।
तो इस पृष्ठभूमि में गोदान होरी की कहानी है, उस होरी की जौ जीवन भर मेहनत करता है, अनेक कष्ट सहता है, केवल इसलिए कि उसकी मर्यादा की रक्षा हो सके और इसीलिए वह दूसरों को प्रसन्न रखने का प्रयास भी करता है, किन्तु उसे इसका फल नहीं मिलता और अंत में मजबूर होना पड़ता है, फिर भी अपनी मर्यादा नहीं बचा पाता।
परिणामतः वह तप-तप के अपने जीवन को ही होम देता है । यह होरी की ही कहानी नहीं, उस काल के हर भारतीय किसान की आत्मकथा है और, इसके साथ जुड़ी है शहर की प्रासंगिक कहानी । दोनों की कथाओं का संगठन इतनी कुशलता से हुआ है कि उसमें प्रवाह आद्योपांत बना रहता है । प्रेमचन्द की कलम की यही विशेषता है ।
Godan के लेखक : मुंशी प्रेमचंद
हिंदी साहित्य जगत में प्रेमचंद (31 जुलाई 1880- 8 अक्टूबर 1936) की लोकप्रियता इस कदर है कि उन्हें ‘उपन्यास सम्राट’ की उपाधि दी गई है। यह उनकी कलम का ही जादू है कि शायद ही कोई बच्चा उनके नाम और उनकी कहानी ‘ईदगाह’ के बारे में न जानता हो।
उनकी सभी रचनाएं समाज की विभिन्न पहलुओं, मनोदशाओं एवं विडम्बनाओं को दर्शाती हैं , फिर चाहे वह कहानियों के माध्यम से हो या फिर उपन्यासों के माध्यम से। गंवई पृष्ठभूमि, जमींदारी प्रथा, मानवीय संवेदनाएं उनकी रचनाओं में प्रमुख स्थान पाते हैं , जो तत्कालीन समाज का आईना लगती हैं।
उनकी कहानियों की चर्चा करें तो 'ईदगाह', 'नशा', 'दो बैलों की कथा' ,'नमक का दरोगा', 'कफ़न' जैसे कई कहानियां और 'सेवासदन' ,'कायाकल्प' ,'गबन' और 'गोदान' आदि उपन्यास आज भी प्रासंगिक लगते हैं क्योंकि ये समाज की निम्न एवं मध्यवर्गीय सोच और रहन सहन को दर्शाते हैं। उर्दू और हिंदी दोनों ही भाषा में उन्होंने प्रसिद्धी पाई जो उनकी मृत्यु के बाद भी कम नहीं हुई है और उनकी रचनाएं हिंदी साहित्य की धरोहर हैं।
Godan Part - 1 : होरीराम ने दोनों बैलों को सानी-पानी देकर अपनी स्त्री धनिया से कहा-गोबर को ऊख गोड़ने भेज देना । मैं न जाने कब लौटूँ । ज़रा मेरी लाठी दे दे ।
धनिया के दोनों हाथ गोबर से भरे थे । उपले पाथकर आयी थी । बोली-अरे, कुछ रस-पानी तो कर लो । ऐसी जल्दी क्या है ।
होरी ने अपने झुर्रियों से भरे हुए माथे को सिकोड़कर कहा-तुझे रस-पानी की पड़ी है, मुझे चिन्ता है कि अबेर हो गयी तो मालिक से भेंट न होगी । असनान-पूजा करने लगेंगे, तो घंटों बैठे बीत जायेगा ।
‘इसी से तो कहती हूँ, कुछ जलपान कर लो । और आज न जाओगे तो कौन हरज होगा । अभी तो परसों गये थे ।
‘तू जो बात नहीं समझती, उसमें टाँग क्यों अड़ाती है भाई? मेरी लाठी दे दे और अपना काम देख । यह इसी मिलते-जुलते रहने का परसाद है कि अब तक जान बची हुई है । नहीं कहीं पता न लगता कि किधर गये । गांव में इतने आदमी तो हैं, किस पर बेदखली नहीं आयी, किस पर कुड़की नहीं आयी । जब दूसरे के पाँवों-तले अपनी गर्दन दबी हुई है, तो उन पाँवों को सहलाने में ही कुशल है read more
Godan Hindi Movies Video
प्रकाशित: 29-01-2022
प्रकाशित: 29-01-2022
प्रकाशित: 31-01-2022
प्रकाशित: 01-02-2022
प्रकाशित: 02-02-2022
प्रकाशित: 03-02-2022
प्रकाशित: 04-02-2022
प्रकाशित: 05-02-2022
प्रकाशित: 06-02-2022
प्रकाशित: 07-02-2022
प्रकाशित: 08-02-2022
प्रकाशित: 09-02-2022
प्रकाशित: 10-02-2022
प्रकाशित: 11-02-2022
प्रकाशित: 12-02-2022
प्रकाशित: 13-02-2022
प्रकाशित: 14-02-2022
प्रकाशित: 15-02-2022
प्रकाशित: 16-02-2022
प्रकाशित: 17-02-2022
प्रकाशित: 18-02-2022
प्रकाशित: 19-02-2022
प्रकाशित: 20-02-2022
प्रकाशित: 21-02-2022
प्रकाशित: 22-02-2022
प्रकाशित: 23-02-2022
प्रकाशित: 24-02-2022
प्रकाशित: 25-02-2022
प्रकाशित: 26-02-2022
प्रकाशित: 27-02-2022
प्रकाशित: 28-02-2022
प्रकाशित: 01-03-2022
प्रकाशित: 02-03-2022
प्रकाशित: 03-03-2022
प्रकाशित: 04-03-2022
प्रकाशित: 05-03-2022
FAQ | क्या आप जानते हैं
मुंशी प्रेमचंद की प्रमुख रचनाएं कौन-कौन सी है
उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं।
प्रेमचंद का जन्म कहाँ हुआ था?
लमही, वाराणसी ।
प्रेमचंद की पत्नी का नाम क्या है?
शिवरानी देवी, जोकि उनकी दूसरी पत्नी थी।
प्रेमचंद के पिता कौन थे?
अजायब लाल
Godan hindi novel, godan by premchan, godan novel, godan, godan in hindi