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पत्र लिखा है तुम्हें-गृहलक्ष्मी की कविता

11:00 AM Jun 02, 2022 IST | grehlakshmi hindi
पत्र लिखा है तुम्हें गृहलक्ष्मी की कविता
Patr Likha Hai Tumhe: Grehlakshmi ki kavita
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पत्र नहीं मेरे मन की भड़ास है।
अब तो भइया संदेश ही देना
अब क्यों उदास है।।
फोटो भी नहीं भेजी तुमने
मन नहीं लग पाता है।
वीडियो कॉल में देख लो जी
सभी कुछ तो दिख जाता है।।
पत्र लिखा है तुम्हे
पत्र नहीं मेरे मन की भड़ास है।
अब तो भइया संदेश ही देना
अब क्यों उदास है।।

सभी कुछ पास होता
फिर भी मानव उदास होता है।।
थोड़े के चक्कर में वो
बहुत कुछ खो देता है।
खुशी वही है जो कुछ देकर  कुछ न लेता है।।
पत्र लिखा है तुम्हें
पत्र नहीं मेरे मन की भड़ास है
अब तो भइया संदेश ही देना
अब क्यों उदास है।।

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