एरोपोनिक्स तकनीक से हवा में उगायें फल फूल और सब्जियां: Aeroponic Plants
Aeroponic Plants: शहरीकरण ने कुछ चुनौतियाँ उत्पन्न की हैं तो जीवन के कई आयाम भी खोले हैं। जिसकी वजह से अर्बन फ़ार्मिंग में कई नए आविष्कार हुए हैं। ऐसा ही एक बहुत ही ख़ूबसूरत और बड़ा अविष्कार है एरोपोनिक्स। एरोपोनिक्स एक ऐसी तकनीक है जिसकी मदद से आप हवा में बिना मिट्टी के फल फूल और सब्जियां उगा सकते हैं। कुछ लोग तो इस तकनीकी का उपयोग करके मसाले आदि भी उगा रहे हैं।
इस दिशा में कई बड़ी संस्थायें जैसे कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु और भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान, कालीकट ने इनडोर एरोपोनिक्स को बढ़ावा देने का फैसला किया है। तमाम कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तकनीक से कम समय में अच्छी उपज मिलेगी जिसकी वजह से किसानों को ज्यादा लाभ मिलेगा।
इस तकनीकी में पॉली हाउस का सहारा लिया जाएगा जोकि बहुत ही कम जगह में बनकर तैयार हो जाता है। यह एरोपोनिक्स तकनीक के लिए सबसे उपयुक्त होता है। इस पॉली हाउस में आप बिना मिट्टी के सब्जियां आदि बहुत ही आसानी से ग्रो कर सकेंगे। इस तकनीकी की खास बात यह है कि धुंध छिड़काव का उपयोग करके पौधों को हवा में लटकाया जा सकता है और आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति की जा सकती है।
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ऐसे होती है खेती
इस दिशा में काम कर रहे लोगों का मानना है कि इस विधि में पौधों को लटकी अवस्था में छोड़ दिया जाता है। जिससे कुछ दिनों बाद इन पौधों की जड़ें दिखाई देने लगती हैं। इसके लिए एक संरक्षित क्षेत्र बनाना पड़ता है जिसे हम पाली हाउस कहते हैं। इस विधि में आवश्यक पोषक तत्वों का छिड़काव करने के लिए सेंसर आधारित धुंध छिड़काव का उपयोग किया जाता है।
टमाटर, पुदीना और तुलसी
इस तकनीक के कई अहम फायदे हैं। इसमें पानी की बहुत ही कम आवश्यकता होती है। यह अपव्यय को बड़े स्तर पर रोकता है। इसमें पोषक तत्वों को बिना बर्बाद किए इस्तेमाल किया जाता है। इस तकनीकी के जरिये पौधे सामान्य वृद्धि अवधि की तुलना में तेजी से बढ़ते हैं। एरोपोनिक्स का उपयोग करके उगाए जा सकने वाले लोकप्रिय पौधों में स्ट्रॉबेरी, टमाटर, पुदीना और तुलसी शामिल है।
आवश्यक पोषक तत्व
आईआईएचआर इससे पहले मिट्टी रहित खेती तंत्र विकसित कर चुका है। जिसमें पौधों के विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्व जैसे कि फॉस्फोरस, पोटेशियम और नाइट्रोजन को कोको-पीट में जोड़ा जाता है। वर्तमान में इसका उपयोग टैरेस गार्डनिंग से लेकर कई प्रकार के खेतों में किया जा सकता है। इस तकनीकी का उपयोग वहां भी किया जाता है जहां पौधों की खेती बिना पानी और बिना मिट्टी के की जाती है।
एरोपोनिक्स का भविष्य
एरोपोनिक्स तकनीक का भविष्य बहुत अच्छा बताया जा रहा है। ख़ासकर, अर्बन फ़ार्मिंग की दिशा में जहां जगहों का अभाव है। यह तकनीकी बहुत ही कमाल का काम करेगी। लोग अपने घर की छत और बालकनी में अपने पसंद के फल, फूल और सब्बियाँ उगा सकेंगे। ऐसे में सभी को बहुत आसानी से खाने पीने की वस्तुयें मिल सकेंगी, हरी सब्बजियों के लिए किसी को कहीं बाहर जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।