क्या है गुरु चंडाल दोष, कैसे पाएं इससे निजात?: Guru Chandal Dosh
Guru Chandal Dosh: हमारे जीवन में कई बार ऐसा पल आता है जब हम बहुत मेहनत करते हैं, अपना काम दिल से करते हैं लेकिन मेहनत का फल नहीं मिल पाता है। इसका मतलब यह हो सकता है कि आपके भाग्य में कुछ गलत हो रहा है यानी आप ग्रह को साथ नहीं दे रहे हैं, जिससे आपकी कुंडली में दोष पाया जाता है। कुंडली दोष से हमारे बिगड़े हुए काम नहीं बनते।
कैसे करता है असर
ग्रहों के अशुभ योग से जातक को जीवन हानि उठानी पड़ती है। कुंडली में आने के प्रभाव से व्यक्ति का जीवन संकटमय हो जाता है। चांडाल योग में गुरु और राहु के संयोग से जातक की कुंडली पर इतना प्रभाव पड़ता है कि वह गलत काम करने लगता है। यह योग जातक को कुछ इस तरह से प्रभावित करता है कि उसका चरित्र भ्रष्ट होने लगता है। वह बड़ों का सम्मान करना भूल जाता है। गुरु के ग्रह बहुत शुभचिंतक होते हैं, लेकिन जब राहु इनके केंद्र में आ जाता है तो चांडाल योग का रूप ले लेता है अर्थात गुरु चांडाल योग अच्छा नहीं माना जाता है।
कुंडली में गुरु पंचम, सप्तम, नवम और अष्टम भाव का स्वामी चांडाल योग बनाता है तो जातक को जीवन में काफी संघर्ष करना पड़ता है। बार-बार की गलतियों से इसे नुकसान उठाना पड़ता है। यहां तक कि पद-प्रतिष्ठा भी खतरे में है। यदि गुरु चांडाल योग कुंडली में प्रवेश करता है तो कुछ विशेष प्रभाव देखने को मिलते हैं।
गुरु चांडाल योग के प्रभाव

- अगर आप कुछ भी कर रहे हैं तो उसमें नकारात्मक भाव आता है।
- जब गुरु और राहु एक साथ बैठे हों तो गुरु चांडाल योग बनता है तो व्यक्ति चरित्रवान बनता है।
- यदि गुरु ग्रह कमजोर हो जाए तो व्यक्ति व्यसन का आदी हो जाता है।
- चांडाल योग में राहु के बलवान होने पर जातक गलत कार्यों में लिप्त होता है। इसमें शराब पीना, जुआ खेलना आदि शामिल है।
- जीवन में सुख-शांति की कमी, इनसे बचने के लिए कुछ उपाय हैं।
गुरु चांडाल योग से बचने के उपाय

- गुरु चांडाल योग को समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि राहु सबसे ज्यादा प्रभावित करता है यानी आपको राहु को प्रसन्न करना होता है और राहु को शांत करने के लिए मंत्र जाप किया जाता है।
- यदि यह दोष शत्रु शत्रु की राशि में बन रहा हो तो राहु और गुरु को प्रसन्न करने के लिए शांति और शांति की आवश्यकता होती है। इसके लिए नियमित रूप से गाय को चारा खिलाएं और हनुमान जी की पूजा करें।
- किसी भी कष्ट को दूर करने के लिए भगवान की पूजा को सर्वोपरि माना गया है और चांडाल योग से मुक्ति पाने के लिए शिव की आराधना करें। भगवान शिव का जलाभिषेक करें।
- गुरु के अनिष्ट से बचने के लिए केले की पूजा करें और हल्दी और चंदन का तिलक लगाएं।
- राहु-गुरु मंत्र का जाप करें और पूजा करें, घर में हवन और होम करें। साथ ही कुछ चीजों का दान भी करें।