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H3H2 से डाय‍बिटीज रोगियों को है हाई रिस्‍क, जानें क्‍यों: H3N2 Effects on Diabetes

देशभर में जनवरी-मार्च 2023 के बीच H3N2 वायरस के 450 मामले सामने आए हैं।
10:00 AM May 29, 2023 IST | Garima Shrivastava
h3h2 से डाय‍बिटीज रोगियों को है हाई रिस्‍क  जानें क्‍यों  h3n2 effects on diabetes
H3N2 Effects on Diabetes
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H3N2 Effects on Diabetes: भारत में इनदिनों केवल कोविड-19 ही नहीं बल्कि H3N2 इंफ्लूएंजा वायरस का संक्रमण भी फैल रहा है। देशभर में जनवरी-मार्च 2023 के बीच H3N2 वायरस के 450 मामले सामने आए हैं। H3N2 वायरस से कोई भी व्‍यक्ति संक्रमित हो सकता है, लेकिन डायबिटिक रोगियों को विशेषरूप से अधिक सावधान रहने की आवश्‍यकता है। इंफ्लूएंजा ए वायरस के सब-बेरिएंट का सबसे ज्‍यादा खतरा बुजुर्गों, 5 साल से छोटे बच्‍चों, गर्भवती महिलाओं और डायबिटीज जैसी बीमारियों से ग्रसित लोगों को है। तो चलिए जानते हैं डायबिटीज के रोगियों को ये कैसे प्रभावित करता है और इसके क्‍या कारण हो सकते हैं।

क्‍या है H3N2 वायरस

H3N2 Effects on Diabetes
What is H3N2 virus

अगर आपका शरीर H3N2 वायरस से लड़ने में सक्षम नहीं है, तब आपको बुखार, खांसी, शरीर में दर्द और थकान जेसी समस्‍या हो सकती है। H3N2 वायरस एक रेसपिरेटरी बीमारी है और ये बहुत अधिक संक्रामक भी है। फ्लू के मौसम में इसके तेजी से फैलने की संभावना अधिक रहती है।

क्या H3N2 वायरस डायबिटीज रोगियों के लिए घातक हो सकता है

H3N2 और डायबिटीज
Can H3N2 virus be fatal for diabetes patients

हां, H3N2 वायरस डायबिटीज रोगियों के लिए जानलेवा हो सकता है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों का इम्‍यून सिस्‍टम कमजोर होता है, जो उन्‍हें फ्लू जैसे संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है। H3N2 को गंभीर फ्लू लक्षणों के लिए जाना जाता है और इसकी वजह से डायबिटीज रोगियों में निमोनिया, ब्रोंकाइटिस और रेसपिरेटरी फेल्‍योर जैसी जटिलताएं उत्‍पन्‍न कर सकता है।  हाई ब्‍लड शुगर लेवल इम्‍यून सिस्‍टम को खराब कर सकता है, जिससे शरीर किसी भी तरह के संक्रमण से लड़ने में कमजोर हो जाता है।

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H3N2 वायरस से बचने के उपाय

H3N2 और डायबिटीज
Ways to avoid H3N2 virus

साफ-सफाई रखें : संक्रमण को रोकने का सबसे अच्‍छा तरीका है साफ-सफाई को बनाए रखना। बार-बार हाथ को धोना। सार्वजनिक स्‍थानों पर फेस मास्‍क का नियमित उपयोग करना कुछ ऐसे उपाय हैं जिनकी मदद से H3N2 वायरस के जोखिम को कम किया जा सकता है।

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वैक्‍सीनेशन : हैंड हाइजीन के साथ-साथ इंफ्लूएंजा से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है टीका लगवाना। विशेषज्ञ साल में कम से कम एक बार वैक्‍सीन लगवाने की सलाह देते हैं। टीका लगवाने के बाद भी लोग H3N2 वायरस की चपेट में आ सकते हैं। वैक्‍सीन वाले लोगों पर इस वायरस का हमला मामूली होता है और वो इससे ज्‍यादा प्रभावित नहीं होते हैं।

संक्रमित व्‍यक्ति से बचें: यह सुनिश्चित करें कि आप ऐसे किसी व्‍यक्ति के क्‍लोज संपर्क में न आएं जो बीमार है या जो अभी-अभी वायरस के संपर्क में आया है। भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें। फ्लू वाले मौसम में सार्वजनिक परिवहन का इस्‍तेमाल जितना हो सके कम से कम करें।

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रेसपिरेटरी हाईजीन का रखें ख्‍याल : वायरस को फैलने से रोकने के लिए सभी को रेसपिरेटरी हाईजीन को अपनाना चाहिए। इसके तहत खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को रुमाल, टिशू या अपनी कोहनी से जरूर ढंकें। खासकर जब आप सार्वजनिक स्‍थान पर हों तो इस बात का विशेष ध्‍यान रखना चाहिए। समस्‍या बढ़ने पर खुद को कोरें‍टीन करें ताकि घर के अन्‍य सदस्‍य को इंफेक्‍शन से बचाया जा सके।

शुगर लेवल को रखें कंट्रोल : सभी डाय‍बिटीज मरीजों के लिए यह जरूरी है कि वे अपने आप को किसी भी संक्रामक बीमारी के जोखिम से बचने के लिए और बीमारी की गंभीरता को कम करने के लिए पूरे साल अपने ब्‍लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखें। अगर डायबिटीज रोगी H3N2 वायरस की चपेट में आ जाते हैं , तब तुरंत अपने डॉक्‍टर से संपर्क करें और उचित इलाज लें।

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