हनुमान जयंती पर इस विधि से करें संकट मोचन बजरंगबली की पूजा: Hanuman Jayanti Puja Vidhi
Hanuman Jayanti Puja Vidhi: हनुमान जयंती का पर्व हर साल धूमधाम तरीके से मनाया जाता है। साल में दो बार हनुमान जयंती मनाई जाती हैं। एक चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा और दूसरी कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। हनुमान जयंती 23 अप्रैल को मनाई जाएगी। हनुमान भक्तों के लिए यह दिन काफी खास होता है। वह अपने आराध्य को खुश करने के लिए दिन भर व्रत रखते हैं और विधि-विधान से उनकी पूजा करते हैं। अगर आप इस साल पहली बार हनुमान जयंती पर व्रत रख रहे हैं, तो आज हम आपको बताने वाले हैं कि आप हनुमान जयंती पर किस तरह से बजरंग बली की पूजा कर सकते हैं।
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हनुमान जयंती के मौके पर प्रत्येक मंदिर और घर में विधि विधान से बजरंगबली की पूजा की जाती है। इसके साथ ही मंदिरों में कई तरह के मांगलिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 23 अप्रैल को सुबह 3 बजकर 25 मिनट से शुरू होगी और 24 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी।
ऐसे करें हनुमान जी की पूजा
हनुमान जयंती के मौके पर अगर आप व्रत रख रहे हैं, तो आपको पूरे दिन भर ब्रह्मचर्य का पालन करना होगा। इसके लिए आप सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें और मंदिर में जाकर भगवान श्रीराम, माता सीता व हनुमानजी का स्मरण करें और व्रत का संकल्प लें। घर में पूजा के स्थान पर हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें और विधिपूर्वक पूजा करें। सबसे पहले हनुमान जी को शुद्ध जल से स्नान करवाएं। फिर सिंदूर और चांदी का वर्क के साथ अबीर, गुलाल, चंदन और चावल चढ़ाएं। इसके साथ ही उन्हें माला और केवड़ा अर्पित करें। आप उन्हें नारियल भी चढ़ा सकती हैं।
फिर हनुमान जी के मूर्ति के हृदय वाले स्थान पर चंदन से श्रीराम लिखें। इसके बाद आपने जो भी भोग के लिए प्रसाद बनवाया है, उसे अर्पित कर दें। हनुमान जी की पूजा के बाद चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें। अंत में हनुमान जी को नैवेद्य लगाकर आरती करें और लोगों को प्रसाद बांटें। बता दें, इस दिन हनुमान जी की विधिवत पूजा करने से हर बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति मजबूत होती है।
हनुमान जयंती के दिन करे ये काम
आप चाहें तो हनुमान जयंती के मौके पर गरीब लोगों के लिए श्रद्धा अनुसार भंडारा का आयोजन करवा सकते हैं। मान्यता है कि इस शुभ अवसर पर गरीबों को भोजन करवाने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। इसके साथ ही कभी भी धन की कमी नहीं होती है और बजरंगबली भी प्रसन्न होते हैं।