स्वस्थ रहने के लिए रोजाना करें खानपान के कुछ नियमों का पालन: Healthy Eating Rules
Healthy Eating Rules: सेहत हजार नियामत है-यह बात हम सभी ने कभी न कभी सुनी होगी, लेकिन इस बात पर यकीन वहीं लोग करते हैं जो कभी न कभी बीमार पड़ चुके होते हैं। अच्छी सेहत को पाने का मूल मंत्र है- पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार का सेवन और उससे जुड़े नियमों का पालन करना। यानी सदियों से चले आ रहे खानपान संबंधी नियमों को जानना और रोजाना उन पर अमल करना जरूरी है। ऐसा करके निश्चय ही आप कई बीमारियों से बचे रहेंगे और हेल्दी लाइफ जी सकेंगे। आइये खानपान संबंधी कुछ नियमों के बारे में आपको जानकारी देते हैं-
ब्रेकफास्ट स्किप न करें

वर्तमान में भागमभाग रूटीन के चलते हम अक्सर ब्रेकफास्ट स्किप कर देते हैं या अनहेल्दी स्नैक्स खाते हैं। आहार विशेषज्ञों की माने तो चूंकि पूरे दिन का तकरीबन एक-तिहाई हिस्सा रात को सोने में गुजारते हैं। दिन भर एनर्जेटिक रहने के लिए दिन की शुरूआत शाही अंदाज में करनी चाहिए। यानी जितनी भी व्यस्त दिनचर्या हो, सुबह उठने के 2-3 घंटे के अंदर ब्रेकफास्ट के लिए 15 मिनट जरूर निकालने चाहिए। मेन मील मानकर सभी पोष्टिक तत्वों से भरपूर आहार शामिल करने की कोशिश करनी चाहिए। भले ही उसमें वैराइटी ज्यादा न हो, लेकिन मिक्स करके बनने वाले व्यंजन होने चाहिए ताकि संपूर्ण आहार बन जाए।
लंच से पहले सलाद जरूर खाएं
दोपहर का खाना खाने से पहले एक कटोरा भर कर या एक प्लेट सलाद जरूर खानी चाहिए। सलाद कई वैराइटी की बनाई जा सकती है। जिसमें अलग-अलग तरह की सब्जियां, फल, स्प्राउट्स, बीन्स, मूंगफली, पनीर, उबले अंडे जैसी चीजें भी शामिल कर सकते हैं। सलाद खाने से जहां आपको विभिन्न पोष्टिक तत्वों की आपूर्ति होगी, वहीं सलाद खाने से आपका पेट काफी भर जाएगा और आप खाना सीमित मात्रा में खाएंगे। जिससे वजन घटाने में मदद मिल सकती है होगा और आप एक्टिव रहेंगे। भविष्य में होने वाली कई बीमारियों की चपेट में आने से बचेंगे और स्वस्थ रहेंगे।
रेनबो डाइट का करें सेवन

कलरफुल डाइट का सेवन हेल्दी रहने का आसान फंडा है। यथासंभव आहार में हर रंग के फल-सब्जियों को शामिल करना चााहिए ताकि पोषक तत्वों के साथ एंटी ऑक्सीडेंट्स भी भरपूर मात्रा में मिल सकें। दिन में कम से कम 2 सर्विंग अलग-अलग रंगों के मौसमी फल जरूर खाने चाहिए। इनके साथ आपकी थाली प्रोटीन रिच दालों, दही के बिना अधूरी-सी रहती है। इसके लिए रोजाना बदल-बदल कर रंग-बिरंगी दालें, पनीर, रायता, दही-लस्सी को भी शामिल करनी चाहिए ताकि वैराइटी के और स्वाद भी बना रहे। यथासंभव फल-सब्जियों को पानी से अच्छी तरह धोकर या कुछ देर पानी में भिगोने के बाद ही इस्तेमाल करना चाहिए। सब्जियों को हल्का-सा स्क्रब करके छिलके सहित बनाएं क्योंकि छिलके में बहुत सारे फाइबर या पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।
डिनर जल्दी खाएं
स्वस्थ रहने के लिए अहम मंत्र है कि रात का खाना बहुत हल्का और दिन ढलने के बाद जल्द से जल्द खा लेना चाहिए। अमूमन सोने से 3 घंटे पहले जरूर खा लेना चाहिए ताकि डायजेशन में दिक्कत न हो। अक्सर होता इसके उलट है। यानी हम दोपहर का भोजन हल्का-फुल्का खाते हैं और परिवार के साथ देर रात को वैराइटीयुक्त हैवी खाना खाते हैं। कई बार तो भूख ज्यादा होने पर ओवर इटिंग भी करते हैं। बेशक ऐसा करना फैमिली बाउंडिंग मजबूत करता है, लेकिन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। डायजेशन प्रक्रिया सुचारू न चलने पर पेट संबंधी बीमारियां, मोटापा ही नहीं, कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा हो सकता है।
बासी खाना और माइक्रोवेव के इस्तेमाल से बचें

वर्तमान में तो जैसे बासी खाना खाने का ट्रेंड है जिसे एक-दो दिन के बाद भी माइक्रोवेव में गर्म करके खाया जाता है। बासी खाने में बैक्टीरिया पनपने लगतेे हैं जिसे खाना अपने आपमें स्वास्थ्य नहीं है। ऊपर से माइक्रोवेव में गर्म किया खाना भले ही फ्रेश लगता हो, लेकिन उसके पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। लिहाजा खाना जरूरत के हिसाब से ही बनाना चाहिए। अगर कभी खाना बच भी जाता है तो उसे अगले मील में खा लेना चाहिए।
चौकरयुक्त आटे की ही रोटी खाएं
कभी भी आटा छान कर इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। आमतौर पर लोग आटे को छान लेते हैं और चौकर को फेंक देते है। यह गलत है क्योंकि आटे के अंदर मौजूद फाइबर और पोषक तत्व इस चौकर में ही होता है। चौकर को अलग करने पर आटे उतना स्वास्थ्यवर्द्धक नहीं रहता।
खाने में नमक की सीमित मात्रा

खाना बनाने के लिए सफेद नमक के बजाय सेंधा नमक का इस्तेमाल करना चाहिए जो अपेक्षाकृत कम नुकसानदायक होता है। नमक में मौजूद सोडियम शरीर में ब्लड प्रेशर को बढ़ाने और वॉटर रिटेंशन में सहायक होता है। जिसकी वजह से हमारे शरीर में पानी इकट्ठा होेने लगता है जो शरीर में सूजन का कारण बनता है। हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन की समस्या होती है जिस पर ध्यान न देने पर आगे चलकर हृदय रोगों का कारण बनती हैं।
सफेद चीनी खाना करें अवायड
रेगुलर रूटीन में रिफाइंड सफेद चीनी अवायड करनी चाहिए। आदत डाल लें तो बिना चीनी की चीजें खानी बेस्ट हैं। मेडिकल साइंस में चीनी को ऐसा मीठा जहर माना गया है जो शरीर में जाकर फैट में कंवर्ट हो जाती है। मोटापा और दूसरी बीमारियों का कारण बनती है। अगर बहुत जरूरी हो तो ब्राउन शूगर, गुड़, शहद सीमित मात्रा में ले सकते हैं।
रिफाइंड ऑयल का न करें प्रयोग

खाना बनाने में रिफांइड ऑयल जहर के समान है जो नसों में जम जाता है। शरीर में फैट और कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। रिफांइड ऑयल में मौजूद कैमिकल्स सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके बजाय सरसों, मूंगफली के अनरिफाइंड ऑयल लेने चाहिए।
खाना हमेशा चबा-चबाकर खाएं
वर्तमान की लाइफस्टाइल में यह मानो छूटता जा रहा है। जल्दबाजी में बिना चबाए खाने से डायजेशन प्रक्रिया गड़बड़ा जाती है और पोषक तत्व पूरी तरह अवशोषित होने में दिक्कत आती है। खाने के लिए सदियों से कहा जाता है कि खाना इस तरह चबाकर खाना चाहिए कि वो मुंह में ही लिक्विड-सा बन जाए। जो काम आपके दांत करते हैं, उन्हें आंतों को न करना पड़े। मोटामोटी हर कोर को 32 बार चबाकर खाना चाहिए। लेकिन यह भी जरूरी नहीं कि हमेशा 32 बार चबाया जाए।लेकिन कोशिश करनी चाहिए कि अच्छी तरह चबाकर खाया जाए ताकि वो आसानी से हजम हो जाए।
खाना खाने के बाद पानी न पिएं
हेल्दी रहने के लिए दिन में 8-10 गिलास पानी पीना जरूरी मानते हैं। लेकिन खाना खाने के बाद पानी पीने से बचना चाहिए। कम से कम आधा घंटे तक पानी नहीं पीना चाहिए क्योंकि इससे शरीर की डायजेस्टिव फायर शांत हो जाती है और अपच हो सकता है। बहुत जरूरी हो तो खाना खाने से 15-20 मिनट पहले या खाने के साथ एकाध घूंट पानी पिया जा सकता है।
(डॉ अंजलि शर्मा, आहार विशेषज्ञ, गुरूतेग बहादुर अस्पताल, दिल्ली)