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"परिपक्वता"-गृहलक्ष्मी की कहानियां

01:00 PM Apr 22, 2023 IST | Sapna Jha
 परिपक्वता  गृहलक्ष्मी की कहानियां
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Hindi Maturity Story: पूरे घर में जब से पता चला है कि उनकी प्यारी श्रेया किसी अबराम फल वाले को पसंद करती है, मिलती है, अभी उम्र ही क्या है श्रेया की, अभी पिछले महीने ही तो 18 वर्ष की पूरी हुई है।
हमारे प्यार, लाड दुलार का और हमारी छूट का श्रेया ने नाजायज फायदा उठाया है, पर हम ऐसा नहीं होने देंगे, अपनी श्रेया की जिंदगी यूं तबाह बर्बाद नहीं होने देंगे ।श्रेया तो अभी बच्ची है, अपना बुरा भला बुरा कहां समझती है,?
श्रेया के पापा इसी चिंता में घुले जा रहे थे और बरामदे में इधर से उधर चक्कर लगा श्रेया के आने का इंतजार कर रहे थे।

अच्छी खासी लड़की पढ़ने में होशियार ,स्पोर्ट्स में नम्बर वन,हर किसी चीज में नंबर वन, पता नहीं किस तरह इसका ब्रेनवाश किया है उस अबराम ने, कि घर में किसी की भी सुनने को तैयार नहीं। ये किशोर उम्र होती ही ऐसी है कि किसी की भी बात समझ नहीं आती। बस कहती है मैं 18 बरस की बालिग हो गई हूं, अपना अच्छा बुरा सब अच्छे से समझती हूं।

श्रेया के पापा मन ही मन सोच रहे थे कि क्या 18 बरस की उम्र होने पर जिंदगी भर के अनुभव एक साथ समझ आ जाते हैं ,क्या मात्र वोट देने की छूट मिलने पर बच्चे इतने समझदार हो जाते हैं कि जो मां-बाप आज तक उनका भला बुरा समझते हुए आए हैं अब वो एकदम से नकार दिए जाए। इतना सब सोचते-सोचते श्रेया के पापा का दिल भर आता है, आंखे नम होने लगती है उन्हें पता है कि श्रेया एक अच्छी बच्ची है पर यह किशोरावस्था होती ही ऐसी है।

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श्रेया के लौटने पर उसके पापा आंनद जी उसे समझाते हैं कि बेटा परिपक्वता कोई शरबत नहीं है कि 18 वर्ष पूरे किए और दुनियाभर की समझ एक साथ आ जाये , परिपक्वता तो जिंदगी के उतार-चढ़ाव से धीरे-धीरे ही समझ आती हैं।

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