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होली के पारंपरिक गीत जो कि आज भी बिखेर रहे हैं अपना जलवा: Holi Folk Songs

04:46 PM Mar 03, 2023 IST | Srishti Mishra
होली के पारंपरिक गीत जो कि आज भी बिखेर रहे हैं अपना जलवा  holi folk songs
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Holi Folk Songs: हर त्यौहार को अलग तरीके से मनाया जाता है यही भिन्नता उसका आधार है। फिर चाहे वो होली हो, दिवाली हो या फिर दुर्गा पूजा हर किसी का अपना रिवाज है अपना तरीका है। किसी भी त्यौहार की आत्मा उसके मंगल गीतों में बस्ती हैं। दिवाली में भारत के कई क्षेत्रों में भजन कीर्तन किया जाता है, दुर्गा पूजा में बंगाल में देवी गीत गाए जाते हैं इसी तरह होली में फाग गाने की परंपरा सदियों से चलती आ रही है। फाग क्यों गाया जाता है ये आपने कभी सोचा है? आइये जानते हैं फाग की परंपरा क्या है?

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Holi Folk Songs: फाग गायन क्या है? 

Holi Folk
Holi Folk Meaning

फाग होली पर्व पर गाया जाने वाला लोकगीत है। इसमें होली खेलने, सीता राम के प्रेम , राधा कृष्ण के प्रेम और प्रकृति की सुंदरता का वर्णन होता है। बिना फाग की होली , होली नहीं होती इसे तो स्वीकारना ही होगा। इसे मुख्यतः उत्तरप्रदेश और समीप के राज्यों में गाया जाता है।

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 प्रसिद्ध फाग गीत 

फाग गीत में जो उमंग होती है उससे कोई अपरिचित नहीं। इसे गाने की अपनी कला और आनंद है। फिर होली चाहे मसाने की हो या बरसाने की, होरी गाए बिना अधूरी ही है। होली के गीत अपनी एक खासियत के साथ गाए जाते हैं। उत्तरप्रदेश और बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में अलग अलग तरह का फाग गाया जाता है जो सिर्फ अपने क्षेत्र में ही नहीं बल्कि अपने क्षेत्र से आगे भी प्रसिद्ध है। होली के एक सप्ताह पहले ही बुंदेलखंड में फाग गीत शुरू हो जाते हैं। यहाँ की होली ब्रज और अवध से प्रभावित होती है। जब ढोलक के साथ सब गाते हैं ‘फाल्गुन के महीना रसीले घर नहीं आये छैला छबीले’ इसे सुनकर बच्चे हो या बूढ़े सब ठुमकने को मजबूर हो जाते हैं। इसी तरह मथुरा वृन्दावन की होली के गीत भी लोगों को नाचने पर मजबूर कर देते हैं। जब ब्रज में होरी गायी जाती है कि ‘आज बिरज में होरी रे रसिया’ तब शायद ही कोई होता होगा जो इस गीत के रंग में मिलकर रंग न खेलता हो। अब ज़रा मसाने की होली की भी बात कर ली जाए ये होली सबसे अलग होली है जहाँ कहीं फूल और गुलाल से होली खेली जाती है वहीं यहां औघड़ चिता भस्म से होली खेलते हैं इसी पर एक होरी गीत भी है ‘खेलें मसाने में होरी, दिगम्बर खेलें मसाने में होरी’ जिसे बहुत हर्ष उल्लास के साथ बनारस के घाट पर बैठ गाया जाता है। और जब होली की बात हो तो आप मिथिला के होरी गीत की बात न करें हो नहीं सकता । मिथिला में ‘राम खेले होली’ गीत के साथ मिथिला में होली का आनंद आ जाता है। सच ही है होली बिना होरी गीत के कुछ भी नहीं।

बॉलीवुड के होली गीत 

फिल्मों में अलग-अलग त्यौहार पर गीत बनते ही रहते हैं। फिर जब होली के गीत का ज़िक्र हो तो होली पर भी बॉलीवुड ने काफी गीत बनाये हैं। फिल्म बागवान में ‘होली खेले रघुवीरा अवध में’ ने होली के सदाबहार गीतों में अपनी जगह बना रखी है। हर साल होली पर इसे आप सुन ही लेंगे। इसी तरह ‘जा रे हट नटखट’ को भी बहुत पसंद किया जाता है। ‘रंग बरसे भीगे चुनर वाली’ , ‘होरी के दिन दिल खिल जाते हैं’ और ‘जोगीजी धीरे धीरे’ जैसे गानों से होली का त्यौहार गुलज़ार है। आज भी होली पर पुराने गानों या गीतों को नए गीतों की तुलना में ज्यादा पसंद किया जाता है इसका कारण यही है कि इन गानों में जो लोकगीत की झलक देखने मिलती है वो अब नहीं है।

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