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ज्योतिष एवं वास्तु अनुसार गृहसज्जा में रंगों का महत्त्व: Vastu Tips

06:00 AM Apr 18, 2024 IST | Srishti Mishra
ज्योतिष एवं वास्तु अनुसार गृहसज्जा में रंगों का महत्त्व  vastu tips
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Vastu Tips: वास्तुशास्त्र के नियमों के अनुसार भवन निर्माण और उनकी सज्जा में रंगों का भी विशेष महत्त्व है। घर में कौन सा रंग कहां कराएं कि वह खुबसूरती के साथ-साथ समृद्धि भी लाएं? आइए जानतेें हैं- यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि भवन निर्माण एवं गृहसज्जा में वास्तु-शास्त्र का पालन करने से विभिन्न दैवीय शक्तियां उन सब व्यक्तियों के सोच विचार एवं कार्यशैली में मदद करती हैं, जो इन स्थलों से जुड़े होते हैं। मूल संस्कृत साहित्य में वास्तु का तात्पर्य है- घर में मनुष्य और देवताओं का आवास होना। यह पूरा ब्रह्माण्ड पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, और आकाश नाम के पांच तत्त्वों से मिलकर बना है। वास्तु का मूल सिद्धांत है इन पांचों तत्त्वों में संतुलन स्थापित करके स्वास्थ्यवर्द्धक और सुखी जीवन का निर्माण करना। ज्योतिष एवं वास्तुशास्त्र की मदद से हम भीतरी सजावट के द्वारा ऊर्जा के संतुलन और प्राकृतिक समन्वय में एकरूपता ला सकते हैं।

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पृथ्वी मां के समान हमारा पालन करती है और सूर्य पिता के समान हमारी रक्षा करता है, फेंगशुई भी इन्हीं सिद्धांतों का पालन करते हुए हमारी उन्नति में सहायक बनती है। वास्तुकार सौंदर्य से परिपूर्ण भव्य मकान तो बना सकता है, किन्तु उसमें रहने वालों के सुखी जीवन का आश्वासन नहीं दे सकता, जबकि वास्तु-विज्ञान वहां रहने वालों को शांति, संपन्नता और उन्नति का आश्वासन दे सकता है। वास्तु अनुसार हमें घर में सुख समृद्घि के लिए निम्रलिखित दिशाओं में निम्रलिखित रंगों का प्रयोग करना चाहिए।

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  1. उत्तर-पूर्व दिशा अर्थात् ईशान कोण पृथ्वी तत्त्व से संबंधित है। इस कोण में पीले एवं मटमैले रंग श्रेष्ठ, लाल और नारंगी रंग मध्यम तथा हरे रंग अशुभ होते हैं। अत: ईशान कोण में स्थित वास्तु में उपरोक्त श्रेष्ठ और मध्यम रंगों का ही प्रयोग करना चाहिए।
  2. उत्तर दिशा जल तत्त्व से संबंधित है। इस दिशा में नीला और काला रंग श्रेष्ठ, सफेद एवं रुपहला रंग मध्यम तथा पीला व मटमैला रंग अशुभ होता है। अत: उत्तर दिशा में स्थित वास्तु में उपरोक्त श्रेष्ठ और मध्यम रंगों वाली वस्तुओं का समावेश किया जाना चाहिए।
  3. उत्तर-पश्चिम दिशा अर्थात् वायव्य कोण धातु तत्त्व से संबंधित मानी गई है। इस कोण में सफेद और रुपहला रंग श्रेष्ठ तथा पीला एवं मटमैला रंग मध्यम दर्जे का प्रभाव देता है जबकि लाल और नारंगी रंग अशुभ सिद्ध होते हैं। अत: वायव्य कोण में स्थित वास्तु में यथासंभव उपरोक्त श्रेष्ठ रंगों का प्रयोग ही किया जाना चाहिए।
  4. पश्चिम दिशा भी धातु तत्त्व का प्रतीक कही गई हैं। इस दिशा में सफेद और स्लेटी रंग श्रेष्ठ, पीला एवं मटमैला रंग मध्यम स्तर का प्रभाव डालता है। अत: पश्चिम दिशा के वास्तु में इन्हीं रंगों का प्रयोग करना चाहिए। इस दिशा में लाल या नारंगी रंग अत्यंत अशुभ सिद्ध होते हैं।
  5. दक्षिण-पश्चिम दिशा अर्थात् नैऋर्त्य कोण पृथ्वी तत्त्व से व्याप्त है। इस कोण में पीला और मटमैला रंग श्रेष्ठ तथा लाल एवं नारंगी रंग मध्यम स्तर का प्रभाव डालता है। अत: नैऋर्त्य कोण के वास्तु में उपर्युक्त रंगों का प्रयोग करके शुभ फल प्राप्त किए जा सकते हैं। लेकिन इस विदिशा में हरे रंग का प्रयोग वर्जित है।
  6. दक्षिण दिशा अग्नि तत्त्व से संबंधित है। इस दिशा में लाल एवं नारंगी रंग श्रेष्ठ, हरा रंग मध्यम तथा काला और नीला रंग अशुभ प्रभाव देता है। अत: दक्षिण दिशा में यथासंभव श्रेष्ठ रंगों का प्रयोग करना चाहिए।
  7. दक्षिण-पूर्व दिशा अर्थात् आग्नेय कोण काष्ठ तत्त्व से संबंधित है। इस कोण में हल्का रंग श्रेष्ठ, नीला एवं काला रंग मध्यम तथा सफेद व रुपहला रंग अशुभ होता है। अत: आग्नेय कोण के वास्तु में इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
  8. पूर्व दिशा काष्ठ तत्त्व से संबंधित है। इस दिशा में हरा रंग शुभ फलदायी, नीला और काला रंग मध्यम दर्जे का तथा सफेद व रुपहला अत्यंत हानिकारक होता है। अत: पूर्व दिशा के वास्तु में शुभ रंगों का ही प्रयोग करना चाहिए।
  9. मध्य दिशा पृथ्वी तत्त्व से संबंधित है। इस दिशा में पीला और मटमैला रंग शुभ, लाल
    एवं नारंगी रंग मध्यम तथा हरा रंग अशुभ
    होता है। अत: मध्य दिशा में इन रंगों पर ध्यान देना चाहिए।
  10. वास्तु शास्त्र में मुख्य द्वार की साज-सज्जा के लिए भी निर्देश दिए गए हैं। घर की बाहरी दीवारों पर सामान्यत: सफेद, हल्का पीला, क्रीम रंगों का प्रयोग करना चाहिए।
    भवन की आंतरिक दीवारों के रंग
  11. रसोई घर- पीला, क्रीम, छत सफेद
  12. डाइनिंग रूम- पीला, क्रीम, छत सफेद
  13. भंडारण- पीला, हल्का ब्राउन, छत सफेद
  14. शयन-कक्ष (बच्चों का)- हल्का हरा, सफेद, गुलाबी, छत सफेद
  15. बाथरूम (स्नानागार)- भूरा, मरून, क्रीम, पीला, छत सफेद
  16. शयन कक्ष (अतिथि)- हल्का हरा, पीला, सफेद, क्रीम, छत सफेद
  17. शयन-कक्ष (मुख्य)- आसमानी नीला, रॉयल नीला, रॉयल ब्राउन, गुलाबी
  18. पूजा कक्ष- पीतांबरी, नारंगी, पीला, क्रीम, हल्का ब्राउन, छत सफेद
  19. ड्राईग रूम- रॉयल ब्राउन, हल्का नीला, सफेद, पीला, क्रीम, छत सफेद

नोट: छत का रंग हमेशा सफेद तथा कॉर्निश का रंग सुनहरा रखवाना ही शुभ होता है। शयन कक्ष सबसे महत्त्वपूर्ण कमरा है जहां व्यक्ति अपने थके मन/मस्तिष्क व शरीर को दोबारा ऊर्जावान करता है। इसलिये वहां उपरोक्त सुखद रंगों का प्रयोग असीम लाभदायक रहता है।

1) यदि आप घर की दीवारों पर कलाकृतियां लगाते हैं उसके लिए आप सुसज्जित देवी श्री लक्ष्मी, गाय और बछड़ा, कमल के फूल, मोर का जोड़ा अथवा शंख, स्वास्तिक चिह्नï और युग्म मीन की कलाकृतियां ही होनी चाहिए।

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2) वहीं सुअर, चील, सांप, राक्षस, गिद्ध, उल्लू, हाथी, बाघ, शेर, भेड़िया, रीछ, गीदड़ आदि जंगली जानवरों की कलाकृतियों से बचना चाहिए। इसी के साथ रामायण और महाभारत के हिंसक दृश्य, तलवारों के प्रयोग वाले लड़ाई के दृश्य, इंद्रजाल, भयानक दैत्यों या राक्षसों की पत्थर, काष्ठ या धातु की मूर्तियों और रोते हुए और अश्रुपूरित चिल्लाते हुए लोगों के दृश्यों से संबंधित प्रदर्शन घरों में अच्छे नहीं होते।

3) घरों या भवनों में वही प्रदर्शित किया जाना चाहिए जो देखने वालों की आंखों को अच्छा लगे। उन्हें प्रसन्नता देने वाला हो। सजावट के लिए वस्तुएं या तस्वीर और चित्रों के चयन करते समय सौन्दर्य और सांस्कृतिक पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए। सुसज्जित लाइटें, झाड़-फानूस, पुस्तकों की अलमारी, कमलदान, फूलदान, सोफा, मेज, और कुर्सी आदि बड़ी सावधानी से रुचिपूर्वक चुनने चाहिए और उपयुक्त स्थानों पर रखने चाहिए ताकि वे आकर्षक दिखें।

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हमें ग्रह भी प्रभावित करते हैं और दिशाएं भी इसलिए ज्योतिष एवं वास्तु दोनों को ध्यान में रखते हुए हमें दीवारों को रंग करवाना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार सौभाग्य व प्रसन्नता प्राप्ति हेतु रंग योजना गृहस्वामी की राशि के अनुसार होनी चाहिए। जो इस प्रकार है।

मेष रक्त वर्ण की विभिन्न शेड्स
वृष श्वेत वर्ण, दूधिया वर्ण
मिथुन हरित वर्ण (हरा)
कर्क गुलाबी, मोतिया-सफेद
सिंह हल्का-सफेद, मणि लाल, पाण्डू वर्ण
कन्या विभिन्न हरे शेड्स
तुला सीमेंट रंग, दूधिया सफेद (कृष्ण वर्ण)
वृश्चिक मूंगिया लाल, गुलाबी
धनु सुनहरा पीला (पिंगल वर्ण)
मकर हल्का लाल, सीमेंट रंग (भूरा वर्ण)
कुंभ नीला या सीमेंट रंग (भूरा वर्ण)
मीन पीला, चमकीला सफेद

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