टाइफाइड कितने दिन तक रहता है और क्या हैं इसके लक्षण, जानिए: Typhoid Fever
Typhoid Fever: टाइफाइड एक इंफेक्शन है, जो साल्मोनेला बैक्टीरिया के कारण होता है। इसके लक्षणों में हाई फीवर, डायरिया और वोमिटिंग आदि शामिल हैं। यह समस्या जानलेवा हो सकती है, अगर रोगी का एंटीबायोटिक्स की मदद से जल्दी उपचार न हो। एक व्यक्ति दूषित फूड और पानी के माध्यम से टाइफाइड से संक्रमित हो सकता है। यही नहीं, यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे तक भी पास हो सकता है। टाइफाइड की उन स्थानों पर अधिक संभावना अधिक रहती है जहां स्वच्छता और साफ-सफाई कम हो। आइए जानें टाइफाइड कितने दिन तक रहता है (How long does typhoid last)। लेकिन, इससे पहले इस बीमारी के बारे में पूरी जानकारी होना बेहद जरुरी है।
टाइफाइड फीवर के लक्षण (Symptoms of typhoid)
टाइफाइड के लक्षण आमतौर पर रोगी के बैक्टीरिया के संपर्क में आने के एक से तीन हफ्तों बाद दिखाई देना शुरू होते हैं। इसके दो मुख्य लक्षणों में बुखार और रैशेज आदि शामिल हैं। यह बुखार आमतौर पर हाई होता है। इसके साथ ही रोगी को रैशेज हो सकते हैं और लाल रंग के स्पॉट्स होते हैं खासतौर पर गर्दन और पेट में।टाइफाइड फीवर के अन्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- डायरिया
- भूख कम लगना
- ब्लोटिंग
- जी मिचलाना
- कमजोरी
- पेट में दर्द
- कब्ज
- सिरदर्द
टाइफाइड के कारण
यह बीमारी साल्मोनेला बैक्टीरिया के कारण होती है। यह समस्या भोजन, ड्रिंक्स और पानी के माध्यम से फैलती है, जो मल से दूषित होते हैं। अगर फलों और सब्जियों को गंदे पानी से धोया जाए, तो भी यह रोग फैल सकता है। कई लोग इस समस्या में किसी भी तरह का कोई भी लक्षण अनुभव नहीं करते हैं। कुछ लोगों में लक्षण खत्म होने के बाद भी बैक्टेरिया पनप सकता है। कई बार यह बीमारी फिर से हो सकती है। टाइफाइड के रोगियों को बच्चों और बुजुर्गों से दूर रहने की सलाह दी जाती है, जब तक मेडिकल टेस्ट नेगटिव नहीं हो जाता।
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टाइफाइड कितने दिन तक रहता है (How long does typhoid last)?
टाइफाइड की अवधि रोगी में बुखार कितना तेज है, इस बात पर निर्भर करती है। टाइफाइड बुखार लक्षण शुरू होने के तुरंत बाद इलाज किए जाने पर सात से 10 दिनों तक रहता है। यदि उपचार न किया जाए या उपचार बाद में शुरू किया जाए, तो यह बुखार तीन हफ्ते या उससे अधिक समय तक रह सकता है। यदि आपको कोई अन्य परेशानी भी है, तो आपको पूरी तरह से ठीक होने में इससे अधिक समय लग सकता है। ध्यान रहे कि अगर टाइफाइड का उपचार जल्दी न हो, तो यह समस्या जानलेवा हो सकती है। लेकिन, दवाईयों से अधिकतर लोग पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं।
टाइफाइड का उपचार
इस बात के निदान के लिए कि रोगी के शरीर में साल्मोनेला बैक्टीरिया है या नहीं, एक ब्लड टेस्ट किया जाता है। इसके उपचार के लिए कुछ एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे:
- एजिथ्रोमायसिन (Azithromycin)
- सेफ्ट्रायक्सोन (Ceftriaxone)
- फ्लूरोक्लिनोलोंस (Fluoroquinolones)
प्रेग्नेंट महिलाओं को इन दवाओं को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इसके साथ ही टाइफाइड के रोगियों के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है। ज्यादा गंभीर मामलों में अगर रोगी को बाउल सम्बन्धी समस्या हो गई हो, तो व्यक्ति को सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। लेकिन, कई अन्य बैक्टीरियल कंडीशंस की तरह, साल्मोनेला बैक्टीरिया के प्रति एंटीबायोटिक दवाओं के बढ़ती रेजिस्टेंस एक चिंता का विषय है। इसके कारण इन तरीकों को अपनाने की सलाह दी जाती है, जैसे
- वैक्सीनेशन में बढ़ोतरी
- हाइजीन और सैनिटेशन में सुधार
- संक्रमण को सीमित करने के लिए संक्रमण से ग्रस्त लोगों की बेहतर ट्रैकिंग इम्प्लांट करना
टाइफाइड से बचाव
टाइफाइड से बचाव के लिए वैक्सीनेशन कराया जा सकता है। यह विकल्प उन जगह के लोगों के लिए सामान्य है, जहाँ लोगों में यह समस्या कॉमन है। टाइफाइड फीवर सामान्य है, लेकिन ट्रीटेड पानी पीने से साल्मोनेला बैक्टीरिया के संपर्क में आने से बचा जा सकता है। इसके साथ ही ह्यूमन वेस्ट को सही से मैनेज करने से भी यह समस्या मैनेज हो सकती है। इसके साथ ही टाइफाइड से बचाव के अन्य तरीके इस प्रकार हैं:
वैक्सीन्स
इसकी वैक्सीन्स दो साल या इससे अधिक उम्र के लोगों के लिए उपलब्ध हैं। किसी ऐसी जगह ट्रेवल करने जा रहे हैं जहाँ यह बीमारी सामान्य है वहां जाने से पहले आपको एक हफ्ते पहले सिंगल शॉट लेना चाहिए। इसकी वैक्सीन्स का प्रभाव समय के साथ कम हो सकता है इसलिए बार-बार इसकी इम्यूनाइजेशन जरूरी है। लेकिन, यह वैक्सीन पूरी प्रोटेक्शन प्रदान नहीं करती है, इसलिए अन्य चीजों का भी ध्यान रखना आपके लिए जरूरी है, जैसे:
- अपने हाथों को अच्छे से धोएं। यह इंफेक्शन को कंट्रोल करने का सबसे अच्छा तरीका है साबुन और पानी से बार-बार हाथों को धोना। खाना बनाने, खाना खाने और बाथरूम के इस्तेमाल से पहले हाथों को धोना जरूरी है। अगर साबुन और पानी उपलब्ध न हो, तो एल्कोहॉल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
- दूषित पानी को न पीएं। इसलिए अगर आप किसी दूसरी जगह जा रहे हैं तो बोतल या कैन का पानी पीएं, जो पैक्ड हो।
- कच्चे फल और सब्जियों को भी न खाएं। कच्चे फल और सब्जियों को हो सकता है कि गंदे पानी से धोया गया हो। ऐसे में कच्चे फूड्स को खाने से बचें।
- गर्म खाद्य पदार्थों को चुनें। ऐसे फूड को भी न खाएं, जिसे रूम टेम्प्रेचर में स्टोर या सर्व किया हो। कच्चे या अधपके फूड के मुकाबले गर्म खाना कम रिस्की होता है। इसके साथ ही अगर आप किसी जैसी स्थान को विजिट कर रहे हैं, जहाँ टाइफाइड आम है तो जाने से पहले डॉक्टर से बात अवश्य करें।
दूसरों को संक्रमित करने से बचें
अगर आप टाइफाइड फीवर से रिकवर कर रहे हैं, तो कुछ चीजों का ध्यान रखें ताकि इससे अन्य लोग संक्रमित न हो। यह तरीके इस प्रकार हैं:
- एंटीबायोटिक्स लें: अपने डॉक्टर की सलाह को पूरी तरह से फॉलो करें और सही तरीके से एंटीबायोटिक्स लें। डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन को पूरी तरह से फिनिश करें।
- बार-बार हाथ धोएं: यह वो एक चीज जरूरी चीज है जिससे आप दूसरों तक इस इंफेक्शन को फैलने से रोक सकते हैं।
- खानपान का ध्यान रखें: इस दौरान आपको केवल उन्हीं चीजों को खाना चाहिए जिनकी सलाह डॉक्टर ने दी हो।
संक्षेप में कहा जाए तो टाइफाइड वो कंडीशन है, जो एक बैक्टीरिया के कारण होती है। कुछ मामलों में इस रोग के कारण गंभीर कॉम्प्लीकेशन्स हो सकती हैं। बिना सही उपहार के यह बीमारी जानलेवा हो सकती है। लेकिन, एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट और कोई कॉम्प्लीकेशन्स के बिना रोगी पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है।
FAQ | क्या आप जानते हैं
टाइफाइड बुखार किसे कहा जाता है?
टाइफाइड के स्टेज कौन से हैं?
टाइफाइड बार-बार क्यों होता है?
टाइफाइड बुखार के ठीक होने के संकेत क्या हैं (What are the signs of recovery from typhoid fever?)?
टाइफाइड बुखार के लिए टेस्ट क्या है (What is the test for typhoid fever)?
भारत में टाइफाइड बुखार टेस्ट की कॉस्ट कितनी है (What is the cost of typhoid fever test in India?)?