ब्रेस्टफीडिंग के दौरान ब्रेस्ट और बच्चे को कैसे रखें हाइजीन: Breastfeeding Hygiene
Breastfeeding Hygiene: जब भी एक महिला माँ बनती है उसके जीवन में कई तरह के बदलाव होते है। माँ का बच्चे के प्रति प्रेम और जीवन अर्पण दुनिया का सबसे बड़ा मूल्य है। माँ के दूध में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते है जो एक नवजात बच्चे के पालन पोषण के लिए बहुत ज्यादा जरुरी होते है और यहीं कारण है कि 6 महीने तक बच्चे को माँ का दूध ही पिलाना चाहिए। ब्रैस्टफीडिंग के दौरान स्किन से स्किन टच होती है और एक छोटे बच्चे के लिए स्वच्छता का खास ख्याल रखना पड़ता है। इसीलिए माँ के लिए भी ये जरुरी हो जाता है कि अपने बच्चे का पालन पोषण अस्वच्छ तरीके से न करें। ब्रैस्टफीडिंग के दौरान खास तरह की चीजों का ध्यान रखना चाहिए जिससे बच्चा और माँ दोनों ही स्वच्छ और स्वस्थ रहें। तो चलिए जानते है कि ऐसी कौन सी सावधानियां है जिसे माँ को ब्रैस्टफीडिंग के दौरान अपने बच्चे के लिए करनी चाहिए।
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ब्रेस्ट को बार बार धोकर साफ़ रखें
किसी भी संक्रमण को रोकने के लिए बार बार हाथ धोना सबसे अच्छा और सही तरीका है। वहीं जब आप अपने बच्चे को ब्रैस्टफीड करा रहे है तो ब्रैस्टफीड कराने से पहले और बाद में हाथ को जरुर धोएं। इसी के साथ निपल्स को भी दूध पिलाने से पहले और बाद में साफ़ करें. निपल्स पर सेनिटाईजर लगाने से बचे।
रोजाना नहाएं
ब्रैस्टफीड वाली महिलाओं को रोजाना नहाना चाहिए जिससे उनके शरीर पर पैदा होने वाले कीटाणु खत्म हो जाते है और बच्चे तक पहुँचने वाला संक्रमण भी खत्म हो जाता है। इसके साथ साथ रोजाना नहाने से आप और आपका बच्चा भी स्वच्छ रहता है।
सुगंधित उत्पादों का उपयोग न करें
आप अगर एक ब्रैस्टफीड कराने वाली महिला है तो आपको सुगंधित उत्पादों से दूरी बनाकर रखना चाहिए। ब्रैस्टफीड के दौरान ब्रैस्ट काफी सेंसिटिव हो जाते है जिससे दर्द बना रहता है। ऐसे में अगर आप ब्रैस्ट को मॉइस्चराइज़ रखने के लिए क्रीम का इस्तेमाल कर रहें है तो वो बिलकुल सेफ होनी चाहिए और सुंगंध वाली नहीं होनी चाहिए। सुगंधित उत्पाद आपके और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक हो सकते है।
नर्सिंग कपड़ों को रोजाना बदले
ब्रैस्टफीडिंग के दौरान बच्चे की देखभाल के साथ साथ अपने आस पास साफ़ सफाई का भी ध्यान रखना बहुत जरुरी है। इसलिए रोजाना नर्सिंग पैड, ब्रा, कपड़े और बेडशीट को बदले। ब्रैस्टफीडिंग के दौरान कई बार दूध कपड़ों पर गिर जाता है जिससे बैक्टीरिया पैदा होने का खतरा रहते है इसलिए रोजाना कपड़ों को बदलना जरुरी है। इसके साथ साथ सूती कपड़े पहने इसमें बैक्टीरिया बनने का खरा काफी हद तक कम हो जाता है।
निपल्स में दर्द हो तो तुरंत करें इलाज
कई बार बच्चे को दूध पिलाने के बाद निपल्स में दर्द होता है अगर आपको ज्यादा दर्द है तो डॉक्टर से सलाह कर बताई हुई क्रीम ही लगायें। लेकिन बच्चे को दूध पिलाने से पहले अच्छे से वाइप से निपल्स को साफ़ कर लें। बच्चे तक क्रीम के तत्व न पहुंचे।
नर्सिंग ब्रा का करें प्रयोग
नर्सिंग ब्रा को माँ और बच्चे दोनों की सुविधा को ध्यान में रखकर ही डिजाईन किया गया है। ब्रैस्टफीडिंग के दौरान इसे आसानी से खोला जा सकता है वहीं दूध पिलाते हुए माँ को अपने ब्रैस्ट को छूने की जरूरत बहुत कम होती है। जिससे हाथों से बच्चे के मूहं तक पहुँचने वाले कीटाणुओं का खतरा खत्म हो जाता है।