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बच्चे के सामने करेंगे ये चीजें तो होगा पॉजिटिव असर: Positive Parenting

12:30 PM Jan 23, 2024 IST | Mitali Jain
बच्चे के सामने करेंगे ये चीजें तो होगा पॉजिटिव असर  positive parenting
Positive Parenting
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Positive Parenting: माता-पिता बच्चों के सामने किस तरह का व्यवहार करते हैं, इसका गहरा असर बच्चों के व्यक्तित्व पर पड़ता है। कहते हैं कि बच्चे का पहला स्कूल उसका घर होता है और माता-पिता उसके पहले टीचर व रोल मॉडल होते हैं। इसलिए, पेरेंट्स अपने बच्चों के सामने जिस तरह का व्यवहार करते हैं, बच्चा उन्हें सही समझता है और फिर वह भी वैसा ही रवैया अपनाने लगता है।

आपको शायद अंदाजा ना हो, लेकिन बच्चे अपने पेरेंट्स की छोटी-छोटी हरकतों को नोटिस करते हैं। आपने कभी ना कभी देखा होगा कि बच्चे शीशे के सामने या फिर भाई-बहनों के साथ खेलते हुए आपको कॉपी करते हैं। उनके लिए आपके द्वारा किया गया व्यवहार ही सही होता है। इसलिए, यह आपकी जिम्मेदारी बनती है कि आप कुछ ऐसी चीजें करें, जिससे उन पर पॉजिटिव असर पड़े। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ऐसी ही कुछ चीजों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें बच्चे के सामने करने से उन पर अच्छा असर पड़ सकता है-

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माता-पिता का आपसी रिश्ता हमेशा ही बच्चे को इफेक्ट करता है। इतना ही नहीं, वह आपको देखकर अनजाने में अपने रिश्तों को हैंडल करना सीखता है। इसलिए, यह आपकी जिम्मेदारी होनी चाहिए कि आप हमेशा बच्चों के सामने अपने रिलेशन को लेकर एक अच्छी इमेज बनाए रखें। कोशिश करें कि आप दोनों ही एक-दूसरे की मदद करें। अपने बच्चे के सामने बर्तन या गैराज साफ करने में पार्टनर की मदद करके, आप उसे दूसरों के प्रति दयालु होने का गुण सिखाते हैं।

बच्चे को जीवन में अनुशासन सिखाना बेहद जरूरी है। इसके लिए सबसे पहला कदम आपको ही लेना होगा। कोशिश करें कि आप अपना एक रूटीन सेट करें और फिर उसे ही फॉलो करें। जब आप अपने बच्चे के सामने घर पर एक शेड्यूल तैयार करके उसे फॉलो करते हैं, तो इससे बच्चे पर भी पॉजिटिव असर पड़ता है। आप अपने शेड्यूल में काम के अलावा, फैमिली के साथ खाली समय भी शामिल करें। साथ ही साथ, नो स्क्रीन टाइम भी सेट करें। इस समय में घर के किसी भी सदस्य को स्क्रीन देखने की इजाजत ना हो। इससे बच्चा ना केवल अनुशासित बनता है, बल्कि अपनी फैमिली के साथ अधिक गहराई से जुड़ता है।

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कोशिश करें कि आप बच्चे के सामने अपने पार्टनर की कड़ी मेहनत और सफलता की सराहना जरूर करें। उसे यह समझाने की कोशिश करें कि एक हेल्दी रिलेशन में जरूरत पड़ने पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रतिक्रिया देना शामिल है। अपने बच्चों के सामने एक-दूसरे के अच्छे काम की प्रशंसा करके आप उसे समझाते हैं कि जीवन में सिर्फ उसके लिए ही सफल होना काफी नहीं है। बल्कि खुद से जुड़े लोगों की मेहनत और सफलता के लिए भी उसे उतना ही खुश होना सीखना चाहिए।

आप बच्चे के सामने दूसरों से किस तरह बात करते हैं, इसका गहरा असर उसके व्यक्तित्व पर पड़ता है। इसलिए, आपको ही उन्हें इफेक्टिव व ओपन कम्युनिकेशन सिखाना होगा। हमेशा अपने पार्टनर को एक्टिव रूप से सुनें और कभी भी अपशब्दों का इस्तेमाल ना करें। बच्चे के सामने तो बिल्कुल भी नहीं। कोशिश करें कि आप बच्चे के सामने ओपन कम्युनिकेशन करें। इससे बच्चे में भी कम्युनिकेशन स्किल्स बेहतर होते हैं। वे सिर्फ अपनी बात कहने के स्थान पर दूसरों की बातों को उतना ही महत्व देना सीख जाते हैं। यह उनके अच्छे भविष्य के लिए बेहद जरूरी है।

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Focus on problem-solving
Focus on problem-solving

हम सभी की लाइफ में अक्सर समस्याएं आती हैं। ऐसे में अधिकतर लोग अपनी हिम्मत खो देते हैं और सिर्फ और सिर्फ नेगेटिव ही सोचते हैं। अगर आप बच्चे के सामने इस तरह नेगेटिव होते हैं, तो इससे बच्चा कमजोर बनता है। इसलिए, किसी भी परेशानी पर फोकस करने की जगह आप उसके समाधान पर अधिक फोकस करें। जब वह आपको चुनौतियों का डटकर सामना करते हुए देखता है तो कहीं ना कहीं उसमें भी पॉजिटिव एटीट्यूड आता है। उसका यही एटीट्यूड उसे जीवन की परेशानियों का सामना करने में मदद करता है। हमेशा अपने बच्चे को यह सिखाएं कि वह परेशानियों पर ध्यान देने की जगह उसके समाधान पर अधिक फोकस करे।

एक पैरेंट के रूप में यह आपकी जिम्मेदारी बनती है कि आप बच्चे को दूसरों का सम्मान करना सिखाएं। इसके लिए सबसे पहले आपको अपने व्यवहार में बदलाव लाना होगा। आप परिवार के सदस्यों, दोस्तों यहां तक कि अजनबियों के साथ भी सम्मानपूर्वक बात करें। जब आप ऐसा करते हैं तो बच्चे में भी खुद ब खुद यह संस्कार आ जाते हैं। जिससे वह भी दूसरों से अच्छी तरह बात करने का गुण सीख जाता है।

अक्सर यह देखने में आता है कि लोग गलती करने के बाद भी जिम्मेदारी नहीं लेते हैं और ना ही अपनी गलती के लिए माफी मांगते हैं। अगर आप भी ऐसा ही करते हैं तो वास्तव में आप अपने बच्चे के लिए एक गलत उदाहरण पेश कर रहे हैं। आप अपनी डेली टास्क और कमिटमेंट्स के लिए जिम्मेदारी लेना सीखें। साथ ही, अगर आपसे कोई गलती होती है तो उसके लिए माफी मांगने में बिल्कुल भी हिचकिचाएं नहीं। जब आप ऐसा करते हैं तो बच्चे को यह समझ में आता है कि गलती करने पर माफी मांगने में कोई बुराई नहीं है। यह अपने आत्म सम्मान के साथ समझौता करना नहीं है, बल्कि यह आपको और भी अधिक विनम्र और बड़ा बनाता है।

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