दूसरों के सामने बच्चे की बेइज्जती करने से हो सकते हैं ये नुकसान: Mistakes During Parenting
Mistakes During Parenting: किसी भी बच्चे की जिम्मेदारी उसे माता-पिता के कंधों पर होती है। लेकिन अक्सर यह देखने में आता है कि पेरेंट्स बच्चे पर अपना अधिकार समझने लगते हैं। उन्हें लगता है कि वे बच्चे को कुछ भी कह सकते हैं। यकीनन बच्चे द्वारा गलती किए जाने पर उन्हें समझाना आपका दायित्व है, लेकिन फिर भी आपको अपने शब्दों को लेकर थोड़ा अधिक सजग होना चाहिए। कई बार हम इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं और बच्चे को कुछ भी कह देते हैं। इससे बच्चे के बालमन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। स्थिति बद से बदतर तब हो जाती है, जब आप वही बातें किसी तीसरे व्यक्ति के सामने करते हैं। इससे बच्चे को अपनी बेइज्जती महसूस होती है। यह बच्चे पर बहुत अधिक नेगेटिव इफेक्ट डाल सकता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि बच्चे की दूसरों के सामने बेइज्जती करने से उस पर क्या असर हो सकता है-
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हो सकता है तनाव
अगर पेरेंट्स अपने बच्चे की बेइज्जती दूसरों के सामने करते हैं तो इससे वे तनावग्रस्त हो जाते हैं। गंभीर मामलों में, बच्चा डिप्रेशन का शिकार भी हो सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि जिन बच्चों को अक्सर उनके माता-पिता द्वारा अपमानित किया जाता है या फिर दूसरों के सामने उनकी आलोचना की जाती है तो इससे वे कम उम्र से ही डिप्रेशन में आ जाते हैं। डिप्रेशन एक गंभीर बीमारी है और मूड स्विंग का कारण बनती है। इससे बच्चे की पूरी पर्सनैलिटी पर ही नेगेटिव असर पड़ता है।
आत्म सम्मान कम होना
जिन बच्चों को उनकी छोटी-छोटी गलतियों के लिए लगातार दूसरों के सामने डांटा और अपमानित किया जाता है, ऐसे में उनके आत्मसम्मान पर नेगेटिव असर पड़ता है। ऐसे में वह खुद को माता-पिता के प्यार के वंचित महसूस होता है। इतना ही नहीं, लगातार आलोचना से उन्हें ऐसा लगता है कि वे किसी लायक नहीं है। यह उनके आत्मविश्वास के स्तर को शून्य पर भी ला सकता है।
सोशल होने से बचना
जब माता-पिता अपने बच्चे को दूसरों के सामने डांटते हैं तो इससे कहीं ना कहीं उनके आत्मसम्मान को चोट पहुंचती है। इतना ही नहीं, उन्हें अपनी बेइज्जती महसूस होती है, जिसके कारण वे बहुत अधिक निराश हो जाते हैं। कई बार बच्चे इस स्थिति में खुद को समाज से छुपाने लगते हैं। इस तरह वे असामाजिक हो जाते हैं और खुद को हर किसी से दूर रखने लगते हैं। यह देखने में आता है कि ऐसे बच्चे अक्सर एकांत का जीवन जीना अधिक पसंद करने लगते हैं। हालांकि, उनका यह व्यवहार उनके व्यक्तित्व के लिए सही नहीं है।
खुद के बारे में नेगेटिव सोचना
जब आप बच्चे को दूसरों के सामने डांटते हैं या फिर गलत शब्दों का इस्तेमाल करते हैं तो इससे बच्चे के मन में नकारात्मक विचार विकसित होने लगते हैं। हो सकता है कि बच्चा यह सोचना शुरू कर दे कि वह किसी भी चीज़ के लायक नहीं है और अपनी उम्र के अन्य लोगों की तरह काम नहीं कर सकता। अगर बच्चे की सोच ऐसी होती चली जाती है तो यह बहुत ही खतरनाक है। यह उसके पूरे विकास को नेगेटिव तरीके से इफेक्ट करेगी। वह दूसरों से दूरी बनाए रखना शुरू कर देगा और खुद को दूसरों से छुपाना शुरू कर देगा।
पढ़ाई पर नेगेटिव असर
आपको शायद अंदाजा ना हो, लेकिन जब आप बच्चे को दूसरों के सामने डांटते हैं या फिर उसकी बेइज्जती करते हैं तो इससे उसकी पढ़ाई पर भी नेगेटिव असर पड़ता है। दरअसल, आपके ऐसा करने से बच्चे को तनाव और एंग्जाइटी होती है जिसके कारण वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं लगा पाता है। ऐसे में उसकी पढ़ाई में परफार्मेंस गिरने लगती है। हो सकता है कि आपने उसे उसके दोस्तों के सामने डांटा हो, तो ऐसे में उसका स्कूल या ट्यूशन जाने का भी मन नहीं करता है। हो सकता है कि वह स्कूल ना जाने के लिए तरह-तरह के बहाने भी बनाने लगे। वह अपने दोस्तों की तरह अपने रिपोर्ट कार्ड में अच्छे अंक नहीं ला सकती। एक बच्चे के लिए यह निराशा बहुत अधिक होती है और उसे कठोर कदम उठाने पर मजबूर कर सकती है जो उसके जीवन पर भी भारी पड़ सकता है।
बहुत अधिक एग्रेसिव होना
अगर आपके बच्चे का व्यवहार पिछले कुछ समय से बदलने लगा है। वह पहले शांत रहता था, लेकिन अब छोटी-छोटी बातों पर एग्रेसिव हो जाता है तो इसकी वजह आप भी हो सकते हैं। जो माता-पिता अपने बच्चों पर दूसरों के सामने चिल्लाते हैं या गुस्सा करते हैं, उनके बच्चों के मन में अनजाने ही बहुत अधिक गुस्सा पैदा होने लगता है। बच्चे अमूमन पेरेंट्स को कुछ नहीं कह सकते, लेकिन उनका यह गुस्सा उनकी छोटी-छोटी बातों में नजर आता है। हो सकता है कि वे भी बेवजह चिल्लाना शुरू कर दें या फिर हर छोटी बात पर अजीब तरह से व्यवहार करना शुरू कर दें। इसलिए, जब भी अगर बच्चा कोई गलती करता है तो आप उस पर चिल्लाने की जगह प्यार से समझाएं और मिलकर समस्या का समाधान ढूंढे।
माता-पिता से अलगाव
यदि आप लगातार अपने बच्चों का अपमान इस उम्मीद में करते हैं कि वे खुद पर शर्मिंदा होकर सुधार कर लेंगे, तो आप वास्तव में गलत है। इसका नतीजा यह होगा कि बच्चे अपने माता-पिता से दूरी बनानी शुरू कर देंगे। वे जहां तक संभव हो अपने माता-पिता से अलग रहना पसंद करेंगे। यह एक स्वस्थ रिश्ते का संकेत नहीं है, इसलिए भूल से भी यह गलती करने की कोशिश ना करें।