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क्या आपका बच्चा भी है हाइपर एक्टिव? जानें ऐसे बच्चों के साथ डील करने के लिए जरूरी टिप्स: Hyper Active Kids

12:30 PM Apr 13, 2024 IST | Pratima Singh
क्या आपका बच्चा भी है हाइपर एक्टिव  जानें ऐसे बच्चों के साथ डील करने के लिए जरूरी टिप्स  hyper active kids
Parenting Tips for hyperactive child
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Hyper Active Kids: बच्चों के जन्म के बाद से ही माता-पिता उन्हें हर सुविधा उपलब्ध करने की कोशिश करते हैं। पेरेंट्स अपने बच्चों की परवरिश में कोई भी कमी नहीं छोड़ना चाहते लेकिन एक ही परिवार में अलग-अलग बच्चे का अलग स्वभाव और व्यवहार होता है। कुछ बच्चे जन्म से ही शांत स्वभाव के होते हैं और कुछ बच्चे बहुत हाइपर एक्टिव होते हैं। हाइपरएक्टिव बच्चों को संभालने में पेरेंट्स की हालत खराब हो जाती है। हाइपर एक्टिव बच्चे बहुत ही चंचल होते हैं। यह बहुत ज्यादा बोलते हैं और कभी-कभी तो दूसरों को बोलने का मौका भी नहीं देते हैं। हाइपरएक्टिव बच्चों की देखभाल करना आसान नहीं होता है। हाइपरएक्टिव बच्चों का यदि अच्छे से ध्यान दिया जाए तो यह बच्चे हर क्षेत्र में बहुत अच्छा भी कर सकते हैं क्योंकि यह बच्चे अन्य बच्चों से ज्यादा एक्टिव होते हैं।

इसे ADHD यानी की हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर (Attention-deficit/hyperactivity disorder) भी कहते हैं। इस डिसऑर्डर में बच्चों को ध्यान की कमी और अधिक सतर्कता की बीमारी होती है। हालांकि सही पैरेंटल केयर से इसे काबू में किया जा सकता है।

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Hyper Active Kids
How to deal hyperactive child

जैसा कि हमने बताया हाइपरएक्टिव बच्चों में अन्य बच्चों से अधिक एनर्जी होती है। यदि इनकी ऊर्जा को सही दिशा में प्रयोग किया जाए तो यह बच्चे उसे क्षेत्र में बहुत अच्छा परिणाम ला सकते हैं। ऐसे बच्चों को खेलकूद ,डांस क्लासेस और संगीत सिखने का प्रयास करना चाहिए, जिससे बच्चों के ध्यान के कमी की समस्या का समाधान होगा और अधिक ऊर्जा का इस्तेमाल वह सही स्थान पर कर पाएंगे।

Yoga for Children
Benefits of Yoga for Children

इसके अलावा प्रतिदिन मात्र 10 से 15 मिनट के मेडिटेशन से बच्चों की हाइपर एक्टिविटी को कंट्रोल में लाया जा सकता है। यह उनके संपूर्ण विकास में मददगार साबित होगा। अगर आपका बच्चा चंचल स्वभाव का है तो अपने बच्चे को दिन में दो बार 10 से 15 मिनट के लिए मेडिटेशन करवाएं। हो सके तो उसके साथ आप भी मेडिटेशन करने की आदत डालें।

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ADHD से पीड़ित बच्चे यदि बहुत फोन या टीवी का इस्तेमाल करते हैं तो उनकी हाइपर एक्टिविटी में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती हैं और बच्चे अधिक जिद्दी होने लगते हैं। क्योंकि आजकल सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी वीडियोज भी देखने को मिल जाती है, जिसमें बच्चे काफी जिद्द करते हैं और फिर माता-पिता से अपनी बातों को मनवा लेते हैं तो इसलिए बच्चों को जितना हो सके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट से दूर रखें ।

अधिक सक्रियता होने के कारण यह बच्चे खेल कूद, लड़ाई झगड़े में अपनी ऊर्जा बर्बाद कर देते हैं। हाइपरएक्टिव बच्चों की सेहत का ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है क्योंकि इनकी ऊर्जा अन्य बच्चों के मुकाबले ज्यादा जल्दी खत्म होती है।

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आपको यह जानकर हैरानी होगी की हाइपरएक्टिव बच्चे अन्य बच्चों से अधिक भावुक होते हैं। यदि कोई उनकी बातों को नहीं समझ पाता तो वह जिद्दी और चिड़चिड़े होने लगते हैं। इसलिए भले ही कितने भी क्यों न व्यस्त हों लेकिन दिन का थोड़े समय आपको अपने बच्चों की मानसिक और शारीरिक स्थिति को जानने के लिए अवश्य देना चाहिए। इन बच्चों को थोड़ा प्यार से हैंडल करना चाहिए।

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