क्या आपका बच्चा भी है हाइपर एक्टिव? जानें ऐसे बच्चों के साथ डील करने के लिए जरूरी टिप्स: Hyper Active Kids
Hyper Active Kids: बच्चों के जन्म के बाद से ही माता-पिता उन्हें हर सुविधा उपलब्ध करने की कोशिश करते हैं। पेरेंट्स अपने बच्चों की परवरिश में कोई भी कमी नहीं छोड़ना चाहते लेकिन एक ही परिवार में अलग-अलग बच्चे का अलग स्वभाव और व्यवहार होता है। कुछ बच्चे जन्म से ही शांत स्वभाव के होते हैं और कुछ बच्चे बहुत हाइपर एक्टिव होते हैं। हाइपरएक्टिव बच्चों को संभालने में पेरेंट्स की हालत खराब हो जाती है। हाइपर एक्टिव बच्चे बहुत ही चंचल होते हैं। यह बहुत ज्यादा बोलते हैं और कभी-कभी तो दूसरों को बोलने का मौका भी नहीं देते हैं। हाइपरएक्टिव बच्चों की देखभाल करना आसान नहीं होता है। हाइपरएक्टिव बच्चों का यदि अच्छे से ध्यान दिया जाए तो यह बच्चे हर क्षेत्र में बहुत अच्छा भी कर सकते हैं क्योंकि यह बच्चे अन्य बच्चों से ज्यादा एक्टिव होते हैं।
इसे ADHD यानी की हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर (Attention-deficit/hyperactivity disorder) भी कहते हैं। इस डिसऑर्डर में बच्चों को ध्यान की कमी और अधिक सतर्कता की बीमारी होती है। हालांकि सही पैरेंटल केयर से इसे काबू में किया जा सकता है।
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हाइपरएक्टिव बच्चों के लिए अपनाएं यह टिप्स
अधिक सक्रिय होने का करें सही इस्तेमाल
जैसा कि हमने बताया हाइपरएक्टिव बच्चों में अन्य बच्चों से अधिक एनर्जी होती है। यदि इनकी ऊर्जा को सही दिशा में प्रयोग किया जाए तो यह बच्चे उसे क्षेत्र में बहुत अच्छा परिणाम ला सकते हैं। ऐसे बच्चों को खेलकूद ,डांस क्लासेस और संगीत सिखने का प्रयास करना चाहिए, जिससे बच्चों के ध्यान के कमी की समस्या का समाधान होगा और अधिक ऊर्जा का इस्तेमाल वह सही स्थान पर कर पाएंगे।
मेडिटेशन करने की डालें आदत
इसके अलावा प्रतिदिन मात्र 10 से 15 मिनट के मेडिटेशन से बच्चों की हाइपर एक्टिविटी को कंट्रोल में लाया जा सकता है। यह उनके संपूर्ण विकास में मददगार साबित होगा। अगर आपका बच्चा चंचल स्वभाव का है तो अपने बच्चे को दिन में दो बार 10 से 15 मिनट के लिए मेडिटेशन करवाएं। हो सके तो उसके साथ आप भी मेडिटेशन करने की आदत डालें।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को रखें दूर
ADHD से पीड़ित बच्चे यदि बहुत फोन या टीवी का इस्तेमाल करते हैं तो उनकी हाइपर एक्टिविटी में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती हैं और बच्चे अधिक जिद्दी होने लगते हैं। क्योंकि आजकल सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी वीडियोज भी देखने को मिल जाती है, जिसमें बच्चे काफी जिद्द करते हैं और फिर माता-पिता से अपनी बातों को मनवा लेते हैं तो इसलिए बच्चों को जितना हो सके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट से दूर रखें ।
खानपान का रखें सही ख्याल
अधिक सक्रियता होने के कारण यह बच्चे खेल कूद, लड़ाई झगड़े में अपनी ऊर्जा बर्बाद कर देते हैं। हाइपरएक्टिव बच्चों की सेहत का ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है क्योंकि इनकी ऊर्जा अन्य बच्चों के मुकाबले ज्यादा जल्दी खत्म होती है।
बच्चों की मानसिक और शारीरिक अवस्था को जानें
आपको यह जानकर हैरानी होगी की हाइपरएक्टिव बच्चे अन्य बच्चों से अधिक भावुक होते हैं। यदि कोई उनकी बातों को नहीं समझ पाता तो वह जिद्दी और चिड़चिड़े होने लगते हैं। इसलिए भले ही कितने भी क्यों न व्यस्त हों लेकिन दिन का थोड़े समय आपको अपने बच्चों की मानसिक और शारीरिक स्थिति को जानने के लिए अवश्य देना चाहिए। इन बच्चों को थोड़ा प्यार से हैंडल करना चाहिए।