20+ जबलपुर में घूमने के लिए बेहतरीन स्थान और प्रमुख दर्शनीय स्थल
Jabalpur Me Ghumne ki Best Jagah: मध्य प्रदेश में स्थित जबलपुर शहर विभिन्न ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और धार्मिक इतिहास के कारण देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है। जबलपुर को संस्कारधानी के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ भेड़ाघाट के धुआंधार वाटरफॉल और दूसरे पर्यटन स्थलों को देखने देश-विदेश से सैलानी आते हैं। अगर आप भी जबलपुर जाने का मन बना रहे हैं, तो आज हम आपको इस शहर के ऐसे 20 पर्यटन स्थानों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें जबलपुर जाने पर आप ज़रूर घूमें।
जगहें | दूरी/किलोमीटर |
धुआंधार जलप्रपात Dhuandhar Waterfall) | 30 |
शिव मंदिर कचनार (Shiv Mandir kachnar) | 5.5 |
ग्वारीघाटी (Gwarighat) | 7.5 |
तिलवारा घाट (Tilwara Ghat) | 121.3 |
घूघरा जलप्रपात (Ghughra Waterfall ) | 16 |
मदन महल किला (Madan Mahal Fort) | 5.4 |
बरगी डेम (Bargi Dam) | 34 |
संग्राम सागर झील (Sangram Sagar Lake) | 9.3 |
हनुमंताल जैन मंदिर (Hanumaantaal Jain Temple) | 9 |
डुमना नेचर रिजर्व पार्क (Dumna Nature Reserve Park) | 10.7 |
त्रिपुर सुंदरी मंदिर (Tripur Sundari Temple) | 14 |
श्री विष्णु वराह मंदिर (Vishnu Varah Mandir) | 24 |
बैलेंसिंग रॉक (Balancing Rock ) | 16 |
भेड़ाघाट मार्बल रॉक (Bhedaghat Marble Rock) | 25 |
भवरताल गार्डन (Bhawartaal Garden) | 2 |
वर्ल्ड वाटर पार्क (World Water Park) | 48 |
कंकाली देवी मंदिर (Kankali Devi Mandir) | 19 |
रानी दुर्गावती संग्रहालय (Rani Durgawati Museum) | 3 |
पिसनहारी की मड़िया (Pisanhari ki Madia) | 8.8 |
चौसठ योगिनी मंदिर (Chousath Yogini Temple) | 20 |
धुआंधार जलप्रपात (Dhuandhar Waterfall)
मुख्य शहर से 30 किलोमीटर दूर स्थित जबलपुर का यह धुआंधार जलप्रपात पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है। मानसून के मौसम में यह और भी ज्यादा खूबसूरत हो जाता है। 98 फीट की ऊंचाई से आता हुआ जल बहुत ही मनोरम लगता हैं। इस धुआंदार जलप्रपात को देखने के लिए पर्यटक ज्यादातर मॉनसून के मौसम में आते हैं। आप यहाँं बोटिंग का आनंद उठा सकते हैं। इसके अतिरिक्त यहां केबल कार जैसी एडवेंचर एक्टिविटीज भी होती हैं। यहाँ संगमरमर के सामानों की भी ख़रीददारी भी कर सकते हैं।
प्रवेश शुल्क
प्रति व्यक्ति 50 रुपये शुल्क और अतिरिक्त 50 रुपये प्रति लाइफ जैकेट के लिए देने होते हैं। अंदर ऐक्टिविटीज़ के लिये अलग-अलग शुल्क देना होता है। धुआंधार झरने की यात्रा दिन के समय सुबह 6 बजे से रात के 8 बजे के बीच जा सकते हैं।
शिव मंदिर कचनार (Shiv Mandir kachnar)
जबलपुर के बीचो-बीच स्थित भगवान शिव को समर्पित मंदिर एक दार्शनिक स्थान है। भगवान शिव की 76 फीट ऊंची विशालकाय प्रतिमा को देखने यहाँ दूर-दूर से लोग आते हैं। मंदिर के गर्भ ग्रह में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग की स्थापना की गई है।
प्रवेश शुल्क
यहाँ प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं देना है। आप यहां सुबह 7 बजे से रात 8:30 बजे तक आ सकते हैं।
ग्वारीघाटी (Gwarighat)
अगर आप जबलपुर में शाम को कहीं घूमने जाना चाहते हैं तो ग्वारीघाट जाना सही रहेगा। ग्वारीघाट जबलपुर का बहुत ही लोकप्रिय दार्शनिक स्थल हैै। यहां पर एक मंदिर भी है जो पानी में आधा डूबा हुआ है। यहां आप नर्मदा नदी में नौका विहार का भी लुफ्त उठा सकते हैं। यहां के नावों को बहुत ही सुंदर सजावट दीया गया होता है।
प्रवेश शुल्क
यहाँ प्रवेश शुल्क 10 रुपए है। यहाँ आप किसी भी समय जा सकते हैं। अगर आरती में शामिल होना चाहते हैं तो आप 7 से 7.30 तक जा सकते हैं।
तिलवारा घाट (Tilwara Ghat)
तिलवारा घाट जबलपुर में देखने लायक प्रमुख स्थानों में से एक है। यह घाट नर्मदा नदी के तट पर स्थित जबलपुर का महत्वपूर्ण घाट है। तिलवारा घाट भारतीय इतिहास में ख़ास महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह वह स्थान है जहाँ महात्मा गांधी की अस्थियाँ नर्मदा नदी में विसर्जित की गई थीं। यह 1939 में त्रिपुरी कांग्रेस के उद्घाटन सत्र का स्थल भी था। यहां मकर संक्रांति के मौके पर खूब भीड़ जमा होती है।
प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश निःशुल्क है।
घूघरा जलप्रपात (Ghughra Waterfall )
यदि आप भीड़-भाड़ से दूर प्रकृति के साथ हरे-भरे वातावरण में कुछ समय सुकून का बिताना चाहते हैं तो आप घूघरा जलप्रपात चले जाइए। यहां नर्मदा नदी की बहती हुई तेज जलधारा से बहुत ही मनोरम दृश्य लगता है।बारिश में नर्मदा का पानी घूघरा फॉल के पास दूर-दूर तक फैल जाता है।
प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश के लिए शुल्क 20 रुपए है।
मदन महल किला (Madan Mahal Fort)
अगर आपकी इतिहास को जानने में रुचि हैै, तो आप मदन महल क़िला देखने ज़रूर जाइए। चट्टानी पहाड़ के ऊपर स्थित इस क़िले का निर्माण 1116 में राजा मदन शाह द्वारा किया गया था। इस किले में आपको उस काल के युद्ध कक्ष, गुप्त मार्ग, अस्तबल और एक छोटा जलाशय भी देखने को मिलेगा, जो उस समय की स्थापत्य सुंदरता का एक जीवंत उदाहरण है।
प्रवेश शुल्क
यहाँ प्रवेश निःशुल्क है। सप्ताह के सातों दिन यह क़िला पर्यटकों के लिए खुला रहता है।
बरगी डेम (Bargi Dam)
नर्मदा नदी पर बना हुआ बरगी डैम 30 डेमो में से जबलपुर का प्रमुख डैम है।यहाँ पर्यटकों की भारी भीड़ रहती है। खुली हवा में शांति से आप यहाँ कुछ समय बिता सकते हैं।
प्रवेश शुल्क
पर्यटकों के लिए बांध के अंदर प्रवेश निःशुल्क है। लेकिन, यदि आप क्रूज की सवारी करना चाहते हैं, तो आपको 90 रुपये का भुगतान करना होगा। बांध सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है।
संग्राम सागर झील (Sangram Sagar Lake)
बाजनामठ किले के पास में स्थित संग्राम सागर झील जबलपुर का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यहां आप मछली पकड़ने का लुफ्त उठा सकते हैं। इसके आसपास की खुली हवा के बीच बैठ कर कुछ शांति के पल बिता सकते हैं।
प्रवेश शुल्क
यहाँ प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं देना होता है। संग्राम सागर झील आप सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे के दौरान कभी भी जा सकते हैं।
हनुमंताल जैन मंदिर (Hanumaantaal Jain Temple)
हनुमंताल जैन मंदिर भगवान आदिनाथ को समर्पित है। जैन अनुयायियों के अनुसार यह मूर्ति स्वयंभू है। मंदिर के किनारे खूबसूरत झील है। चारों तरफ पेड़ पौधों की हरियाली से घिरा सफेद रंग का यह मंदिर बहुत ही आकर्षक लगता है। मंदिर के परिसर में लगभग और भी 22 मंदिर स्थित है। इसमने एक गर्भगृह भी शामिल है जिसमें पूज्य जैन देवी पद्मावती का मंदिर है।
प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश निःशुल्क है। दर्शन के लिए यह मंदिर सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है।
डुमना नेचर रिजर्व पार्क (Dumna Nature Reserve)
यदि आप प्रकृति प्रेमी है तो आप यह जगह देखना बिलकुल ना भूलें। जबलपुर की सीमा से बाहर स्थित डुमना नेचर रिजर्व पार्क लगभग 1058 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहां पर बोटिंग की भी सुविधा है। यहां पर एक छोटा सा चिल्ड्रन पार्क भी है, जहां पर ट्रेन की सवारी की सुविधा है।
प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश के लिए वयस्कों को 10 रुपये और बच्चों को 5 रुपए देना होता है।यह पार्क सप्ताह के सातों दिन खुला रहता है। आप प्रातः 10:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक कभी भी जा सकते हैं।
त्रिपुर सुंदरी मंदिर (Tripur Sundari Temple)
मुख्य शहर से मात्रा 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मां राजेश्वरी को समर्पित त्रिपुर सुंदरी मंदिर यहाँ का प्रमुख धार्मिक स्थल है। मंदिर में खुदाई के दौरान प्राप्त कुछ पुरानी मूर्तियां भी रखी गई हैं। इस मंदिर में लोग अपनी मनोकामना को लेकर आते हैं और मनौती वाले नारियल को लाल चुन्नी में बांधकर जाते हैं, जिसके कारण इस मंदिर के परिसर में बहुत सारे लाल कपड़े में बंधे नारियल लटकते हुए दिखाई देते हैं। नवरात्र और दशहरे के अवसर पर यहां भारी भीड़ उमड़ती है।
प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं देना होता है। सुबह 6:00 बजे से रात 8:00 बजे तक आप कभी भी इस मंदिर में दर्शन के लिए जा सकते हैं।
श्री विष्णु वराह मंदिर (Vishnu Varah Mandir)
जबलपुर जिले के मझौली नामक गांव में श्री विष्णु वराह मंदिर स्थित है। यहां पर भगवान श्री कृष्ण के वराह रूप को दिखाया गया है।इस मंदिर में वराह अवतार की मूर्ति के पीछे एक हाथी को भी प्रदर्शित किया गया है, जो भगवान विष्णु का वराह रूप को प्रदर्शित करता है। अपनी जबलपुर यात्रा के दौरान आप यहाँ ज़रूर जाएँ।
प्रवेश शुल्क
यहाँ प्रवेश निःशुल्क है। आप किसी भी दिन इस मंदिर में सुबह 6 बजे रात के 9:30 बजे तक कभी भी दर्शन के लिए जा सकते हैं।
बैलेंसिंग रॉक (Balancing Rock )
बैलेंसिंग रॉक पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है, क्योंकि यहां पर उपरी चट्टान एक निचली चट्टान के ऊपर बहुत बढ़िया बैलेंस बनायी है।ऐसा मानना है कि कोई भी प्राकृतिक आपदा में इस पत्थर का संतुलन नहीं बिगड़ता। इस आश्चर्यचकित चट्टान को देखने के लिए जबलपुर आने वाला हर पर्यटक यहाँ जरूर जाता है।
प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश शुल्क 100 रुपये प्रति पर्यटक है। बैलेंसिंग रॉक को देखने के लिए आप सुबह 6 बजे से रात 8 बजे के बीच कभी भी जा सकते हैं ।
भेड़ाघाट मार्बल रॉक (Bhedaghat Marble Rock)
भेड़ाघाट जबलपुर का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। यहां संगमरमर की चट्टानें 100 फीट ऊंची है और 25 किलोमीटर में फैली हुई है। यहां के संगमरमर के पत्थरों पर पड़ने वाली सूर्य की किरणें काफी खूबसूरत दृश्य उत्पन्न करती है।यहां आप बोटिंग का भी आनंद ले सकते हैं।
प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं है।यहां सुबह 6 बजे से रात 8:30 बजे तक जाया जा सकता है.
भवरताल गार्डन (Bhawartaal Garden)
भवरताल गार्डन बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी खूब पसंद आता है। गार्डन में बच्चों के लिए झूला, स्लाइडिंग, स्केटिंग की जगह भी है।यहाँ एक व्यूप्वाइंट है जहां से आप पूरे गार्डन को एक बार में देख सकते हैं।
प्रवेश शुल्क
भवारताल गार्डन में जाने वाले पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क 20 रुपये है। गार्डन सुबह 10 बजे खुलता है और शाम को 6 बजे बंद होाता है।
वर्ल्डवाटर पार्क (World Water Park)
अगर आप कुछ एडवेंचर ऐक्टिविटीज़ करने के इच्छुक हैं तो वर्ल्ड वाटर पार्क आपके लिए सबसे बेस्ट जगह है। यहां पर बच्चों के मनोरंजन के लिए बहुत सारी चीजें उपलब्ध है।
प्रवेश शुल्क
यहां पर प्रवेश के लिए प्रति व्यक्ति 100 रुपए है। सुबह से शाम के 5:00 बजे तक इस पार्क में प्रवेश रहता है।
कंकाली देवी मंदिर (Kankali Devi Mandir)
1000 साल पुराना कंकाली देवी मंदिर जबलपुर के पास तगावा नामक गांव में स्थित है। इसीलिए इसे तगावा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर में कंकाली देवी के अलावा भगवान पार्श्वनाथ, भगवान विष्णु, भगवान नरसिंह और चामुंडा देवी की प्रतिमा हैं ।
प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश के लिए आपको कोई भी शुल्क नहीं देना होता है।
रानी दुर्गावती संग्रहालय (Rani Durgawati Museum)
रानी दुर्गावती संग्रहालय को देखने के लिये बड़ी संख्या में लोग आते हैं। यहां पर आदिवासी संस्कृति और उनकी कलाकृतियों की झलक देखने को मिलती है। इस संग्रहालय में 64 योगिनी मंदिर की भी मूर्तियां रखी गई है। यंहा पर महात्मा गांधी की भी कुछ विभिन्न तस्वीरें संग्रहित करके रखी गई है।
प्रवेश शुल्क
यहाँ प्रवेश के लिए आपको कोई शुल्क नहीं देना होता है। इस संग्रहालय को आप सुमंगलवार से रविवार तक सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक कभी भी देख सकते हैं। सोमवार और सरकारी छुट्टियों के दिन यह बंद रहता है।
पिसनहारी की मड़िया (Pisanhari ki Madia)
पिसनहारी की मड़िया एक जैन तीर्थस्थल है जो पहाड़ी क्षेत्र में हरियाली के बीच स्थित है। यह मंदिर जैन धर्म के दिगंबर संप्रदाय द्वारा पूजनीय है और कम से कम 500 वर्ष पुराना माना जाता है। इस मंदिर तक 150 सीढ़ियां चढ़कर पहुंचा जा सकता है और यहां तीर्थयात्रियों के लिए आवास की सुविधा भी है।
प्रवेश शुल्क
पिसनहारी की मड़िया में प्रवेश निःशुल्क है। यह रविवार को छोड़कर सभी दिन सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है।
चौसठ योगिनी मंदिर (Chousath Yogini Mandir)
चौसठ योगिनी मंदिर जबलपुर में प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। भेड़ाघाट के निकट स्थित यह मंदिर सभवतः भारत का इकलौता मंदिर है, जहाँ भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की प्रतिमा स्थापित है। करीब ढाई सौ मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर में देवी दुर्गा की 64 अनुषंगिकों (योगनियों) की प्रतिमा है। कहा जाता है कि इस मंदिर के लिए नर्मदा ने भी अपनी दिशा बदल दी थी।
प्रवेश शुल्क
यहाँ प्रवेश निःशुल्क है। आप इस मंदिर के दर्शन के लिए सुबह 7 बजे से रात के 8 बजे तक कभी भी जा सकते हैं।
जबलपुर घूमने का सही समय – Best time to visit Jabalpur
जबलपुर में गर्मी ज्यादा पड़ती है, इसलिए कोशिश करें कि यहां आप अप्रैल से जून के बीच नहीं जायें। इसके अलावा आप किसी भी समय जबलपुर जा सकते हैं। मानसून का समय जबलपुर जाने के लिए बेस्ट है क्योंकि इस समय यहां के वाटर फ़ॉल्स की ख़ूबसूरती बहुत बढ़ जाती है। हालाँकि, ज्यादा बारिश में यहाँ जाना ठीक नहीं है।
जबलपुर कैसे पहुँचे? - How to reach Jabalpur
हवाई जहाज से– अगर आप हवाई यात्रा करना चाहते हैं तो जबलपुर एयरपोर्ट शहर से मात्र 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जबलपुर के लिए आपको देश के बहुत सारे बड़े शहरों से डायरेक्ट फ्लाइट मिल जाएगी।
ट्रेन से - जबलपुर जंक्शन का रेलवे ट्रैक देश के विभिन्न दिशाओं में फैला हुआ है, जिसकी वजह से जबलपुर जंक्शन जाने के लिए बहुत सारे शहरों से ट्रेन की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
सड़क मार्ग से– आप यहां कहीं से भी सड़क मार्ग द्वारा पहुंच सकते हैं। कई शहरों से जबलपुर के लिए सरकारी और प्राइवेट बसें उपलब्ध हैं। इसके अलावा आप ख़ुद के वाहन से भी आराम से जा सकते हैं।
जबलपुर में ठहरने के लिए टॉप होटल- Top Hotels in Jabalpur
होटल नर्मदा जैक्सन
गोविंद भवन कॉलोनी, साउथ सिविल लाईनस
शॉन एलीज़ी
ओल्ड तिलवारा रोड, ज्ञांगनगा कॉलेज के पास
होटल विजान महल
मण्डला-जबलपुर रोड, तिहारी
FAQ | क्या आप जानते हैं
जबलपुर घूमने में कितने दिन लगते हैं?
आप जबलपुर 2 से 3 दिन में आराम से घूम सकते हैंI
अगर आप साधारण होटल में रहकर जबलपुर की ख़ास-ख़ास जगह घूमते हैं तो आप 10 से 12 हज़ार में घूम सकते हैं। अगर आप पूरा जबलपुर घूमते हैं और अच्छे होटल में रुकते हैं तो आपको 20-22 हज़ार तक खर्च करने पढ़ सकते हैं।
जबलपुर में रुकने के लिए बहुत से विकल्प हैं। सरकारी रेस्ट हाउस के साथ मध्य प्रदेश टूरिज्म का होटल है। इसके अलावा यहांं कुछ लक्जरी होटल व बजट होटल उपलब्ध हैं।
रात में जबलपुर में आप नर्मदा के घाट शांति से समय बिता सकते हैं। यहाँ ग्वारीघाट, तिलवारा घाट के किनारे घूम सकते हैं।
हम रात में जबलपुर में क्या कर सकते हैं?
जबलपुर में नर्मदा के किनारे घूम सकते हैं। कई मंदिरों में आप रात की आरती में भी शामिल हो सकते हैं।