For the best experience, open
https://m.grehlakshmi.com
on your mobile browser.

जयपुर जहां बसती है मेरी रुह-गृहलक्ष्मी की लघु कहानी

01:00 PM Jan 20, 2024 IST | Sapna Jha
जयपुर जहां बसती है मेरी रुह गृहलक्ष्मी की लघु कहानी
Jaipur Jaha Basati Hai Meri Rooh
Advertisement

Short Story in Hindi: जिस तरह से हम पैदा होने के वक्त अपने मां-बाप को नहीं चुनते उसी तरह हम किस शहर में पैदा होंगे यह भी हम नहीं चुनते। लेकिन देखिए न कितना अजीब इत्तेफाक है हमारे मां-बाप की परवरिश का असर तो हमारी पर्सनेलिटी पर होता ही लेकिन हमारे शहर के रंग भी हमारी पर्सनेलिटी का हिस्सा बन जाते हैं। मैं अपनी बात करुं तो मैं हैरिटेज सिटी जयपुर से हूं। जयपुर जिसका नाम आते ही आपके दिमाग में लाख के झुमके, बंधेज और लहरिया की साड़ियां, हवा महल और आमेर आ जाते होंगे। लेकिन आपको एक बात बताऊं इन लाख के झुमकों और अपनी चटकीली रंग-बिरंगी साड़ियों के इतर भी मेरा जयपुर अपनी एक अलग पहचान रखता है।
यह सच है कि हमारे शहर में आज भी मेले लगते हैं। तीज पर महिलाएं सजती-संवरती हैं लेकिन यह वो शहर नहीं है जो बस विरासत को समेटे बैठा है। यह तो वो शहर है जो अपनी जड़ों को मजबूती से थामें बहुत आगे बढ़ता जा रहा है। हमारा शहर दूसरे शहरों की तरह बहुत नहीं है। हमारे राजा ने इस शहर को बहुत ही सुनियोजित तरीके से बनवाया था। अगर आप जयपुर के पुराने बाजारों की तुलना मॉल से करेंगे तो पाएंगे कि सबसे पुराने मॉल तो जयपुर के बाजार ही है। एक ओर कपड़़ों और घर की चीजों के लिए बापू बाजार है तो दूसरी ओर जेवरों के लिए जौहरी बाजार और किताबों के लिए चौड़ा रास्ता है तो वहीं बर्तन और क्रॉकरी आप त्रिपोलिया बाजार में देख सकते हैं। यहां आपको फूड कोर्ट भी मिलेगा। जौहरी बाजार में एलएमबी है जहां आप राजस्थानी कुजींस के साथ नई वैराइटी के खाने का भी आनंद ले सकते हैं।
अगर आपको इस शहर का विकास देखना है तो जेएलएन रोड आपको जरुर जाना चाहिए। आप मानसरोवर के भी दर्शन यहां करें। यह एशिया की सबसे बड़ी कॉलोनी है। वहीं डब्लूटीपी मॉल में जब आप एंटर करेंगे तो आपको लगेगा कि आप जयपुर में नहीं शायद दुबई में हैं। यहां बहुत से इंटरनेशनल ब्रांड के आउटलेट हैं। लेकिन आपको एक बात बताउं मेरे शहर की बहुत अच्छी बात है यहां की गंगा-जमुनी तहजीब। यहां पर लोग खाने को मेले को किसी धर्म से नहीं जोड़ते। साल 2008 में जब जयपुर में पहली बार सीरियल बम ब्लास्ट हुआ था उस समय अस्पतालों में ब्लड देने वालों की भीड़ जुट गई थी।
दुआ है कि आने वाले समय में भी मेरा रंग-रंगीला शहर अपने पुराने रंगों के साथ नए मॉडर्न रंग को अपने अंदर ऐसे ही समाता जाए जैसा वो अब तब करता आया है।

Also read: एक दूजे के लिए-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Advertisement
Advertisement
Tags :
Advertisement