For the best experience, open
https://m.grehlakshmi.com
on your mobile browser.

कन्या पूजन -गृहलक्ष्मी की लघु कहानी

06:30 PM Mar 21, 2023 IST | Sapna Jha
कन्या पूजन  गृहलक्ष्मी की लघु कहानी
Advertisement

Kanya Puja Story: शांता भाभी ओ शांति भाभी कैसी हो,जरा अपनी पोती खुशी को हमारे घर कन्या पूजन के लिए तो भेज देना, यहां आसपास कन्या कोई दिखती ही नही,बस एक तुम्हारी पोती ही नजर आवे है।

और बताओ शांता भाभी तुम्हारी बहू रूपा कैसी है,कौन सा महीना चल रहा है उसे? क्या लागे है कि इस बार उसके छोरा होगा कि छोरी? मैं तो बोलूं हूं भाभी, इस बार बच्चे की जांच करवा ही ली जों…… क्या ही करोगी दो-दो छोरियों का, घर में एक लक्ष्मी ही बहुत होवे हैं, और वंश चलाने की खातिर तो छोरा ही चाहिए ना…पड़ोस में रहने वाली अशर्फी देवी ने ये बात जब शांता जी को बोली तो उन्होंने कहा…

यूं बता अशर्फी छोरी क्या आसमान से यूं ही टपक जावें है जो वो छोरों से कम समझी जावें है, और मैं तो यूं बोलूं हूं तुझे कि कौन सा जुल्म हो जावेगा जो एक और छोरी घर में आ जावेगी। लक्ष्मी के साथ सरस्वती भी तो शुभ शगुन होवे हैं,पर जे बात तू ना समझेगी अशर्फी ,जो समझ गई होती तो आज तेरा घर भी दो दो पोतियों (लक्ष्मी सरस्वती) की हंसी से घर गुलजार होता , तेरी बहू की गोद यूं सूनी ना होती और सुन सबसे बड़ी बात जो तू कन्या पूजन के वास्ते कन्या ढूंढ़ रही है ना गांव भर में.. वो तेरे खुद के घर में ही होती।

Advertisement

ये सुनकर अशर्फी अपना सा मुंह लेकर वहां से चली गई और शांता जी की बहू रुपा जो उन दोनों का वार्तालाप बहुत देर से सुन रही थी बहुत खुश और निश्चित थी अपनी आने वाली औलाद की सुरक्षा को लेकर। आज वो बहुत फक्र महसूस कर रही थी अपनी साधारण सी घरेलू सास शांता जी की सोच पर क्योंकि अच्छी सोच के लिए शिक्षित होना जरूरी नहीं बस अच्छे बुरे की समझ होनी चाहिए।

Advertisement
Advertisement
Tags :
Advertisement