महाराष्ट्र राज्य में स्थित कृष्ण भगवान के विभिन्न मंदिर: Krishna Temple
Krishna Temple: श्री कृष्ण को हिंदू धर्म में भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है I सनातन धर्म के अनुसार भगवान विष्णु सबसे पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देवता हैं श्री कृष्ण साधारण व्यक्ति ना होकर युगपुरुष थे l वे निष्कामी, कर्म योगी,आदर्श ,दार्शनिक, स्थित प्रज्ञ एवं देवी संपदाओं से सुसज्जित महान पुरुष थे जो अपने महान गीता ज्ञान से मानव जाति के पथ प्रदर्शक बने l ब्रज में भगवान श्रीकृष्ण को लोग कई नामों से पुकारते हैं – कान्हा, गोपाल ,गिरधर ,माधव, केशव, मधुसूदन, गिरधारी, रणछोड़, बंशीधर ,नंदलाल, मुरलीधर आदि कई नामों से जाने जाते हैं l
आइए जानते हैं महाराष्ट्र राज्य के कृष्ण मंदिरों के बारे में
विट्ठल रुक्मिणी मंदिर ,पंढ़रपुर
महाराष्ट्र का शहर पंढरपुर (जो कि पंढारी के नाम से भी जाना जाता है) में विट्ठलस्वामी यानी भगवान कृष्ण का प्रसिद्ध और ऐतिहासिक मंदिर है l विट्ठल का मतलब है नटवर नागर कान्हा l महाराष्ट्र के लोग इस शहर को भू बैकुंठ मानते हैं l पंढरपुर सोलपुर के पास भीमा नदी के तट पर बसा शहर है l भीमा नदी को चंद्रभागा नदी के नाम से भी जाना जाता है l विट्ठल स्वामी को स्थानीय लोग प्यार से विठोबा और रुक्मणी को रखुमाई भी कहते हैं l
मंदिर में पूरे साल बहुत भीड़ रहती है I इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां कृष्ण राधा के साथ नहीं बल्कि अपनी पत्नी रुक्मणी के साथ पूजे जाते हैं l काले पत्थर से बनी ये मूर्तियां काफी सुंदर हैँ l
इस विशाल मंदिर परिसर का निर्माण 12वीं शताब्दी में देवगिरी के यादव शासकों द्वारा कराया गया था l मंदिर के चारों तरफ चार द्वार बने हुए हैं l
इस मंदिर में बड़वा परिवार के ब्राह्मण पुजारी पूजा विधान करते हैं I सुबह लगभग 3:00 बजे भगवान को जागृत करने के लिए आरती की जाती है जिसे काकड़ आरती कहा जाता है l इसके बाद पंचामृत पूजा की जाती है l रात की पूजा 10:00 बजे होती है जिसके बाद भगवान सोने के लिए चले जाते हैं इस मंदिर परिसर में साधक संगीत और सितार लिए भगवान की आराधना में लीन रहते हैं l
हिंदू महीने ज्येष्ठ और आषाढ़ के समय विठोबा के सम्मान में विट्ठल स्वामी मंदिर से एक वार्षिक यात्रा भी निकाली जाती है l इस यात्रा को पंढरपुर वारी और यात्रा में शामिल होने वालों को वारकरी नाम से संबोधित किया जाता है l इस यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालु पंढरपुर पहुंचते हैं l
इस्कॉन टेंपल ,मुंबई
मुंबई के जुहू में स्थित शानदार इस्कॉन टेंपल का निर्माण 1970 के दशक में इस्कॉन के संस्थापक स्वामी प्रभुपाद के मार्गदर्शन में किया गया था I इस मंदिर के निर्माण का उद्देश्य भगवान कृष्ण की चेतना का प्रसार करना था lइस भव्य मंदिर को राधा रास बिहारी जी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है I
1970 के दशक की शुरुआत में इस मंदिर का निर्माण 4 एकड़ भूमि जिसे अब हरे कृष्ण भूमि भी कहा जाता है पर किया गया था l 14 जनवरी 1978 को इस्कॉन जुहू को जनता के लिए खोल दिया गया था और तब से यह भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण पूजा स्थल बन गया है l
मंदिर में शुरुआत सुबह 4:30 बजे मंगला आरती से होती है उसके बाद 5:15 बजे तुलसी पूजा की जाती है l उसके बाद करीब 7:15 बजे भक्तों को भगवान श्रृंगार दर्शन देते हैं l 7:30 बजे गुरु पूजा के बाद 8:00 बजे भगवतम प्रवचन होते हैं जो भक्त बड़ी श्रद्धा के साथ सुनते हैं l फिर दोपहर 12:30 बजे राजभोग आरती उसके बाद उस्थापना आरती फिर संध्या आरती की जाती है l शाम को 7:30 बजे भगवत गीता के प्रवचन दिए जाते हैं और 8:30 बजे शयन आरती के बाद भगवान सो जाते हैं I
इस्कॉन टेम्पल ,पुणे
भारत के पुणे मैं स्थिति मंदिर हिंदू भगवान राधा कृष्ण को समर्पित है और 2013 में खोला गया था यह पुणे शहर का सबसे बड़ा मंदिर है l मंदिर परिसर 6 एकड़ में बना है और इसके निर्माण में 7 साल और 40 करोड़ रुपये लगे lमंदिर का उद्घाटन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 2013 में किया था l
सभी इस्कॉन मंदिरों में हरे कृष्ण हरे रामा का माला के द्वारा जाप किया जाता है पहले मनके को अपने अंगूठे और मध्यमा उंगली से पकड़ते हैं और पूरा महामंत्र हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे का जाप करते हैं फिर अगले मनके पर जाते हैं इसे उसी दो उंगलियों से पकड़ कर फिर से पूरे मंत्र का जाप करते हैं l
इनका मानना है कि जन्म और मृत्यु के इस अंतहीन चक्र को तभी प्राप्त किया जा सकता है जब हम भौतिकवादी चीजों की अपनी इच्छा से पूरी तरह मुक्त हो जाएं l जाप द्वारा यह सर्वशक्तिमान से जुड़ने का प्रयत्न करते हैं तथा व्यक्ति का अपने मन पर नियंत्रण होता है और मन को शांति मिलती है l आज भागदौड़ भरी जिंदगी में व्यक्ति मन की शांति खो चुका है l
श्री श्री राधा मदन गोपाल टेंपल इस्कॉन, नासिक
कृष्ण भावनामृत आंदोलन का इतिहास तब शुरू हुआ जब भगवान् चैतन्य 500 साल पहले नासिक और त्र्यंबकेश्वर आए थे, जब वे दक्षिण भारत से लौट रहे थे lलेकिन इस्कॉन के बीज 1971 में संस्थापक आचार्य एच डी जी एसी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद द्वारा व्यक्तिगत रूप से लगाए गए थे |उन्होंने और उनके अमेरिकी शिक्षकों ने नासिक के आसपास के पवित्र स्थानो की परिक्रमा की l प्रभुपाद ने हजारों नागरिकों को उपदेश दिया और उनके अमेरिकी शिष्यों ने पुस्तकें वितरित की और नगर संकीर्तन किया l एच जी परमहंस दास द्वारा प्रभुपाद शताब्दी वर्ष के अवसर पर इस्कॉन की गतिविधियों की शुरुआत हुई l उन्होंने स्वयं नासिक में प्रचार किया और 1997 में उन्होंने एक छोटा केंद्र स्थापित किया l जल्द ही 2005 में मंडली के भक्तों की मदद से एक छोटे और सुंदर मंदिर का निर्माण किया गया l
श्री कृष्ण मंदिर, नेरुल ,नई मुंबई
श्री कृष्ण मंदिर नयी मुंबई के नेरुल में स्थित है l यह एक सुव्यवस्थित मंदिर है और अक्सर मुंबई शहर से महानुभाव पंथ के विश्वासियों और अनुयायियों द्वारा दौरा किया जाता है l इस मंदिर में श्री कृष्ण की एक सुंदर मूर्ति है और पूजा के लिए अन्य विशेष वस्तुएं भी उपलब्ध है l
श्री श्री राधा गोपीनाथ मंदिर,मुंबई
श्री श्री राधा गोपीनाथ मंदिर एक अनाथालय के रूप में स्थापित किया गया था और बाद में इस्कॉन फाउंडेशन द्वारा खरीदा गया था l मंदिर मोर, गायों और बंदर सहित कई जानवरों का घर है l आप मंदिर की दीवारों पर खूबसूरती से चित्रित राधा और कृष्ण की गाथा देख सकते हैं l
मुक्तिधाम मंदिर ,नासिक
मुक्तिधाम परिसर में भगवान कृष्ण को समर्पित एक मंदिर है I
कृष्ण मंदिर की दीवारों पर कृष्ण और महाभारत के जीवन के दृश्यों को चित्रित करने वाली पेंटिंग हैं I इन्हें प्रसिद्ध चित्रकार रघुबीर मूलगांवकर ने चित्रित किया था l इस मंदिर की अनूठी दीवारों पर भगवत गीता के 18 अध्याय लिखे हैं l
श्री कृष्ण मंदिर ,पुणे
यह भी पढ़ें: अगर पूर्व मुखी घर बना रहे हैं, तो कैसा हो घर का वास्तु: Vastu For East Facing House
गुरुवायुर में मूल कृष्ण मंदिर के समान वास्तुशिल्प ,डिजाइन और लेआउट के साथ निर्मित निगिडी में पुणे के श्री कृष्ण मंदिर में हर दिन सैकड़ों भक्त आते हैं | शांत वातावरण ,चारों ओर लंबे दिए ,हवा में चंदन की सुगंध मंदिर की खूबसूरती को चार चाँद लगाती है | इस मंदिर में पहुंच कर आपको ऐसा लगेगा जैसे आप केरल पहुंच गए हैं | प्रसाद में केरल के सौ प्रतिशत व्यंजन जैसे अप्पम ,पायसम ,लड्डू यदि दिए जाते हैं |