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कुम्भ राशिफल – Kumbh Rashifal 2023 – 24 March To 31 March

12:01 AM Mar 21, 2023 IST | grehlakshmi hindi
कुम्भ राशिफल – kumbh rashifal 2023 – 24 march to 31 march
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गू, गे धनिष्ठा‒2

गो, सा, सी, सू शतभिषा‒4

से, सो, द पूर्वाभाद्रपद‒3

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24 मार्च से 31 मार्च तक

24 व 25 को कहीं से रुका हुआ रुपया प्राप्त होगा। विवाह योग्य जातकों के रिश्ते की बात आगे बढ़ेगी। समाज में आपका वर्चस्व दबदबा व रुतबा बढ़ेगा। आर्थिक उपलब्धियां भी हासिल होंगी। धन का संचय भी होगा। 26 व 27 को आप बिना बात ही किसी से उलझ पड़ेंगे। आपकी रचनात्मक क्षमता में अवरोध आएगा। किसी मित्र या रिश्तेदार, परिचित से सम्बन्धित कोई अप्रिय या अशुभ समाचार आपको मिल सकता है। 28 से 30 मार्च के मध्य धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। आप पहले से अधिक सजग, गम्भीर व संजीदा होकर काम करेंगे। 31 को कहीं से कोई शुभ समाचार मिलेगा, आर्थिक गतिविधियों में व्यस्त रहेंगे।

ग्रह स्थिति

मासारम्भ में सूर्य+बुध+शनि कुंभ राशि का लग्न में बृहस्पति+शुक्र मीन राशि का द्वितीय भाव में, राहु मेष राशि का तृतीय भाव में, मंगल वृषभ राशि का चतुर्थ भाव में, चंद्रमा मिथुन राशि का पंचम भाव में, केतु तुला राशि का नवम भाव में चलायमान रहेंगे।

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कुम्भ राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें

2023शुभ तारीख़ेंसावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें
जनवरी1, 19, 20, 24, 25, 27, 28, 293, 4, 13, 14, 22, 30, 31
फरवरी16, 17, 20, 21, 24, 251, 9, 10, 11, 18, 19, 27, 28
मार्च15, 16, 20, 21, 23, 248, 9, 10, 18, 26, 27
अप्रैल11, 12, 16, 17, 20, 214, 5, 6, 14, 22, 23, 24
मई8, 9, 10, 13, 14, 17, 182, 3, 4, 11, 12, 20, 21, 29, 30, 31
जून5, 6, 9, 10, 11, 13, 147, 8, 16, 17, 25, 26, 27
जुलाई2, 3, 7, 8, 11, 12, 30, 315, 13, 14, 15, 23, 24, 25
अगस्त3, 4, 7, 8, 26, 27, 311, 2, 9, 10, 11, 19, 20, 21, 29
सितम्बर1, 3, 4, 22, 23, 27, 286, 7, 15, 16, 17, 25
अक्टूबर1, 2, 19, 20, 21, 24, 25, 28, 293, 4, 12, 13, 14, 22, 23, 31
नवम्बर16, 17, 21, 22, 24, 251, 9, 10, 11, 18, 19, 26, 27, 28
दिसम्बर13, 14, 18, 19, 22, 236, 7, 8, 16, 24, 25, 26

कुम्भ राशि का वार्षिक भविष्यफल

Kumbh Rashifal 2023
कुम्भ राशि

कुंभ राशि के जातकों के लिए यह साल बहुत ही उपलब्धियों से परिपूर्ण हो सकता है, लेकिन उपलब्धियों के साथ चुनौतियों के लिए भी आपको तैयार रहना के लिए चाहिए। शनि की साढेसाती आपकी राशि पर इस साल चल रही है। अतः स्वास्थ्य में कुछ परेशानियां व उतार-चढ़ाव रहेंगे, हालांकि शनि आपकी राशि के ही अधिपति हैं, अतः कुंभ राशि पर कोई ज्यादा दुष्प्रभाव शनि की साढ़ेसाती का नहीं रहता है। फिर भी आपको खान-पान योग, व्यायाम आदि के प्रति सजग रहना चाहिए। 17 जनवरी से शनि आपकी राशि में आ जाएंगे, अतः कार्यों में व्यवधान उपस्थित रहेंगे। हालांकि आप परिश्रम व बुद्धि का उपयोग-इस्तेमाल करके अपने सारे काम बना देंगे। भविष्य को लेकर कुछ असंमजस व चिंताएं रहेंगी। शत्रु व षड्यंत्र सक्रिय तो होंगे, परंतु आपका अहित कुछ नहीं कर पाएंगे। घर-परिवार के कामों को आप प्राथमिकता देंगे।

शनि 17 जनवरी से आपकी राशि में आकर परिश्रम व मेहनत को बढ़ाएंगे। प्रत्येक काम के लिए आपको पहले से अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। व्यापार व कारोबार के विस्तार की जो योजना व प्लांनिग पिछले काफी समय से चली आ रही थी, उसमें कुछ सकारात्मकता आएगी। धन आगम का स्रोत प्रबल होगा। हालांकि शुरुआत में आपको प्रत्येक कार्य में परेशानियां आएंगी, लेकिन धीमे-धीमे स्थितियां पक्ष में होती जाएंगी। पति-पत्नी व जीवनसाथी का सहयोग हर मोर्चे पर आपको मिलेगा। माता-पिता व बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलेगा। वही आपकी सबसे बड़ी ताकत भी होगी, उसी के सहारे आप बड़ी से बड़ी मुश्किल व चुनौती को चुटकियों में पार कर लेंगे।
इस वर्ष योग, प्राणायाम, डाईट फूड, व्यायाम आदि से स्वास्थ्य के प्रति सजग रहकर आप उत्तम स्वास्थ्य का आनंद लेंगे। देवगुरु बृहस्पति 22 अप्रैल के बाद तीसरे स्थान में आकर विद्याथियों के मन में भटकाव उपस्थित करेंगे। विभागीय परीक्षा, नौकरी हेतु परीक्षा, ग्रुप डिसक्शन, जॉब इंटरव्यू आदि में सफलता आसान नहीं होगी, काफी प्रयास करने पड़ेंगे। राहु तीसरे स्थान में 30 अक्तूबर तक रहेंगे। अतः भाइयों से बंटवारे व सम्पत्ति संबंधी विवाद लम्बा खिंचता नजर आ रहा है। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य शनि की वक्र स्थिति स्वास्थ्य में गम्भीर उतार-चढ़ावों का कारण बन सकती है। शारीरिक, थकान सिरदर्द, सर्दी, जुकाम, गैस की समस्या तो रहेगी, परंतु डायबिटीज, ब्लडप्रेशर आदि जैसी बीमारियों में नित्य अपने स्वास्थ्य का परीक्षण करवाते रहें।
व्यापार व कारोबार में इस साल ठोस निर्णय लेने की आवश्यकता रहेगी। जिससे कार्यक्षेत्र में आपकी धाक व दबदबा विद्यमान रहेगा, जो योजना पिछले काफी समय से रुकी हुई व अटकी हुई थी, प्रयासों से उसे पूरा करने का समय अब आ गया है। व्यावसायिक प्रतिद्वन्दी व प्रतिस्पर्धी आपके सन्मुख बड़ी चुनौती व बड़ा लक्ष्य रख देंगे। इस साल 22 अप्रैल तक तो धन संचय के योग धनेश के स्वगृही होने के कारण बने हुए हैं, लेकिन 22 अप्रैल के बाद झटके से धन चला भी जाएगा।

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शेयर्स, एनसीडीएक्स, सट्टा बाजार, तेजी-मन्दी से सम्बन्धित कामों से थोड़ी दूरी बनाकर रखें। मशीनरी व व्यापार विस्तार की योजना पर भी धन का व्यय होगा। लेन-देन व रुपयों-पैसों से सम्बन्धित मामलों में सावधानी रखें। चिकनी चुपड़ी बातों में आकर धन का निवेश नहीं करें, किसी राजकीय परेशानी की स्थिति भी दिखलाई पड़ रही है। आयकर, कस्टम, सेल्स टैक्स, चुंगी व सर्विस टैक्स आदि से सम्बन्धित परेशानी पेश आ सकती है। इस साल 22 अप्रैल से पूर्व विद्यार्थियों के लिए सफलता के योग निर्मित हो रहे हैं। इंटरव्यू, साक्षात्कार आदि में सफलता के योग बने हुए हैं। भूमि, भवन, वाहन आदि की खरीद के योग तो हैं, परंतु दस्तावेजों की अच्छी तरह पड़ताल कर लें।

कुम्भराशि की चारित्रिक विशेषताएं

आपकी राशि का स्वामी शनि है। शनि के कारण कुंभ राशि का जातक प्रायः मेहनती तथा स्वाभिमानी होता है, अपने स्वयं की मेहनत व परिश्रम के बलबूते पर आगे बढ़ता है।
शनि पापग्रह है तथा इनका रंग काला है। कुंभ राशि वाला व्यक्ति प्रायः मध्यम कद, गेहुएं वर्ण, सिर गोल, फूले हुए नथुने व गाल, दीर्घकाय, तोंदयुक्त, गंभीर वाणी बोलने वाला व्यक्ति होता है। यह राशि पुरुष जाति सूचक, स्थिर संज्ञक व वायु तत्व प्रधान होती है। इस राशि वाले पुरुष का प्राकृतिक स्वभाव विचारशील, शांत चित्त, धर्मभीरु तथा नवीन आविष्कारों का प्रजनन है।
कुंभ राशि का चिह्न ‘जल से परिपूर्ण घट लिए हुए स्त्री’ है। अतः इस राशि वाले पुरुष की आकृति घड़े के समान गोल व घट के समान गंभीर व गहरी होती है। ऐसे व्यक्ति प्रायः बाहरी दिखावे में ज्यादा विश्वास रखते हैं। ये पूर्णतया रहस्यवादी व्यक्ति होते हैं। व्यापारिक क्षेत्र में अपनी पूंजी का फैलाव सही पूंजी से कई गुना अधिक करते हैं। इनकी वास्तविकता को पहचान पाना बड़ा ही कठिन है। ये बड़े-से-बड़ा जोखिम लेने में भी नहीं हिचकिचाते।
कुंभ राशि में उत्पन्न जातक स्वस्थ, बलवान एवं चंचल होते हैं, इनका व्यक्तित्व आकर्षक होता है, जिससे अन्य जन इनसे प्रभावित रहते हैं। ये स्वभाव से ही प्रगतिशील एवं क्रान्तिकारी विचारधारा से युक्त होते हैं तथा पुराने रीति-रिवाजों को कम ही स्वीकार करते हैं। अन्य जनों के प्रति इनके मन में स्नेह एवं सहानुभूति का भाव विद्यमान रहता है। धार्मिकता की भावना कम एवं आधुनिकता से परिपुष्ट विचारों के होते हैं। साहित्य एवं कला में रुचि के साथ-साथ ये उत्तम वक्ता भी होते हैं।
इनका सांसारिक दृष्टिकोण विशाल होता है तथा इनके हृदय में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं रहता है। अध्ययन के प्रति इनकी रुचि होती है तथा परिश्रमपूर्वक विभिन्न शास्त्रों का ज्ञान अर्जित करके एक विद्वान के रूप में सामाजिक मान-प्रतिष्ठा एवं सम्मान अर्जित करते हैं। अवसरानुकूल इनको नेतृत्व का भी अवसर प्राप्त हो जाता है। ये भावुकता से कोई भी कार्य नहीं करते तथा बुद्धिमत्तापूर्वक सोच-समझकर अपने कार्यों को पूर्ण करते हैं। धन, ऐश्वर्य, वैभव एवं भौतिक सुख-संसाधनों को अर्जित करके आनन्दपूर्वक इनका उपयोग करते हैं।
अतः इसके प्रभाव से आप स्वस्थ एवं बलवान होंगे, परन्तु मन में अस्थिरता का भाव होगा। आप अपनी विद्वता एवं बुद्धिमत्ता से शुभ एवं महत्त्वपूर्ण कार्यों को सम्पन्न करके इनमें सफलता अर्जित करेंगे, फलतः आपका उन्नति का मार्ग प्रशस्त रहेगा। आपकी दृष्टि भी सूक्ष्म रहेगी तथा अन्य जनों को प्रभावित करके उनके विषय में पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने में समर्थ होंगे।
आपका व्यक्तित्व आकर्षक होगा तथा अन्य जन आपसे प्रभावित रहेंगे। आप में पराक्रम एवं तेजस्विता का भाव भी रहेगा। फलतः अपने सांसारिक महत्त्व के कार्य-कलापों को आप परिश्रम से सम्पन्न करेंगे तथा इनमें सफलता प्राप्त करेंगे। यदा-कदा उग्रता के प्रदर्शन से आपको अनावश्यक समस्याओं तथा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
आर्थिक रूप से आपकी स्थिति सामान्यतया अच्छी रहेगी तथा आवश्यक मात्रा में धन एवं लाभ अर्जित करने में समर्थ होंगे। आप भ्रमणप्रिय होंगे और अवसरानुकूल भ्रमण तथा यात्रा आदि पर अपना काफी समय व्यतीत करेंगे। साथ ही व्यय भी आप मुक्त भाव से करेंगे, लेकिन उत्तम आय होने के कारण इनका कोई विशेष दुष्प्रभाव नहीं होगा।
धर्म के प्रति आपके मन में श्रद्धा रहेगी, परन्तु धार्मिक कार्य-कलापों एवं अनुष्ठानों को आप अल्प मात्रा में ही सम्पन्न करेंगे। यदा-कदा तीर्थ यात्रा पर भी आप जा सकते हैं। इस प्रकार आप पराक्रमी, बुद्धिमान एवं परिश्रमी पुरुष होंगे तथा भौतिक सुखों का उपभोग करते हुए आनन्दपूर्वक अपना समय व्यतीत करेंगे।
कुंभ राशि शीर्षोदय तथा तमोगुणी राशि है। इस राशि वाले जातक गुस्सा कम करते हैं और करते हैं तो फिर गांठ बांध लेते हैं। आप एकान्तप्रिय व्यक्ति हैं तथा स्वार्थपूर्ण भावनाओं से परिपूर्ण हैं। अगर आपका जन्म ‘धनिष्ठा’ नक्षत्र में है तो आप सर्वदा सरल स्वभाव वाले, उदार हृदय व स्नेहयुक्त व्यवहार से कीर्ति पाने वाले व्यक्ति हैं। अगर आप व्यापारी वर्ग के व्यक्ति हैं, तो आपका ‘वाहन-योग’ 36 वर्ष की अवस्था में बनता है।
धनिष्ठाः- यदि आपका जन्म कुंभ राशि के ‘धनिष्ठा नक्षत्र’ के तृतीय व चतुर्थ चरण (गू, गे) में हुआ है, तो आपका जन्म 7 वर्ष की मंगल की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-सिंह, गण-राक्षस, वर्ण-शूद्र, हंसक-वायु, नाड़ी-मध्य, पाया-तांबा एवं वर्ग-बिलाव है। धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मा व्यक्ति निडर एवं निर्भीक होता है। ये संगीत प्रेमी होते हैं और समाज में इनकी बहुत प्रतिष्ठा होती है।
शतभिषाः- यदि आपका जन्म कुुंभ राशि के ‘शतभिषा नक्षत्र’ (गो, सा, सी, सू) में हुआ है, तो आपका जन्म 18 वर्ष की राहु की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-अश्व, गण-राक्षस, वर्ण-शुद्र, हंसक-वायु, नाड़ी-आद्य, पाया-तांबा, प्रथम चरण का वर्ग-बिलाव तथा अंतिम तीनों चरणों का वर्ग-मेढ़ा है। इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति कूटनीतिज्ञ होते हैं। दूसरों को चकमा देकर अपना काम कराने में सिद्धहस्त होते हैं।
पूर्वाभाद्रपदः- यदि आपका जन्म कुंभ राशि के ‘पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र’ के प्रथम चरण (से, सो, द) में हुआ है, तो आपका जन्म 16 वर्ष की बृहस्पति की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-सिंह, गण-मनुष्य, वर्ण-शूद्र, हंसक-वायु, नाड़ी-आद्य, पाया-लोहा, प्रथम व द्वितीय का वर्ग-मेढ़ा तथा तृतीय चरण का वर्ग-सर्प है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक छोटी-छोटी बातों से उद्विग्न व तनावग्रस्त हो जाते हैं। इनमें स्वाभिमान की मात्रा विशेष होती है।
कुंभ राशि द्विबली व पश्चिम दिशा की स्वामिनी है। इस राशि से पेट के भीतरी भागों पर विचार किया जाता है। आपका स्वभाव मृदु, सरल एवं सद्गुणों से परिपूर्ण है, परन्तु संकोचशीलता आपकी कमी है। आपको प्रतिपल एक वहम-सा रहता है। आप ऐसा सोचते हैं कि अन्य जन आप से ईर्ष्या कर रहे हैं और आप अकारण उनसे उलझ पड़ते हैं। यदि आप में यह आदत विद्यमान है, तो यह कभी भी खतरनाक साबित हो सकती है। यदि आपको किसी प्रकार के दुःस्वप्न आते हैं, अकारण खिन्नता महसूस होती है एवं बनते कार्यों में दिक्कत एवं रुकावटें आती हैं तो फौरन ‘शनि मुद्रिका’ धारण करें। शनि मुद्रिका काले घोड़े के पैर की घुड़नाल से बनाई जाती है। यह लोहे की होती है। शनि का रत्न ‘नीलम’ भी आपके लिए अत्यधिक अनुकूल व लाभप्रद रहेगा।

कुम्भ राशि वालों के लिए उपाय

नीलम रत्न 4 1/4 रत्ती का धारण करें। शनिवार को शनि मंदिर में तिल व तेल चढ़ाएं। बैंगनी रंग का सुगन्धित रूमाल पास में रखें। नीलम के अभाव में काकानीली या कटैला रत्न धारण करें। काले उड़द जल में प्रवाहित करें। रोटी पर सरसों का तेल लगाकर कुत्ते या कौवे को खिलाएं। चींटियों को खाना खिलाएं।

कुम्भ राशि की प्रमुख विशेषताएं

  1. राशि ‒ कुंभ
    1. राशि चिह्न ‒ जल से भरा घड़ा लिए हुए स्त्री
    2. राशि स्वामी ‒ शनि
    3. राशि महत्त्व ‒ वायु तत्त्व
    4. राशि स्वरूप ‒ स्थिर
    5. राशि दिशा ‒ पश्चिम
    6. राशि लिंग व गुण ‒ पुरुष, तमोगुणी
    7. राशि जाति ‒ शूद्र
    8. राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ क्रूर स्वभाव, त्रिधातु प्रकृति
    9. राशि का अंग ‒ पैर
    10. अनुकूल रत्न ‒ नीलम
    11. अनुकूल उपरत्न ‒ काकानीली, कटैला
    12. अनुकूल धातु ‒ लोहा, त्रिलोह
    13. अनुकूल रंग ‒ नीला, आसमानी, काला
    14. शुभ दिवस ‒ शनिवार, शुक्रवार
    15. अनुकूल देवता ‒ शनिदेव
    16. व्रत, उपवास ‒ शनिवार
    17. अनुकूल अंक ‒ 8
    18. अनुकूल तारीखें ‒ 8/17/26
    19. मित्र राशियां ‒ मीन, वृषभ, मकर
    20. शत्रु राशियां ‒ कर्क, मेष, सिंह
    21. व्यक्तित्व ‒ अवधूत, योगी, साधक, तपस्वी, सत्यखोजी, अन्वेषक, यशस्वी
    22. सकारात्मक तथ्य ‒ संवेदनशील, समाजप्रिय, कुटुम्ब प्रेमी
    23. नकारात्मक तथ्य ‒ निरन्तर विचार बदलने की प्रवृत्ति
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