Makar Sankranti 2022 : मकर संक्रांति पर क्यों उड़ाई जाती है पतंग?
Makar Sankranti 2022 : सर्दियां अपने शबाब पर हैं लेकिन जल्दी ही दिन गर्म होने लगेंगे। सूरज फिर से चमकने लगेगा और जल्दी ही आप देखेंगे कि पूरा आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से ढक गया है। इसका मतलब यह है कि मकर संक्रांति आ चुकी है। क्या कभी आपने मकर संक्रांति त्योहार और इससे जुड़े पतंग उड़ाने की परंपरा के बारे में जानने की कोशिश की है? यह त्योहार सिर्फ तिल-गुड़ खाने के बारे में नहीं है बल्कि इसके और भी कई मायने हैं। आज इस लेख में हम मकर संक्रांति के महत्व और पतंग उड़ाने के कारण के बारे में जानने की कोशिश करते हैं।
क्यों मनाई जाती है मकर संक्रांति?
मकर संक्रांति त्योहार सूर्य देवता को समर्पित है, जिसे पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार उत्तरायण के शुभ काल की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन के साथ सर्दियों का अंत और बसंत की शुरुआत हो जाती है, जिससे किसानों को नई फसल मिलने की खुशी मिलती है। अब से दिन रात से बड़े होने शुरू हो जाते हैं। इस त्योहार के अवसर पर लोग पतंग उड़ाते हैं और तिल-गुड़ के साथ गजक जैसी पारंपरिक मिठाइयों का सेवन करते हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में मकर संक्रांति को अलग-अलग तरीके से सेलिब्रेट किया जाता है। देश के कुछ हिस्सों में लोग मिठाई और अभिवादन का आदान-प्रदान करते हैं तो कुछ हिस्सों में नदी में डुबकी लगाई जाती है। पतंगबाजी मकर संक्रांति का एक अभिन्न हिस्सा है। मकर संक्रांति के कुछ दिन पहले से ही रंग बिरंगी पतंग आसमान में आ जाती हैं।
मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने का महत्व
मकर संक्रांति के दौरान पतंग उड़ाने की परंपरा पूरे देश में निभाई जाती है और अब तो यह दुनिया के अन्य कई हिस्सों में फैल चुकी है। अगर आप यह सोचते हैं कि यह त्योहार केवल मस्ती के लिए है तो आप गलत हैं। इस त्यौहार के अन्य कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। पतंग उड़ाने से हमें सुबह की धूप का हेल्दी एक्सपोजर मिलता है और यह हम सब जानते हैं कि सूरज की किरणें विटामिन डी का बढ़िया स्रोत होती हैं। चूंकि सर्दियों के मौसम से लोग बीमार पड़ने लगते हैं तो सूरज की किरणें बीमारी को दूर भगाने में मदद करती हैं। सूरज की किरणों का लाभ लेने के कई तरह के स्किन इन्फेक्शन भी दूर होने लगते हैं। इसके साथ ही कुछ लोगों का यह भी मानना है कि पतंग उड़ा कर वे भगवान को शुक्रिया कहते हैं क्योंकि यह माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन छह महीने के बाद भगवान नींद से जागते हैं।
अंतरराष्ट्रीय पतंगबाजी त्योहार
गुजरात राज्य हर साल अंतरराष्ट्रीय पतंगबाजी त्यौहार की मेजबानी करता है, जिसकी शुरुआत 1989 में हुई थी। इस त्योहार के मौके पर लंदन, दक्षिणी कोरिया, न्यूजीलैंड, इंडोनेशिया और मलेशिया से लोग इसका हिस्सा बनने आते हैं। अपने देश के कोने-कोने से भी लोग पतंगबाजी करने गुजरात पधारते हैं। इस अवसर पर जितनी तरह की पतंगें देखने को मिलती है, वह शायद ही कभी और दिखती हों।