इस मंदिर में है हनुमान जी की उल्टी प्रतिमा स्थापित, जानिए इसके पीछे की कहानी: Miraculous Hanuman Temple
Miraculous Hanuman Temple: प्रभु श्री राम के परम भक्त हनुमान जी को संकट मोचन के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि वह भक्तों के सभी संकटों को दूर करने का काम करते हैं। भारत में बजरंगबली को समर्पित कई हजार मंदिर मौजूद है, जहां उनकी धूमधाम से पूजा-अर्चना होती है। हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान मंदिर में विशेष रूप से भीड़ होती है, क्योंकि उस दिन भक्त खास तौर से उनके दर्शन के लिए जाते हैं। आपने हनुमान जी के मंदिरों में खड़ी और बैठी हुई मूर्ति देखी होगी, लेकिन शायद ही कहीं आपने बजरंगबली की उल्टी प्रतिमा देखी होगी। दरअसल, ऐसा एक मंदिर मौजूद है, जहां बजरंगबली की उल्टी प्रतिमा विराजमान है और वहां लाखों भक्त दर्शन करने के लिए जाते हैं। इस मंदिर को लेकर एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है, जिसके बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं।
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क्यों उल्टी है बजरंग बली की प्रतिमा
मध्यप्रदेश के इंदौर से करीब 30 किलोमीटर दूर सांवेर गांव में यह मंदिर स्थित है। प्रभु श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी के दर्शन के लिए यहां पर देश भर से लोग आते हैं। इस मंदिर में हनुमान जी के अलावा प्रभु श्रीराम, सीता माता, लक्ष्मण और शिव-पार्वती की भी मूर्तियां हैं। जहां प्रतिदीन उनकी धूम-धाम से पूजा होती हैं। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि जब रावण रूप बदलकर भगवान श्री राम के सेना में शामिल हुआ था, तब वह रामजी और लक्ष्मण जी को मूर्छित करके पाताल लोक ले जा रहा था। तब भगवान राम और उनके भाई लक्ष्मण को पाताल लोक से वापस लाने के लिए हनुमान जी पाताल लोक में गए थे।
फिर हनुमान जी ने अहिरावण का वध किया था और राम-लक्ष्मण जी को वापस लेकर आए थे। कहा जाता है कि मंदिर वाले जगह से ही हनुमान जी ने पाताल में प्रवेश किया था, तभी यहां पर उनकी प्रतिमा का सिर नीचे की ओर हैं। क्योंकि उन्होंने पाताल लोक जाने के दौरान अपना सिर नीचे की ओर किया था। इसलिए इस मंदिर में उनके उल्टे प्रतिमा की पूजा की जाती हैं।
दर्शन मात्र से दूर हो जाएगी परेशानियां
इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि अगर कोई भक्त लगातार तीन या पांच मंगलवार या शनिवार को इस मंदिर में बजरंगबली की पूजा करने आता है, तो उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और बजरंगबली उसे मनवांछित फल भी देते हैं। इस मंदिर में मंगलवार या शनिवार को बजरंगबली की उल्टी प्रतिमा पर चोला चढ़ाने की भी परंपरा है। भक्त यहां पर अक्सर उन्हें चोला चढ़ाते रहते हैं। यहां हनुमान जी को भोग चढ़ाने के लिए कई तरह के प्रसाद भी मिल जाते है। साथ ही यह मंदिर सुबह सवेरे 6:00 बजे खुल जाता है और रात्रि में 9:00 तक आप हनुमान जी के दर्शन कर सकते हैं। दर्शन करने मात्र से ही आपको शांति का अनुभव होगा।