बधाई हो आप मांगलिक है, जाने क्यों है लकी: Manglik Dosha
Manglik Dosha: अक्सर आपने अपने घर या आस पड़ोस में लोगों को यह कहते हुए जरूर सुना होगा कि यह व्यक्ति मांगलिक है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल भारी होते हैं वे मांगलिक या उनके ऊपर मंगल दोष रहता है। जन्म कुंडली के अध्ययन से कुंडली के प्रथम भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव तथा द्वादश भाव में से किसी भी भाव में मंगल का होना जन्मपत्रिका को मांगलिक बना देता है। मांगलिक कुंडलियों में यदि मंगल प्रथम भाव में वृषभ या तुला राशि के हो तो ये जातक के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं ऐसा जातक क्रोधी, झगड़ालू और जिद्दी होता है अतः इस भाव से संबंधित मांगलिक दोष का विशेष ध्यान रखें।
कैसे तय करें मांगलिक दोष?

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, जब किसी व्यक्ति के लग्न भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव या द्वादश भाव में मंगल स्थित हो तो इससे कुंडली में मंगल दोष का निर्माण होता है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि इन भावों में होने पर जातकों को हमेशा नकारात्मक प्रभाव ही झेलने पड़ेगे। इन भावों में मंगल के होने से कुछ फायदे भी होते हैं। चलिए पहले बताते हैं कि मांगलिक दोष होने से जीवन में क्या कठिनाईयां आती हैं।
लेकिन इन तमाम परेशानियों का हल है। अगर आप मन को शांत करने के उपाय करें और गुस्से को काबू में रखें, तो मंगल दोष का कोई खास असर नहीं पड़ता। वैसे भी ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक 28 साल के बाद मंगल दोष का प्रभाव कम पड़ने लगता है। इसलिए जीवन के शुरुआती सालों में सावधानी बरतें और गुस्से पर काबू रखें। साथ ही संभव हो तो 28 साल के बाद ही विवाह करें। इससे पारिवारिक जीवन में बाधाएं कम आएंगी।
बधाई हो आप मांगलिक है
आम तौर पर कुंडली में मंगल दोष पाये जाने पर जातक घबरा जाते हैं और तमाम तरह की आशंकाओं से घिर जाते हैं। लेकिन आपको बता दें कि कुंडली में मांगलिक दोष का होना उतना बुरा नहीं है, जितना मांगलिक लोगों को बुरा माना जाता है। कई बार मजबूत मंगल की स्थिति बहुत ही अच्छे परिणाम लेकर आती है। वैसे भी मंगल का अर्थ शुभ होता है और मांगलिक कार्यों का मतलब भी यही होता है। इसलिए कुंडली में अगर मांगलिक दोष हो, तो घबराने की जरुरत नहीं, बल्कि खुश होने की जरूरत है। यहाँ आपको मंगल की स्थिति, किस तरह आपके जीवन में शुभ फलों की वजह बनाती है वो बताने जा रहें है ।
मांगलिक दोष के लाभ

जब मंगल प्रथम यानि लग्न भाव में हो तो ऐसे व्यक्ति साहसी और पराक्रमी होते हैं। ये कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी विजयी बनकर बाहर निकलते हैं। खेल, सेना, सेवा आदि क्षेत्रों में ये काफी नाम कमाते हैं। यदि चतुर्थ भाव में मंगल हो, तो ऐसे जातक शक्तिशाली और आकर्षक व्यक्तित्व वाले होते हैं। इन्हें भूमि, वाहन, सुख आदि की कमी नहीं रहती।
सप्तम भाव में मंगल होने से साझेदारी के काम में सफलता मिलती है। संपत्ति से जुड़े काम में शुभ परिणाम मिलते हैं। ऐसे जातक बड़े पद पर आसीन होते हैं और शरीर से स्वस्थ रहते हैं। अष्टम भाव में मंगल हो, तो आकस्मिक रूप से धन लाभ के योग बनते हैं। साथ-साथ ऐसे जातक सर्जरी में शानदार करियर बना सकते हैं। साथ मांगलिक लोग अपने लक्ष्य के प्रति अटल होते है, एक बार जो इन्होंने ठान लिया यह वो करके ही रहते है।
मांगलिक लोगों का स्वभाव और व्यक्तित्व
जो लोग मांगलिक होते हैं वो अपने जीवन में बेहद ही अनुशासित होते हैं और कोई भी काम प्लानिंग के साथ करते हैं। अनुशासन इन लोगों के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण होता है जिसे ये अपने जीवन के हर एक पहलू में फॉलो करते हैं। ये लोग जो भी काम शुरू करते हैं उसे अंजाम तक पहुंचाए बिना नहीं मानते।
ऐसे लोग साहसी और निडर होते हैं। लड़ाई झगड़ों और जीवन की बड़ी से बड़ी परेशानियों तक से नहीं घबराते बल्कि उनका डटकर सामना करते हैं। इनका व्यक्तित्व काफी प्रभावशाली होता है जिस वजह से इनकी तरफ कोई भी तुरंत ही आकर्षित हो जाता है।