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मनुष्य जीवन में बुध ग्रह का महत्त्व: Budh Grah

12:02 PM Feb 28, 2024 IST | Srishti Mishra
मनुष्य जीवन में बुध ग्रह का महत्त्व  budh grah
TULSI
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Budh Grah: भारतीय ज्योतिष में 12 राशियों व नवग्रहों का विशेष महत्त्व है। इन्हीं नवग्रहों में से एक ग्रह है बुध। जो कि कहने को तो बड़ा शांत ग्रह है परन्तु मनुष्य की कुंडली और भारतीय ज्योतिष शास्त्र में अपना विशेष स्थान रखता है। इसकी शुभ या अशुभ ग्रहों के साथ युति मनुष्य का भाग्य बदल देती है। भारतीय ज्योतिष में बुध के व्यापक महत्त्व को समझें इस लेख से।

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म नुष्य के भाग्य परिवर्तन में विशेष भूमिका निभाने वाला बुध ग्रह 25 दिन तक एक राशि में निवास करता है। ग्रहों में इसे युवराज कहा गया है। इसमें पृथ्वी तथा वायु दोनों तत्त्व मौजूद हैं। अकेले बुध की गणना शुभ ग्रह में होती है। मनुष्य शरीर में कंधे से लेकर गर्दन तक इसका अधिकार रहता है। इसके द्वारा भाई, सुहृद, मामा, चाचा, भतीजा, विद्या, बुद्धि, चातुर्य आदि के संबंध में विचार किया जाता है।
भारतीय वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को मुख्य रूप से वाणी और बुद्धि का कारक माना जाता है। इसलिए बुध के प्रबल प्रभाव वाले जातक आमतौर पर बहुत बुद्धिमान होते हैं तथा उनका अपनी वाणी पर बहुत अच्छा नियंत्रण होता है, जिसके चलते वे अपनी बुद्धि तथा वाणी कौशल के बल पर मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों को भी अपने अनुकूल बना लेने में सक्षम होते हैं। अपनी इन्हीं विशेषताओं के चलते बुध आमतौर पर उन्हीं क्षेत्रों तथा उनसे जुड़े लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनमें सफलता प्राप्त करने के लिए चतुर वाणी, तेज गणना तथा बुद्धि कौशल की आवश्यकता दूसरे क्षेत्रों की अपेक्षा अधिक होती है जैसे कि वकील, पत्रकार, वित्तीय सलाहकार तथा अन्य प्रकार के सलाहकार, अनुसंधान तथा विश्लेषणात्मक क्षेत्रों से जुड़े व्यक्ति, मार्केटिंग क्षेत्र से जुड़े लोग, व्यापार जगत से जुड़े लोग, मध्यस्थता करके मुनाफा कमाने वाले लोग, राजनीतिज्ञ, राजनयिक, अध्यापक, लेखक, ज्योतिषि तथा ऐसे ही अन्य व्यवसाय तथा उनसे जुड़े लोग। इस प्रकार यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि आज के इस व्यावसायिक जगत में बुध ग्रह के प्रभाव वाले जातक ही सबसे अधिक सफल पाये जाते हैं। सूर्य, शुक्र, राहु तथा केत इसके नैसर्गिक मित्र हैं जबकि चंद्रमा पिता होते हुए भी इसके लिए शत्रु समान ही है। मंगल, गुरु तथा शनि से यह समभाव रखता है यानी उदासीन रहता है। इसकी एक विशेषता यह भी है कि जब यह शुभ ग्रह से युक्त रहता है तो शुभ तथा पाप ग्रह से युक्त हो तो अशुभ माना जाता है।

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वृषभ, कन्या व मकर राशि का बुध जातक को बड़ा व्यापारी बनाता है या बड़ी कंपनियों में नौकरी दिलाता है। कर्क, वृश्चिक और मीन का बुध प्रूफरीडर, समालोचक बनाता है। मेष या सिंह में बुध हो, तो जातक समालोचक या मिमिक्री आर्टिस्ट बन जाता है। धनु राशि का बुध निर्भीक, सत्यप्रिय व मर्मभेदी लेखन करने वाला बनाता है। मिथुन का बुध होने पर जातक व्यर्थ बातों में समय गंवाता है। तुला का बुध कला व साहित्य में श्रेष्ठ अभिरुचि देता है। कुंभ राशि व वृश्चिक राशि में बुध स्पष्टवादी व तीखी भाषा का उपयोग करने वाला बना देता है। लग्नस्थ बुध पर यदि पाप प्रभाव हो, बुध अस्त हो या शत्रु क्षेत्री हो, तो शुभ प्रभाव क्षीण होते हैं, वाणी दोष उत्पन्न होते हैं, भाग्य व बुद्धि क्षीण हो जाती है। बुध को मजबूत करने के लिए हरी वस्तु का प्रयोग, गणेश पूजन व पन्ना रत्न धारण करना अच्छा रहता है।

स्वभाव में चिड़चिड़ापन।
जुए-सट्टे के कारण धन की बड़ी हानि।
दांत से जुड़े रोगों के कारण परेशानी।
सिर दर्द के कारण अधिक तनाव की स्थिति।

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मां दुर्गा की आराधना करें।
ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे मंत्र का 5 माला जाप करें।
देवी के सामने अखंड घी का दीया जलाएं।
घर की पूर्व दिशा में लाल झंडा लगाएं।
सोने के आभूषण धारण करें, हरे रंग से परहेज करें।
खाली बर्तनों को ढककर न रखें।
चौड़े पत्ते वाले पौधे घर में लगाएं, मुख्य द्वार पर पंचपल्लव का तोरण लगाएं।
100 ग्राम चावल, चने की दाल बहते जल में प्रवाहित करें।

  1. बुध की वस्तुओं से स्नान- बुध की वस्तुओं का स्नान करने के लिए स्नान के पानी में साबुत चावल के दाने डालकर स्नान किया जाता है। तांबे के बर्तन में जल भरकर रात भर रखने के बाद इस जल को ग्रहण किया जाता है। ऐसा करने पर तांबे के गुण जल के साथ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करते हैं तथा बुध से जुड़े रोग होने पर यह उपाय करने पर लाभ प्राप्त होता है। इस उपाय को करते समय बुध के मंत्र का जाप करने पर उतम फल प्राप्त होते हैं।
  2. बुध के दान- बुध के लिए दान की जाने वाली वस्तुओं में हरी मूंग की दाल आती है। बुध की वस्तुओं में तांबे का दान भी किया जा सकता है। बुध की वस्तुएं दान करने पर बुद्धि व शिक्षा कार्यों में सफलता मिलती है। ये दान प्रत्येक बुधवार को किए जा सकते हैं। दान की मात्रा अपनी सामर्थ्य के अनुसार लेनी चाहिए।
  3. बुध का मंत्र- बुध मंत्र में 'ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम: का जाप करना चाहिए। इस मंत्र की एक माला अर्थात् 108 बार जाप करने से बुध ग्रह की शान्ति होती है। बुध ग्रह जब गोचर में व्यक्ति के अनुकूल फल नहीं दे रहा हो तो इस मंत्र का जाप प्रतिदिन करना चाहिए। बुध की महादशा में शुभ फल पाने के लिए बुध की महादशा अन्तर्दशा में नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करना लाभकारी रहता है।
  4. बुध यंत्र धारण करना- बुध यंत्र को अपने या अपनी संतान के अध्ययन कक्ष में लगाने से शिक्षा में उतम फल प्राप्त होने की संभावना बनती है। इस यंत्र को विशेष रूप से अपने व्यापारिक क्षेत्र में लगाने से व्यापार में उन्नति की संभावनाएं बनती है।

बुध को विद्या, बुद्धि, विवेक और कार्य क्षमता का कारक ग्रह माना गया है। यदि आपकी लग्न कुंडली में बुध कन्या राशि में अवस्थित उच्च का है या चौथे अथवा दशम भाव में है तो बुध की महादशा आपके लिए विकास के बहुत सारे अवसर लेकर आती है। वैसे तो बुध की महादशा सभी के लिए सामान्य होती है लेकिन कन्या व मिथुन राशि के जातकों के लिए उत्तम होती है।

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मीन राशि के जातकों के निर्णय बुध की महादशा में गलत हो सकते हैं। विद्या प्राप्ति और कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए बुध की महादशा में विधारा की जड़ धारण करें। गणेश जी का प्रतिदिन पूजन करें। कुंडली का पंचम भाव विद्या एवं संतान का कारक स्थान होता है। कन्या लग्न में इस स्थान में मकर राशि का स्वामी शनि है। शनि की इस राशि में बुध हो तो व्यक्ति को शिक्षा के क्षेत्र में काफी लाभ प्राप्त होते हैं। इन लोगों की विद्या एवं बुद्धि श्रेष्ठ होती है और इसी कारण इन्हें समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है। बुध के प्रभाव से ऐसे लोग सुंदर, स्वाभिमानी, सुखी और धनवान होते हैं। कुंडली का षष्ठम भाव शत्रु एवं रोग का कारक स्थान होता है। कन्या लग्न में षष्ठम भाव कुंभ राशि का स्वामी है। शनि की इस राशि में बुध होने पर व्यक्ति को शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। ये लोग अपनी समझ और बुद्धि से अन्य लोगों पर प्रभाव जमाते हैं और अपना काम निकाल लेते हैं। ऐसे ग्रह योग वाले लोगों को ननिहाल पक्ष से अच्छा लाभ प्राप्त होता है। हालांकि ये लोग शारीरिक रूप से ज्यादा सुंदर नहीं दिखाई देते हैं। पिता की ओर से भी इन्हें पूरा सहयोग प्राप्त नहीं हो पाता है।

  1. जिस जातक के लग्न में बुध होता है वह अपने पूरे जीवन को व्यवस्थित करता हुआ उन्नति की ओर अग्रसर होता है। उसकी बुद्धि श्रेष्ठ होती है। उसका शरीर स्वर्ण के समान कांतिवाला और वह प्रसन्नचित्त प्राणी होता है। ऐसा व्यक्ति दीघार्यु, गणितज्ञ, विनोदी, उदार व मितभाषी होता है।
  2. दूसरे भाव में हो तो वह बुद्धिमान तथा परिश्रमी होता है। सभा आदि में भाषण द्वारा वह जनता को मंत्रमुग्ध कर सकता है।
  3. तीसरे भाव में हो तो ऐसा व्यक्ति व्यापारी से मित्रता स्थापित करने वाला होता है।
  4. चौथे भाव में हो तो व्यक्ति बुद्धिमान होता है। राज्य में उसकी प्रतिष्ठा तथा मित्रों से सम्मान प्राप्त होता है।
  5. पांचवे भाव में हो तो उसे संतान सुख का अभाव रहता है। यदि होता भी है तो वृद्धावस्था में पुत्र लाभ प्राप्त होता है।
  6. छठे भाव में हो तो उसका अन्य मनुष्यों के साथ विरोध रहता है।
  7. सातवें भाव में हो तो वह स्त्री के लिए सुखदायक होता है।
  8. आठवें भाव में हो तो उस व्यक्ति की उम्र लंबी होती है। यह देश-विदेश में भी ख्याति लाभ दिलाता है।
  9. नौवें भाव में हो तो मनुष्य धार्मिक कार्यों में रुचि लेने वाला, बुद्धिमान, तीर्थ आदि करने वाला होता है।
  10. दसवें भाव में हो तो ऐसा जातक पिता द्वारा अर्जित धन प्राप्त करता है।
  11. ग्यारहवें भाव में हो तो वह व्यक्ति को बहुत सारी संपत्ति का मालिक बनाता है। ऐसा व्यक्ति लेखक या कवि भी होता है।
  12. बारहवें भाव में हो तो ऐसा व्यक्ति विद्वान होते हुए भी आलसी होता है।

बुध की दशा में सुधार हेतु बुधवार के दिन व्रत रखना चाहिए। गाय को हरी घास और हरी पत्तियां खिलानी चाहिए। अनाथों एवं गरीब छात्रों की सहायता करने से बुध ग्रह से पीड़ित व्यक्तियों को लाभ मिलता है। मौसी, बहन, चाची व बेटी के प्रति अच्छा व्यवहार बुध ग्रह की दशा से पीड़ित व्यक्ति के लिए कल्याणकारी होता है।
अपने घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाना चाहिए तथा निरन्तर उसकी देखभाल करनी चाहिए। बुधवार के दिन तुलसी पत्र का सेवन करना चाहिए।
बुधवार के दिन हरे रंग की चूड़ियां हिजड़े को दान करनी चाहिए।
हरी सब्जियां एवं हरा चारा गाय को खिलाना चाहिए।
बुधवार के दिन गणेश जी के मंदिर में मूंग के लड्डुओं का भोग लगाएं तथा बच्चों को बांटें।
घर में खंडित एवं फटी हुई धार्मिक पुस्तकें एवं ग्रंथ नहीं रखने चाहिए।
अपने घर में कंटीले पौधे, झाड़ियां एवं वृक्ष नहीं लगाने चाहिए। फलदार पौधे लगाने से बुध ग्रह की अनुकूलता बढ़ती है।
तोता पालने से भी बुध ग्रह की अनुकूलता बढ़ती है।

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