शादी के तुरंत बाद कैसे हैंडल करें परिवार और ऑफिस: Marriage Tips
Marriage Tips: वर्किंग वुमन एक वंडर वूमन होती है क्योंकि हर दिन दो अलग-अलग जिंदगियों के बीच तालमेल बिठाना आसान काम नहीं होता। वर्किंग वुमन को अपने काम और परिवार की देखभाल के लिए जितना अधिक समय, कड़ी मेहनत और समर्पण होता है, वह शायद ही किसी और में देखने को मिलेगा। शादी से पहले परिवार की जिम्मेदारी न होने से वर्किंग वुमन के लिए लाइफ बहुत ईजी होती है। लेकिन शादी के बाद यही लाइफ थाड़ी मुश्किल बन जाती है। शादी के बाद अधिकांश महिलाओं को काम और घर दोनों जगह संघर्ष करना पड़ता है। जिससे उनमें अत्यधिक तनाव, थकान और चिंता की समस्या बढ़ जाती है। शादी के बाद वर्किंग वुमन को वर्क-होम लाइफ मैनेज करने के लिए यहां कुछ तरीके बताए जा रहे हैं, जिनकी मदद से वर्किंग वुमन अपने वर्क और होम लाइफ का संतुलित बना सकती हैं।
अपनी हेल्थ का रखें ध्यान

किसी के लिए भी उसकी हेल्थ सबसे पहली प्राथमिकता होती है। आपको अपनी प्रोफेशनल लाइफ और पर्सनल लाइफ को बैलेंस करने के लिए सबसे पहले अपनी खाने की आदत और सोने के समय को बेहतर ढंग से मैनेज करने की जरूरत है। अगर आप पहले इस पर ध्यान नहीं देते हैं तो आप मानसिक और शारीरिक रूप से तनाव महसूस करेंगे। इसलिए, आप ऑफिस और होम दोनों ही जगह अपना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे।
जीवनसाथी से करें स्पष्ट संवाद

अगर आप ऑफिस और घर के काम का बोझ बहुत अधिक महसूस कर रही हैं तो अपने जीवनसाथी को इसके बारे में स्पष्ट रूप से बताएं कि आप क्या महसूस कर रही हैं। अपने जीवनसाथी के साथ इस तरह की बातचीत करने का रुटीन बनाएं क्योंकि एक समय ऐसा आएगा जब आपको अपने जीवनसाथी पर पूरी तरह से डिपेंड होना पड़ेगा। तब ऐसे में जीवनसाथी के सपोर्ट की आपको सबसे पहले और सबसे ज्यादा जरूरत होगी।
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अपने लिए निकालें कुछ समय

जब आप बहुत ज्यादा बिजी रहते हों तब अपने आप को एक मिनी ट्रीट दें। आप लगातार काम नहीं कर सकते और ब्रेक लेने से आपको अपने काम में अधिक प्रोडक्टिव बनने में मदद मिलेगी। अपने लिए कुछ अच्छी डिनर डेट, मेनीक्योर, मेडिटेशन, या हॉबी टाइम आदि के साथ इंगेज करें। इससे आपको अपने दिमाग और शरीर को फिर से तरोताजा बनाने में मदद मिलेगी।
अपनी सीमाओं को तय करें

अपने वर्क और फैमिली टाइम में बाउंड्री बनाएं और उसका पालन करें इससे आपको दोनों जगह कुशलता से संतुलन बनाने में मदद मिलेगी। ऑफिस में ओवर टाइम न करने का दृढ़ता से पालन करें। पारिवारिक कर्तव्यों का अत्यधिक बोझ उठाने से भी बचें। सीमाएं निर्धारित करना तभी संभव है जब आपके परिवार के लोग भी आपके द्वारा तय की गई सीमाओं का पालन करें।
निगेटिविटी से रहें दूर

अगर आपके आसपास ऐसे लोग हैं जो हमेशा आपके लाइफ बैलेंस के बारे में नकारात्मक बाते करते हैं, तो उन लोगों को अपने से दूर कर दें। यह समझना जरूरी है कि आपके पास पहले से ही बहुत प्रेशर है, ऐसे में बहुत अधिक निगेटिव विचार आपको और अधिक परेशान कर सकते हैं। निगेटिव लोगों के साथ रहने से आपके ब्रेन में पॉजिटिव विचारों का बनना बंद हो सकता है।
जरूरत पड़ने पर मदद लें

अगर आप ऑफिस में बहुत ज्यादा काम कर रहे हैं, और वापस घर आने पर घर के काम करने में असमर्थ हैं तो जीवनसाथी या परिवार के अन्य सदस्यों से मदद मांगने में झिझके नहीं। ऐसा करने से आप अपने आप को कमजोर साबित नहीं करेंगे बल्कि ऐसा करने से आपको अपने जीवनसाथी या परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अधिक समय बिताने का मौका मिलेगा और साथ काम करने से जुड़ाव भी अधिक होगा। घर के कुछ कामों के लिए हाउसकीपर रखने से भी आपको बहुत मदद मिल सकती है।